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बदनापुर में हुए गोलीकांड का विरोध जारी, आदिवासियों ने की अधिकारियों के निलंबन की मांग

गोलीकांड में कार्रवाई नहीं होने के विरोध में सरकार के खिलाफ आदिवासी संगठन ने विशाल रैली निकाली.अनुमति नहीं देने के बावजूद भी संगठन ने रैली निकाली. पुलिस प्रशासन रैली में पूरी तरह हाई अलर्ट रहा.

प्रदर्शन करते आदिवासी
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Published : Jul 21, 2019, 10:08 PM IST

बुरहानपुर। नेपानगर वन परिक्षेत्र के बदनापुर कक्ष में हुए गोलीकांड में कार्रवाई नहीं होने के विरोध में सरकार के खिलाफ आदिवासी संगठन ने विशाल रैली निकाली. जागृत आदिवासी संगठन के बैनर तले निकली इस रैली में करीब तीन हजार आदिवासी शामिल हुए. रैली शहर के अम्बेडकर चौराहे से निकलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस अंबेडकर चौराहे पर पहुंची. जहां एक विशाल सभा को आदिवासियों संगठन के नेताओं ने संबोधित किया.

आदिवासियों ने निकाली विरोध रैली

अनुमति नहीं देने के बावजूद भी संगठन ने रैली निकाली. पुलिस प्रशासन रैली में पूरी तरह हाई अलर्ट रहा, इस दौरान पुलिस विभाग के सभी बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. नेपानगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था ताकि रैली के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो.

आपको बता दें, मध्य प्रदेश सरकार के तीन मंत्री पहुंचने के बाद भी आदिवासी सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हो रहे है, और वन विभाग के अधिकारी डीएफओ, एसडीओ और रेंजर को पद से निलंबित करने की बात पर अड़े हुए है.

नेपानगर के ग्राम बदनापुर में वन विभाग ने 9 जुलाई को जंगल में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए एक मुहिम की गई थी, जिसमें आदिवासियों ने पत्थरों के गोफन से हमला कर दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिंग की थी, जिसमें वन विभाग के वनकर्मी कई और आदिवासी भी घायल हो गए थे.

बुरहानपुर। नेपानगर वन परिक्षेत्र के बदनापुर कक्ष में हुए गोलीकांड में कार्रवाई नहीं होने के विरोध में सरकार के खिलाफ आदिवासी संगठन ने विशाल रैली निकाली. जागृत आदिवासी संगठन के बैनर तले निकली इस रैली में करीब तीन हजार आदिवासी शामिल हुए. रैली शहर के अम्बेडकर चौराहे से निकलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस अंबेडकर चौराहे पर पहुंची. जहां एक विशाल सभा को आदिवासियों संगठन के नेताओं ने संबोधित किया.

आदिवासियों ने निकाली विरोध रैली

अनुमति नहीं देने के बावजूद भी संगठन ने रैली निकाली. पुलिस प्रशासन रैली में पूरी तरह हाई अलर्ट रहा, इस दौरान पुलिस विभाग के सभी बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. नेपानगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था ताकि रैली के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो.

आपको बता दें, मध्य प्रदेश सरकार के तीन मंत्री पहुंचने के बाद भी आदिवासी सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हो रहे है, और वन विभाग के अधिकारी डीएफओ, एसडीओ और रेंजर को पद से निलंबित करने की बात पर अड़े हुए है.

नेपानगर के ग्राम बदनापुर में वन विभाग ने 9 जुलाई को जंगल में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए एक मुहिम की गई थी, जिसमें आदिवासियों ने पत्थरों के गोफन से हमला कर दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिंग की थी, जिसमें वन विभाग के वनकर्मी कई और आदिवासी भी घायल हो गए थे.

Intro:बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र के बदनापुर कक्ष क्रमांक 246 मे 9 जुलाई को हुए गोलीकांड के विरोध मे आदिवासी संगठन ने विशाल रैली निकाल किया विरोध प्रदर्शन, जागृत आदिवासी संगठन के बैनर तले लगभग 3000 हजार आदिवासीयो ने नेपानगर के अम्बेडकर चौराहे से रैली निकालकर, नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस अंबेडकर चौराहे पर पहुंची, जहां एक विशाल सभा के रूप में आदिवासियों को संठगन के नेताओं ने संबोधित किया, बता दें कि गोलीकांड में कार्यवाही नही होने के चलते आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है, लगातार आदिवासियों द्वारा अपना विरोध प्रदर्शन सरकार के खिलाफ दर्ज किया जा रहा है।
Body: नेपानगर के ग्राम बदनापुर में वन विभाग द्वारा 9 जुलाई को जंगल में हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए एक मुहीम की गई थी जिसमें आदिवासियों द्वारा पत्थरों के गोफन से हमला कर दिया जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिंग की थी, जिसमें वन विभाग के वनकर्मी घायल हुए थे और आदिवासियों को बंदुक के छर्रे लगने से कुछ आदिवासी घायल हुए थे इस घटना की भोपाल तक गुंजी उठ गई थी, जिसके बाद यहां कांग्रेस तीन मंत्री और भाजपा सांसद ने घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया था, जिसके बाद से बदनापुर गांव सियासी अखाडा बन गया था, आपको बता दे कि शासन आदिवासियों को रैली की अनुमती नही दी जिसके बावजुद भी संगठन रैली निकाली, पुलिस प्रशासन रैली में पूरी तरह हाई अलर्ट रहा, इस दौरान पुलिस विभाग के सभी बडे अधिकारी मौके पर मौजूद रहे, नेपानगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था, कि रैली के दौरान किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो इससे निपटने के लिए रिजर्व पुलिस बल भी तैनात रहा, मध्य प्रदेश सरकार के तीन मंत्री पहुंचने के बाद भी आदिवासी सरकार की बात मनाने को तैयार नहीं हो रहे है और वन विभाग के अधिकारीे डीएफओ, एसडीओ और रेंजर को पद से निलंबित करने की बात पर अडे हुए है।
बाईट 01:- सुंदरलाल ठाकुर, तहसीलदार नेपानगर
बाईट 02:- लालसिंग जाधव, आदिवासी संगठन नेताConclusion:नेपानगर से सागर चैरसिया की रिपोर्ट मों. 8821919132
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