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MP High Court 10 लाख के घोटाले में क्या कार्रवाई की, हाई कोर्ट ने बुरहानपुर कलेक्टर से मांगा जवाब - 10 लाख के घोटाले में क्या कार्रवाई की

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बुरहानपुर में आदिवासी विकास विभाग (Burhanpur Tribal Development Department) में हुए 10 लाख रुपए के घोटाले (Scam of 10 lakhs) को लेकर सख्ती दिखाई है. हाई कोर्ट ने कलेक्टर से पूछा है कि दो साल बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. एकलपीठ ने पूछा है कि कमिश्नर द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इसके लिये एकलपीठ ने एक सप्ताह की मोहलत दी है. एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को निर्धारित की है.

High Court asked Burhanpur Collector
10 लाख के घोटाले में क्या कार्रवाई की हाई कोर्ट ने कलेक्टर से मांगा जवाब
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Published : Nov 23, 2022, 2:39 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने बुरहानपुर में 10 लाख के घोटाले संबंधी मामले अब तक की कार्रवाई के बारे में जवाब तलब किया है. यह मामला बुरहानपुर निवासी रिटायर्ड शिक्षक बलीराम धुर्वे की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि उसकी शिकायत पर ट्रेजरी ऑफीसर की कमेटी द्वारा जांच की गई थी. इसमें आदिवासी विकास विभाग कार्यालय बुरहानपुर में अवैध रूप से 10 लाख रुपए हड़पने संबंधी आरोप के प्रमाण पाए गए थे.

दो साल बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं : उक्त रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने कमिश्नर आदिवासी विकास से निर्देश मांगा था. इस पर कमिश्नर ने 2019 में कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए विभागीय आरोप पत्र तैयार कर कार्रवाई की जाए. इसके बावजूद 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है किंतु कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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7 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करें : कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता निर्देश दिए हैं 7 दिन के अंदर न्यायालय को अवगत कराया जाए कि कमिश्नर के निर्देश के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई क्यों नहीं की. अभी तक की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ पेश करें. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने बुरहानपुर में 10 लाख के घोटाले संबंधी मामले अब तक की कार्रवाई के बारे में जवाब तलब किया है. यह मामला बुरहानपुर निवासी रिटायर्ड शिक्षक बलीराम धुर्वे की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि उसकी शिकायत पर ट्रेजरी ऑफीसर की कमेटी द्वारा जांच की गई थी. इसमें आदिवासी विकास विभाग कार्यालय बुरहानपुर में अवैध रूप से 10 लाख रुपए हड़पने संबंधी आरोप के प्रमाण पाए गए थे.

दो साल बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं : उक्त रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने कमिश्नर आदिवासी विकास से निर्देश मांगा था. इस पर कमिश्नर ने 2019 में कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए विभागीय आरोप पत्र तैयार कर कार्रवाई की जाए. इसके बावजूद 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है किंतु कलेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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7 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करें : कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता निर्देश दिए हैं 7 दिन के अंदर न्यायालय को अवगत कराया जाए कि कमिश्नर के निर्देश के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई क्यों नहीं की. अभी तक की गई कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ पेश करें. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा.

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