बुरहानपुर। बुरहानपुर के नेपानगर में एशिया का सबसे पहला कागज कारखाना नेपा मिल में इन दिनों बदहाली की मार झेल रहा है. जहां लॉकडाउन के चलते एक महीने से रिनोवेशन का काम बंद पड़ा हुआ था. अप्रैल 22 से काम शुरू हुआ, लेकिन फिर अब बंद होने की कगार पर आ चुका है. इसमें लगभग 50 प्रतिशत मजदूर अन्य प्रदेशों से आकर यहां काम कर रहे थे लेकिन चार दिन पूर्व 89 मजदूर अपने घर वापस चले गए हैं. अब ऐसी स्थिति में नवीनीकरण के कार्य फिर से प्रभावित हो सकता है.
पिछले कई सालों से नेपा मिल बंद पड़ी हुई है, जहां अब तक नवीनीकरण का काम चल रहा है. पिछले सात सालों से इसके कल पुरजे बदलने का काम धीमी गति से किया जा रहा है. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश पहुचाने का काम केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कर रही है. नेपा मिल कागज कारखाने में भी कई प्रवासी मजदूर नवीनीकरण का काम कर रहे, यह प्रवासी मजदूर भी पिछले दो महीने से नेपानगर में ही फंसे हुए थे. इस बीच उन्हें ठेकेदार द्वारा समय पर वेतन नहीं मिलने से वे काफी परेशानी का सामना कर मजबूरी में यहां रह रहे थे.
जिससे नाराज कई मजदूरों ने अपने प्रदेश जाने का मन बना लिया और शासन से अपने देश जाने की गुहार लगाई. जिसके बाद मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर करीब 89 मजदूरों का जत्था मध्यप्रदेश परिवहन की दो बसों से उनके प्रदेश के लिए रवाना हुआ.