बुरहानपुर। बुरहानपुर नगर निगम में लोक निर्माण विभाग के सरकारी अफसर और कर्मचारी ही सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है. नगर निगम में लंबे समय से एक ही कुर्सी पर जमे ऐसे 19 अफसर और 25 क्लर्क हैं. जबकि किसी भी सरकारी अफसर में कर्मचारी तीन साल से ज्यादा अपनी सेवा नहीं दे सकते है.
हालांकि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के दूसरे जिले में ट्रांसफर के शासन द्वारा निर्देश हैं, लेकिन शासन के इन निर्देशों का नगरीय प्रशासन विभाग और नगर निगम बुरहानपुर में पालन नहीं किया गया. जिन अधिकारियों का शासन के निर्देशानुसार ट्रांसफर किया जाना था, लेकिन नगर निगम में दो दशकों से जमे इन अफसरों और कर्मचारियों का अब तक ट्रांसफर नहीं किया जा सका है.
ये है 25 क्लर्क और 19 अफसर
नगर निगम में लोक निर्माण विभाग की महत्वपूर्ण कार्यपालन यंत्री की कुर्सी पर जमे डीके पटेल अपनी पोस्टिंग के बाद से ही यहीं जमे हुए हैं, जबकि उनके रिटायरमेंट का समय भी नजदीक आ गया है. इसी तरह सहायक यंत्री बिजी गुप्ता, उप यंत्री अनिल गंगराड़े, अशोक पाटिल, गोपाल महाजन, मानचित्रकार श्रीधर पाटील, स्टेनोग्राफर जगन्नाथ पवार भी करीब दो दशकों से यही पदस्थ है.
राजस्व विभाग में संपत्तिकर अधिकारी एमएल सोलंकी, राजस्व निरीक्षक किरण जोगदंड, सहायक ग्रेड1 महेश पंजवानी, राजस्व उप निरीक्षक शेख हैदर, शशिकांत पवित्रे, दीपक पाटिल और जल प्रदाय विभाग के उपयंत्री रविंद्र खोड़के भी करीब 2 दशकों से ज्यादा समय से नगर निगम बुरहानपुर में ही पदस्थ है, वहीं अकाउंट शाखा में सहायक लेखापाल वरुण चौबे, सुरेश यादव और सज्जनलाल उईके और कार्यालय अधीक्षक संदीप तिवारी की भी स्थिति भी यही है. इसी तरह घनश्याम पाटील, बसंत पाटील, संतोष महाजन, सुनील टंडन सहित 25 क्लर्क भी लंबे समय से यही पदस्थ है.
नगरीय प्रशासन और राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने रुटीन ट्रांसफर की गाइडलाइन बना रखी है, इसके तहत भी कोई भी अधिकारी कर्मचारी 3 से 4 साल से ज्यादा समय होने पर ट्रांसफर करने का प्रावधान है. बावजूद इसके नगर निगम के जिम्मेदारों ने इस नियम के तहत भी ऐसे अफसर और कर्मचारियों की सूची बनाकर नगरीय प्रशासन विभाग को नहीं भेजी है. वहीं निगम आयुक्त भगवानदास भूमरकर ने शासन को पत्र लिखकर अवगत कराने के साथ ही ट्रांसफर गाइडलाइन का पालन कराने की भी बात कही है.