बुरहानपुर। जिला अस्पताल के बाहर का नजारा देखकर तो आप भी पहली नजर में चौंक जाएंगे. ऐसा महसूस होगा कि कोई मेला या पिकनिक में पहुंच गए हैं . लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है यह सरकारी जिला अस्पताल है. यहां रेलिंग पर महिलाओं ने साड़ियों से झूला बनाकर लटकाए हुए हैं ताकि उनके बच्चे अच्छे से सो सकें.
दो दिन दिखता है यह नजारा: जिला अस्पताल में सप्ताह में मंगलवार और शनिवार को नसबंदी शिविर आयोजित किया जाता है. शिविर में सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है. इस दौरान नसबंदी करवाने आने वाली महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चे होते हैं.
क्यों बांधती हैं महिलाएं साड़ियां: नसबंदी के दौरान पूरे समय बच्चे मां से अलग रहते हैं. इस दौरान इनके परिजन बच्चों को संभालते हैं. जिला अस्पताल प्रबंधन ने बच्चों के लिए झूला घर की कोई व्यवस्था नहीं की है. ऐसे में बच्चों को सुलाने के लिए महिलाएं साड़ियों का झूला बनाती हैं ताकि उनके बच्चे चैन की नींद ले सकें.
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परेशान होती हैं महिलाएं: जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. आलम यह है कि मरीजों सहित परिजनों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. नसबंदी शिविर के लिए सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होता है लेकिन इसके बाद घंटों तक डॉक्टरों के इंतजार में महिलाएं परेशान होती हैं. परिवार के लोग बच्चों को संभालने के लिए अस्पताल में भटकते रहते हैं और इसी प्रकार बच्चों को सुलाने की व्यवस्था करते हैं.अस्पताल प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है.