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किलर हाईवे में तब्दील हुई इंदौर-इच्छापुर सड़क, मौत का आंकड़ा भयावह

जिले से होकर गुजरने वाला इंदौर-इच्छापुर हाईवे अब किलर हाईवे के रूप में तब्दील हो चुका है. यहां हर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इस हाईवे पर साल 2010 से लेकर अब तक 2 हजार 508 घटनाओं में 3 हजार 725 लोग घायल और 731 लोगों की मौत हो चुकी है.

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Published : Feb 20, 2019, 10:29 AM IST

किलर हाईवे में बदलता इंदौर-इच्छापुर हाईवे

बुरहानपुर। जिले से होकर गुजरने वाला इंदौर-इच्छापुर हाईवे अब किलर हाईवे के रूप में तब्दील हो चुका है. यहां हर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इस हाईवे पर साल 2010 से लेकर अब तक 2 हजार 508 घटनाओं में 3 हजार 725 लोग घायल और 731 लोगों की मौत हो चुकी है.


आकंड़ों को देख नए पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जिला प्रशासन से मिलकर सड़क को सुधारने का निर्णय लिया है. पदभार ग्रहण करने के बाद से ही उन्होंने हादसे की तारीख, घटनास्थल और समय की भी जानकारी जुटाई है. इसमें कटी घाटी निंबोला थाना और गणपति थाने के पास सबसे अधिक घटनाएं हुई हैं. 35 किलोमीटर की सड़क पर लगभग 25 से अधिक अंधे मोड़ हैं. एसपी ने लोगों से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की अपील की है.

किलर हाईवे में बदलता इंदौर-इच्छापुर हाईवे


ये हैं 2010 से अब तक के सड़क हादसे के आंकड़े
2010 में 236 दुर्घटनाएं, 716 घायल और 252 मौतें
2011 में 195 दुर्घटनाएं, 262 घायल और 59 मौतें
2012 में 264 दुर्घटनाएं, 509 घायल और 57 मौतें
2013 में 395 दुर्घटनाएं, 505 घायल और 74 मौतें
2015 में 360 दुर्घटनाएं,440 घायल और 77 मौतें
2016 में 384 दुर्घटनाएं, 427 घायल और 62 मौतें
2017 में 357 दुर्घटनाएं, 439 घायल और 84 मौतें
2018 में 291 दुर्घटनाएं, 407 घायल और 82 मौतें
2019 में 1 जनवरी से आज तक 52 दुर्घटनाएं, 64 घायल और 21 मौतें


इन आंकड़ों पर जब नए पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर की नजर पड़ी, तो उन्होंने अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर इसे सुधारने के निर्देश दिए हैं.

बुरहानपुर। जिले से होकर गुजरने वाला इंदौर-इच्छापुर हाईवे अब किलर हाईवे के रूप में तब्दील हो चुका है. यहां हर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. इस हाईवे पर साल 2010 से लेकर अब तक 2 हजार 508 घटनाओं में 3 हजार 725 लोग घायल और 731 लोगों की मौत हो चुकी है.


आकंड़ों को देख नए पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जिला प्रशासन से मिलकर सड़क को सुधारने का निर्णय लिया है. पदभार ग्रहण करने के बाद से ही उन्होंने हादसे की तारीख, घटनास्थल और समय की भी जानकारी जुटाई है. इसमें कटी घाटी निंबोला थाना और गणपति थाने के पास सबसे अधिक घटनाएं हुई हैं. 35 किलोमीटर की सड़क पर लगभग 25 से अधिक अंधे मोड़ हैं. एसपी ने लोगों से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की अपील की है.

किलर हाईवे में बदलता इंदौर-इच्छापुर हाईवे


ये हैं 2010 से अब तक के सड़क हादसे के आंकड़े
2010 में 236 दुर्घटनाएं, 716 घायल और 252 मौतें
2011 में 195 दुर्घटनाएं, 262 घायल और 59 मौतें
2012 में 264 दुर्घटनाएं, 509 घायल और 57 मौतें
2013 में 395 दुर्घटनाएं, 505 घायल और 74 मौतें
2015 में 360 दुर्घटनाएं,440 घायल और 77 मौतें
2016 में 384 दुर्घटनाएं, 427 घायल और 62 मौतें
2017 में 357 दुर्घटनाएं, 439 घायल और 84 मौतें
2018 में 291 दुर्घटनाएं, 407 घायल और 82 मौतें
2019 में 1 जनवरी से आज तक 52 दुर्घटनाएं, 64 घायल और 21 मौतें


इन आंकड़ों पर जब नए पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर की नजर पड़ी, तो उन्होंने अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर इसे सुधारने के निर्देश दिए हैं.

Intro:बुरहानपुर जिले के इंदौर इच्छापुर स्टेट हाईवे क्रमांक 27 की यह 35 किमी की सड़क अब किलर हाईवे बन चुकी हैं, यहां आए दिन होने वाली मौतों के कारण अब लोग इसे किलर हाईवे कहने लगे हैं, इस हाईवे पर वर्ष 2010 से आज तक 2508 घटनाओं में 3725 लोग घायल और 731 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 2010 से लेकर 2014 पक्का करा बहुत ही चौंकाने वाला था जिसमें 1064 घटनाओं में 1944 लोग घायल और 445 मौतें हो चुकी थी, वहीं 2015 से आज तक 1444 है जिसमें 1777 घायल और 326 मौतें हुई है, जबकि 2019 लगते ही घटनाओ का ग्राफ एक बार फिर बढ़ गया है, 1 जनवरी 2019 से लेकर आज तक 52 सड़क हादसे हुए जिसमें 64 घायल और 21 लोगों की मौत हो चुकी है, आकंड़ों को देख नवागत पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जिला प्रशासन से मिलकर सड़क को सुधारने का निर्णय लिया है।


Body:बुरहानपुर से होकर गुजरने वाला इंदौर इच्छापुर हाईवे अब किलर हाईवे के रूप में तब्दील हो चुका है, यहां हर साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है, बढ़ते हादसों को देख पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सख्त कदम उठाने की ठानी है, पदभार ग्रहण करने के बाद से ही उन्होंने हादसों की तारीख घटनास्थल और समय की भी जानकारी जुटाई है, इसमें कटी घाटी निंबोला थाना और गणपति थाना के पास सबसे अधिक घटनाएं हुई है, 35 किलोमीटर की सड़क में लगभग 25 से अधिक अंधे मोड़ है, यदि हम 2010 से लेकर आज तक पुलिस विभाग के अनुसार आंकड़े देखे तो सड़क भयावह लगने लगती है, इन आंकड़ों को देखते हुए अब पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने लोगों से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की अपील की है।


Conclusion:2010 में 236 दुर्घटनाओ 716 घायल और 252 मौतें हुई हैं।
2011 में 195 घटनाओं में 262 घायल और 59 मौतें हुई है।
2012 में 264 दुर्घटनाओं में 509 घायल और 57 मौतें हुई हैं।
2013 में 395 घटनाओं में 505 घायल और 74 मौतें हुई है।
2014 का आकंड़ा उपलब्ध नहीं।
2015 में 360 घटनाओं में 440 घायल और 77 मौतें हुई हैं।
2016 में 384 दुर्घटनाओं में 427 घायल और 62 मौतें हुई है।
2017 में 357 दुर्घटनाओं में 439 घायल और 84 मौतें हुई है।
2018 मैं 291 दुर्घटनाओं में 407 घायल और 82 मौतें हुई है।
2019 में 1 जनवरी से आज तक 52 दुर्घटनाओं में 64 घायल और 21 मौतें हो चुकी है।
इन आंकड़ों पर अब नवागत पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर की नजर पड़ी तो उन्होंने अन्य अधिकारियों की बैठक लेकर इसे सुधारने के लिए कवायद प्रारंभ कर दी है।

बाईट 01:- विक्रमसिंह बामनिया, थाना प्रभारी- निम्बोला थाना।
बाईट 02:- अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक-बुरहानपुर।
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