बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर पिपरी रैय्यत ग्राम पंचायत के चिड़ियापानी गांव में सरपंच सचिव की मनमानी के चलते 50 से अधिक परिवारों को पांच साल बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे ग्रामीण आवास के लिए तरस रहे हैं. अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. बावजूद इसके ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि हमारा नाम योजना सूची में है. इसके बावजूद हमें अब तक आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. इसके कारण हमें कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहना पड़ रहा हैं. इतना ही नहीं ग्रामीणों का आरोप है कि सहायक सचिव पंचायत और सरपंच द्वारा ठीक से सर्वे नहीं कराया गया.
पात्र लाभार्थियों को छोड़कर अपात्र लोगों को योजना का लाभ
गांव के ज्यादातर लोगों के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है. ऐसे में अगर कुछ दुर्घटना होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?. ग्रामीण कच्चे घरों में रहने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार ने उन्हें पक्के मकान देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की हैं, लेकिन कुछ लोग कमीशन के चक्कर में पात्र लाभार्थियों को छोड़कर अपात्र लोगों को योजना का लाभ दे रहे हैं.
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इस मामले में जनपद सीईओ केके खेड़े ने बताया कि जंगल होने के कारण वन विभाग द्वारा मकान नहीं बनाने दिया जा रहा है, जबकि अन्य लोग जो यहां हैं, उनके घर बने हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, वन विभाग कुछ लोगों को अनुमति नहीं दे रहा है. वहीं जिला पंचायत सीईओ अदिति गर्ग ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी. जो भी पात्र हितग्राही है, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा.