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ETV भारत की खबर का असर: बुरहानपुर जिला अस्पताल में नौनिहालों के लिए लगाए गए झूले

ETV भारत की खबर का असर हुआ है, जहां बुरहानपुर जिला अस्पताल में नौनिहालों के लिए झूले लगाए गए हैं. फिलहाल अब आराम से बच्चों की मां इलाज करा सकेंगी और बच्चे आराम से सो सकेंगे.

burhanpur district hospital
अस्पताल में नौनिहालों के लिए झूले लगाए गए
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Dec 10, 2023, 7:37 PM IST

बुरहानपुर जिला अस्पताल में नौनिहालों के लिए लगाए गए झूले

बुरहानपुर। जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है, दरअसल बीते दिनों 26 नवंबर को "बुरहानपुर जिला अस्पताल के बाहर का ये नजारा देखकर आप चौंक जाएंगे, रेलिंग पर क्यों बांधी गईं हैं इतनी साड़ियां" से ईटीवी भारत पर खबर दिखाई गई थी, खबर दिखाए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अब बच्चों की सुध ली है. जिला अस्पताल में नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं के लिए पलंग के पास 30 झूलों की व्यवस्था की है, इसमें अब नौनिहाल आराम से सो रहे हैं. अब मां अपनी नजरों के सामने ही अपने बच्चों को झूले में लेटाकर देखभाल कर सकेंगी. इसके अलावा महिलाओं के साथ आए परिजनों को भी चिंता नहीं रहेंगी, इस व्यवस्था से परिजनों को इधर-उधर साड़ियां बांधकर झूला बनाने से छुटकारा मिल गया है.

अब कपड़ों के झूले पर नहीं सोएंगे बच्चे: बुरहानपुर जिला अस्पताल में सप्ताह में मंगलवार और शनिवार को नसबंदी शिविर आयोजित किया जाता है, शिविर में नसबंदी के लिए सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है. इस दौरान दूर दराज से आई महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे होते हैं. नसबंदी के दौरान पूरे समय बच्चे मां से अलग रखना पड़ता था, इसलिए परिजन बच्चों को संभालते थे. बच्चों के लिए झूले नहीं होने के कारण महिलाओं के साथ आने वाले परिजन बच्चों को सुलाने के लिए परेशान होते थे, महिलाएं अस्पताल की रेलिंग पर या गार्डन में साड़ियां, कपड़े बांधकर झूला बनाती थी, इनमें बच्चों को सुलाया जाता था. बच्चों की माताएं ऊपर की मंजिल में रहती थी और बच्चे मां से अलग सोते थे. बच्चों को ऊपर से नीचे लाने ले जाने में परिजन परेशान हो जाते थे, इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने जगह और झूले की व्यवस्था कराई है, ताकि महिलाओं के परिजनों एवं बच्चों को परेशान ना होना पड़े.

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अस्पताल में बच्चों के झूले देख परिजन हुए खुश: अस्पताल के निर्देश पर कर्मचारियों ने नसबंदी वार्ड में बच्चों के महिलाओं के एक-एक पलंग के बीच करीब 30 झूले लगाए है, इस व्यवस्था से महिलाओ सहित परिजन भी खुश नजर आए. नसबंदी के बाद भर्ती महिलाओं ने अपने बच्चों को इन झूलों में आराम से सुलाया और खूब दुलार किया, इससे परिजन की भी चिंता कम हो गई. इसके अलावा परिजन भी बच्चों की देखभाल कर सकेंगी.

बुरहानपुर जिला अस्पताल में नौनिहालों के लिए लगाए गए झूले

बुरहानपुर। जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है, दरअसल बीते दिनों 26 नवंबर को "बुरहानपुर जिला अस्पताल के बाहर का ये नजारा देखकर आप चौंक जाएंगे, रेलिंग पर क्यों बांधी गईं हैं इतनी साड़ियां" से ईटीवी भारत पर खबर दिखाई गई थी, खबर दिखाए जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अब बच्चों की सुध ली है. जिला अस्पताल में नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं के लिए पलंग के पास 30 झूलों की व्यवस्था की है, इसमें अब नौनिहाल आराम से सो रहे हैं. अब मां अपनी नजरों के सामने ही अपने बच्चों को झूले में लेटाकर देखभाल कर सकेंगी. इसके अलावा महिलाओं के साथ आए परिजनों को भी चिंता नहीं रहेंगी, इस व्यवस्था से परिजनों को इधर-उधर साड़ियां बांधकर झूला बनाने से छुटकारा मिल गया है.

अब कपड़ों के झूले पर नहीं सोएंगे बच्चे: बुरहानपुर जिला अस्पताल में सप्ताह में मंगलवार और शनिवार को नसबंदी शिविर आयोजित किया जाता है, शिविर में नसबंदी के लिए सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है. इस दौरान दूर दराज से आई महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे होते हैं. नसबंदी के दौरान पूरे समय बच्चे मां से अलग रखना पड़ता था, इसलिए परिजन बच्चों को संभालते थे. बच्चों के लिए झूले नहीं होने के कारण महिलाओं के साथ आने वाले परिजन बच्चों को सुलाने के लिए परेशान होते थे, महिलाएं अस्पताल की रेलिंग पर या गार्डन में साड़ियां, कपड़े बांधकर झूला बनाती थी, इनमें बच्चों को सुलाया जाता था. बच्चों की माताएं ऊपर की मंजिल में रहती थी और बच्चे मां से अलग सोते थे. बच्चों को ऊपर से नीचे लाने ले जाने में परिजन परेशान हो जाते थे, इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने जगह और झूले की व्यवस्था कराई है, ताकि महिलाओं के परिजनों एवं बच्चों को परेशान ना होना पड़े.

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Last Updated : Dec 10, 2023, 7:37 PM IST
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