बुरहानपुर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय में महापौर पद के लिए चुनाव होना है. यह सीट नगर निगम में अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित हुई है. इसके बाद सियासी हलकों में यह अटकलें काफी तेज हो चुकी है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनिस बीजेपी से महापौर पद के लिए प्रत्याशी बनाई जा सकती है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर अर्चना चिटनिस को महापौर पद के लिए प्रत्याशी बनाया जाता है तो यह उनके लिए पॉलिटिकल डिमोशन है.
अर्चना चिटनिस को लेकर अटकलों का बाजार गर्म
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पूर्व नगर निगम सभापति व ब्राह्मण चेहरा गोरी दिनेश शर्मा को चुनाव मैदान में उतार सकती है. जबकि कांग्रेस के मुताबिक उनकी हर महिला प्रत्याशी अर्चना चिटनिस को पराजित करने में अहम भूमिका निभाएंगी. बीजेपी के अनुसार अर्चना चिटनिस को चुनाव मैदान में उतरना केवल अटकलें मात्र है. क्योंकि खुद अर्चना चिटनिस ने ऐसी कोई इच्छा जाहिर नहीं की है. पार्टी संगठन अगर आदेश करेगा तो अर्चना चिटनिस तभी महापौर पद के प्रत्याशी बन सकती हैं.
महापौर पद की दावेदार पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस !
बुरहानपुर नगर निगम महापौर पद के लिए करीब 25 साल बाद अनारक्षित वर्ग की महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित हुआ है. आरक्षण की घोषणा होते ही बीजेपी कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों की महिला उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया के जरिए दावेदार घोषित कर दिया है. लेकिन पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्चना चिटनिस के नगरीय प्रशासन विभाग में रुचि और शहर के विकास के विजन को दृष्टिगत रखते हुए अटकले लगाई जा रही है, कि बीजेपी उन्हें महापौर पद के लिए उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतार सकती है. हालांकि उनके द्वारा उम्मीदवारी नहीं जताई गई है.
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पार्टी संगठन करेगा तय
वहीं खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का कहना है कि ये पार्टी संगठन तय करेगा कि किसको महापौर पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाए. ये कोई अकेला तय नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि बुरहानपुर में तीन बार से बीजेपी का महापौर रहा है और जिले का विकास भी हुआ है. इस बार भी यही होगा कि बीजेपी का जो भी महापौर वो भी विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाए.