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स्टेशन पर फलों के छिलके से हो रही गंदगी देख छात्र का मन हुआ उदास, केले के छिलके से बना दिया पशु आहार

यात्रा के दौरान अक्सर लोग फल खाकर उसके छिलके रास्ते में फेंक देते हैं. इसके चलते फेंके गए छिलके से सड़क और स्टेशन पर गंदगी फैल जाती है. इस गंदगी से निजात पाने के लिए बुरहानपुर के मां इच्छादेवी स्कूल के एक छात्र ने तरकीब निकाली है

छात्र मनीष
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Published : Feb 28, 2019, 8:53 PM IST

बुरहानपुर। यात्रा के दौरान अक्सर लोग फल खाकर उसके छिलके रास्ते में फेंक देते हैं. इसके चलते फेंके गए छिलके से सड़क और स्टेशन पर गंदगी फैल जाती है. इस गंदगी से निजात पाने के लिए बुरहानपुर के मां इच्छादेवी स्कूल के एक छात्र ने तरकीब निकाली है. छात्र मनीष ने छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है.


दरअसल, मां इच्छादेवी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मनीष पाटिल ने केले के छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है. छात्र के मुताबिक एक बार जब वह अपने रिश्तेदार को स्टेशन छोड़ने गया था तो उसने लोगों को छिलके स्टेशन पर फेंकते देखा, जिसके बाद उसने यह प्रोजेक्ट तैयार किया.

छात्र ने बनाया छिलके से पशु आहार


इस प्रोजेक्ट को पहले तो जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में रखा गया. जहां से यह संभाग स्तरीय, राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर तक चयनित हुआ. छात्र ने इस उपलब्धि से गांव का नाम रोशन किया है. प्रोजेक्ट को मां देवी मंदिर ट्रस्ट बड़ा रूप देने की तैयारी में है. बता दें कि यह ट्रस्ट गौशाला भी संचालित करता है, जहां 100 से ज्यादा गाय हैं. इस पौष्टिक पशु आहार को बनाकर पहले तो इस गौशाला में प्रयोग किया जाएगा. उसके बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य गौशालाओं में भी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

कैसे बनाया पशु आहार
इसको बनाने के लिए एक बड़े ग्राइंडर में वेस्टेज केले के छिलको को क्रश करके उसके भूसे में पानी डालकर केक का आकार देकर सुखाया जाता है. शिक्षक स्वप्निल महाजन ने बताया कि मनीष द्वारा केले के छिलके से पौष्टिक पशु आहार का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो अन्य पशु आहार की तुलना में कम लागत में बनकर तैयार हो जाएगा साथ ही पशुओं के लिए सेहतमंद भी होगा.

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बुरहानपुर। यात्रा के दौरान अक्सर लोग फल खाकर उसके छिलके रास्ते में फेंक देते हैं. इसके चलते फेंके गए छिलके से सड़क और स्टेशन पर गंदगी फैल जाती है. इस गंदगी से निजात पाने के लिए बुरहानपुर के मां इच्छादेवी स्कूल के एक छात्र ने तरकीब निकाली है. छात्र मनीष ने छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है.


दरअसल, मां इच्छादेवी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मनीष पाटिल ने केले के छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया है. छात्र के मुताबिक एक बार जब वह अपने रिश्तेदार को स्टेशन छोड़ने गया था तो उसने लोगों को छिलके स्टेशन पर फेंकते देखा, जिसके बाद उसने यह प्रोजेक्ट तैयार किया.

छात्र ने बनाया छिलके से पशु आहार


इस प्रोजेक्ट को पहले तो जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में रखा गया. जहां से यह संभाग स्तरीय, राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर तक चयनित हुआ. छात्र ने इस उपलब्धि से गांव का नाम रोशन किया है. प्रोजेक्ट को मां देवी मंदिर ट्रस्ट बड़ा रूप देने की तैयारी में है. बता दें कि यह ट्रस्ट गौशाला भी संचालित करता है, जहां 100 से ज्यादा गाय हैं. इस पौष्टिक पशु आहार को बनाकर पहले तो इस गौशाला में प्रयोग किया जाएगा. उसके बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य गौशालाओं में भी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.

कैसे बनाया पशु आहार
इसको बनाने के लिए एक बड़े ग्राइंडर में वेस्टेज केले के छिलको को क्रश करके उसके भूसे में पानी डालकर केक का आकार देकर सुखाया जाता है. शिक्षक स्वप्निल महाजन ने बताया कि मनीष द्वारा केले के छिलके से पौष्टिक पशु आहार का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो अन्य पशु आहार की तुलना में कम लागत में बनकर तैयार हो जाएगा साथ ही पशुओं के लिए सेहतमंद भी होगा.

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Intro:अक्सर लोगों द्वारा घरों, दुकानों, बाजार या यात्रा के दौरान केले खाने के बाद छिलकों को सड़को या तो स्टेशनों पर फेंक दिया जाता है, फेंके गए के छिलके सड़कों और स्टेशनों पर गंदगी फैलाते हैं, इस गंदगी से निजात पाने और केले के छिलकों का सदुपयोग करने के लिए बुरहानपुर जिले के ग्राम इच्छापुर के माँ ईच्छादेवी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र मनीष पाटिल ने केले के छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया, इस प्रोजेक्ट को पहले तो जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में रखा गया जहां से यह संभाग स्तरीय, राज्य स्तरीय और फिर राष्ट्रीय स्तर तक चयनित हुआ, छात्र ने इस उपलब्धि से गांव का नाम रोशन किया है।


Body:अब इस प्रोजेक्ट को माँ देवी मंदिर ट्रस्ट बड़ा रूप देने की तैयारी में है, बता दें कि यह ट्रस्ट गौशाला भी संचालित करता है, जहां 100 से अधिक गौ-माता है, इस पौष्टिक पशु आहार को बनाकर पहले तो इस गौशाला में प्रयोग किया जाएगा उसके बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य गौशालाओं में भी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा, यह पशु आहार अन्य पशु आहार की तुलना में कम लागत में बनकर तैयार हो जाएगा, साथ ही पशुओं के लिए सेहतमंद भी साबित होगा, जिसको बनाने के लिए एक बड़े ग्राइंडर में वेस्टेज केले के छिलको को क्रश करके उसके भूसे में पानी डालकर केक के आकार का देकर सुखाया जाता है।


Conclusion:छात्र मनीष पाटिल ने बताया कि वह एक दिन अपने किसी रिश्तेदार को स्टेशन छोड़ने गए थे, उनके सामने किसी ने केले का छिलका स्टेशन पर फेंक दिया जिससे उनका मन काफी दुखी हुआ और उस दिन से उन्होंने केले के छिलके का सदुपयोग करने का ठान ली, जिसके बाद उन्होंने केले के छिलके से पशु आहार बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया, जिसे राष्ट्रीय स्तर तक सराहा गया ।

तो वही शिक्षक स्वप्निल महाजन ने बताया कि मनीष द्वारा केले के छिलके से पौष्टिक पशु आहार का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जो अन्य पशु आहार की तुलना में कम लागत में बनकर तैयार हो जाएगा साथ ही पशुओं के लिए सेहतमंद भी होगा।

बाईट 01:- मनीष पाटिल, छात्र।
बाईट 02 :- स्वप्निल महाजन, शिक्षक।
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