बुरहानपुर: गुस्साई बुजुर्ग महिला ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर से कहा कि आप भी पूरा जंगल काटा है तब आए हम जब एकाध दिन दो-चार मर जाते तब आते हमारा अंतिम संस्कार करने. विधायक से कहा कि आप तो वोटिंग के समय हमारे हाथ-पैर छू रहे थे. जंगल बचाने के लिए हम मांग कर रहे है. कोई गलती थोड़ी न कर रहे हैं. पहले क्षेत्र में जंगल का विकास करें फिर विकास यात्रा निकाले. ग्रामीणों के भारी विरोध को देख जनप्रतिनिधी गांव वालों को आश्वस्त कर गांव से चलते बने. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि "जंगल की कटाई कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मुद्दे को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाक़ात करेंगे और इस समस्या से उन्हें अवगत कराएंगे.
ग्रामीणों ने की जान भी नौछावर करने की बात: ग्राम घाघरला में कटे हुए जंगल की स्थिति देखने के लिए सासंद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर और पूर्व विधायक मंजू दादू सहित कई बीजेपी नेता पहुंचे. लेकिन उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. जिस जगह सांसद, विधायक बैठे थे. वहां करीब बीस मिनट तक ग्रामीण उनके पास नहीं गए. जिला पंचायत सदस्य किशन धांडे के समझाने के बाद ग्रामीण मिलने को राजी हुए. गांव वालों ने जंगल बचाने के लिए अपनी जान भी नौछावर करने की बात कही हैं.
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ग्रामीणों ने लगाया आरोप: ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा जंगल कटने से पहले ही हमने प्रशासन को अवगत कराया था, बावजूद इसके बड़े पैमाने पर जंगल की कटाई की गई हैं. ग्रामीणों ने नेताओं पर फोन न उठाने के भी आरोप लगाए हैं. वन समिति अध्यक्ष अनिल पाटिल ने बताया कि" जब तक जंगल का पूरी तरह विकास नहीं हो जाता तब तक गांव में विकास यात्रा नहीं निकलेगी. पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही हैं. प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है. पान खेड़ा में अतिक्रमणकारियों ने बना लिए और खेत निकालकर मूंग की बुआई कर दी हैं जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना एक पेड़ लगाते और यहां पूरा जंगल कट रहा है. हमे पूरा जंगल अतिक्रमण मुक्त चाहिए. वन कटाई करने वालो पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि अतिक्रमणकारियों को बढ़ावा ना मिले.