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बीजेपी ने किया रक्तदान शिविर का आयोजन, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियां सक्रिय हो गई हैं, इसी दौरान बुरहानपुर जिले के खकनार में पूर्व विधायक की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई.

Fluttering of rules
नियमों की उड़ी धज्जियां
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Published : Aug 31, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 2:44 PM IST

बुरहानपुर। नेपानगर से कांग्रेस विधायक रहीं सुमित्रा देवी कास्डेकर के इस्तीफे के बाद विधानसभा सीट रिक्त है, जिस पर उपचुनाव होना है. जिसके चलते अब नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंग चढ़ने लगा है. खकनार में पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र दादू की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई.

रक्तदान शिविर में नियमों की उड़ी धज्जियां

रक्तदान शिविर में सैकड़ों की तादाद में बीजेपी कार्यकर्ता मौजूद रहे, जो सरेआम सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाते नजर आए. इस दौरान कार्यक्रम में बीजेपी की गुटबाजी भी खुलकर सामने आई. वहां मौजूद युवाओं ने पूर्व विधायक मंजू दादू के पक्ष में नारेबाजी की, जिस पर सांसद नंदकुमार सिंह चौहान खासे नाराज हुए. उन्होंने युवाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंच से ही फटकार लगाई और हिदायत देते हुए कार्यक्रम से जाने की धमकी तक दे डाली.

Rules of blood donation in the blood donation camp
रक्तदान शिविर

विगत दिनों खकनार और नेपानगर में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि, कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर को उपचुनाव में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं. जिसके बाद मंजू दादू के समर्थक नाराज दिखाई दे रहे हैं, जिसका असर रक्तदान शिविर में देखने को मिला. भाजपा के एक गुट ने मंजू दादू के समर्थन में नारेबाजी की, साथ ही रक्तदान शिविर में सुमित्रा देवी कास्डेकर का नहीं आना भी चर्चा का विषय बना रहा.

ये भी पढ़े- विधानसभा उपचुनाव: ग्वालियर-चंबल के दलितों के पास है एमपी की 'सत्ता की चाबी'

चुनाव पूर्व ही भाजपा दो खेमे में बंट रही है, जिसका असर कहीं न कहीं आगामी चुनाव में देखने को मिल सकता है. नेपानगर सीट को लेकर एक किदवंती भी है, कहा जाता है, जिस दल से विधायक विजय होकर भोपाल पहुंचता है, उसी दल की सरकार भोपाल में बनती है. यही कारण है कि दोनों ही दल इस सीट पर कोई भी कमी नहीं रहने देना चाहते हैं.

ये भी पढ़े- मध्यप्रदेश उपचुनाव : सांवेर सीट जीतने के लिए कांग्रेस की तैयारी, कार्यकर्ता घर-घर देंगे दस्तक

अपनी दावेदारी को लेकर मंजू दादू चुप्पी साधे रही. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि 'मैं अपनी बात पार्टी आला कमान के सामने रख चुकी हूं', लेकिन जिस तरह से पार्टी का एक वर्ग मंजू दादू के पक्ष में दिखाई दे रहा है, उससे पार्टी की मुश्किलें थमती दिखाई नहीं दे रही हैं.

बुरहानपुर। नेपानगर से कांग्रेस विधायक रहीं सुमित्रा देवी कास्डेकर के इस्तीफे के बाद विधानसभा सीट रिक्त है, जिस पर उपचुनाव होना है. जिसके चलते अब नेपानगर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंग चढ़ने लगा है. खकनार में पूर्व विधायक स्व. राजेंद्र दादू की पुण्यतिथि पर रक्तदान शिविर आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई.

रक्तदान शिविर में नियमों की उड़ी धज्जियां

रक्तदान शिविर में सैकड़ों की तादाद में बीजेपी कार्यकर्ता मौजूद रहे, जो सरेआम सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाते नजर आए. इस दौरान कार्यक्रम में बीजेपी की गुटबाजी भी खुलकर सामने आई. वहां मौजूद युवाओं ने पूर्व विधायक मंजू दादू के पक्ष में नारेबाजी की, जिस पर सांसद नंदकुमार सिंह चौहान खासे नाराज हुए. उन्होंने युवाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंच से ही फटकार लगाई और हिदायत देते हुए कार्यक्रम से जाने की धमकी तक दे डाली.

Rules of blood donation in the blood donation camp
रक्तदान शिविर

विगत दिनों खकनार और नेपानगर में भाजपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि, कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं पूर्व विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर को उपचुनाव में भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं. जिसके बाद मंजू दादू के समर्थक नाराज दिखाई दे रहे हैं, जिसका असर रक्तदान शिविर में देखने को मिला. भाजपा के एक गुट ने मंजू दादू के समर्थन में नारेबाजी की, साथ ही रक्तदान शिविर में सुमित्रा देवी कास्डेकर का नहीं आना भी चर्चा का विषय बना रहा.

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चुनाव पूर्व ही भाजपा दो खेमे में बंट रही है, जिसका असर कहीं न कहीं आगामी चुनाव में देखने को मिल सकता है. नेपानगर सीट को लेकर एक किदवंती भी है, कहा जाता है, जिस दल से विधायक विजय होकर भोपाल पहुंचता है, उसी दल की सरकार भोपाल में बनती है. यही कारण है कि दोनों ही दल इस सीट पर कोई भी कमी नहीं रहने देना चाहते हैं.

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अपनी दावेदारी को लेकर मंजू दादू चुप्पी साधे रही. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि 'मैं अपनी बात पार्टी आला कमान के सामने रख चुकी हूं', लेकिन जिस तरह से पार्टी का एक वर्ग मंजू दादू के पक्ष में दिखाई दे रहा है, उससे पार्टी की मुश्किलें थमती दिखाई नहीं दे रही हैं.

Last Updated : Aug 31, 2020, 2:44 PM IST
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