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नीलामी में अधिकारियों और व्यापारियों की सांठगाठ, ओने-पौने दामों में खरीद रहे सब्जियां - Mandi Board's Negligence

रेणुका कृषि उपज मंडी में मंडी बोर्ड की लापरवाही के कारण किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. किसानों का कहना है कि मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से ओने-पौने दामों में सब्जियां खरीदी जा रही हैं.

Farmers upset in Mandi
मंडी में किसान परेशान
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Published : Jul 9, 2021, 4:42 AM IST

बुरहानपुर। जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी में मंडी बोर्ड की लापरवाही का नतीजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. यहां नीलामी में हरी सब्जियां लेकर आए किसानों से मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से ओने-पौने दामों में सब्जियां खरीदी जा रही हैं. जिससे किसानों के सामने उपज की लागत निकाल पाना मुश्किल हो चुका है.

  • उपज की आवक पर तय होता है सब्जी का भाव

यहां आया किसान अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों से निलामी में सब्जियों के वाजिब दाम दिलाने की गुहार लगाई है. वहीं इस मामले में व्यापारी दिनेश आडवाणी का कहना है कि सब्जी का भाव उपज की आवक पर तय होता है. यदि उपज कम आती है तो भाव ज्यादा होता है. वहीं उपज ज्यादा आती है तो भाव कम मिलता है.

मक्का की फसल पर सैनिक कीट का प्रकोप, कृषि वैज्ञानिक ने दी बचाव की सलाह

  • किसान ज्यादा भाव मिलने पर ही बेचता है

मंडी समिति के सब्जी प्रभारी संतोष दीक्षित का कहना है कि किसान जो उपज लाता है पहले उसकी निलामी होती है. उसके बाद जो ज्यादा भाव देता है किसान उसको अपना माल बेच देता है. इसमें भी किसान की इच्छा होती है तभी वह माल बेचता है. सरकार ने फल सब्जी पर MSP लागू नहीं की है क्योंकि यह जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं है. हम मंडी में निरीक्षण करते रहते है कि किसान को कम भाव नहीं मिले.

  • मंडी में उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

रेणुका कृषि उपज मंडी परिसर में व्यापारी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे है. व्यापारी बिना मास्क पहने व्यापार कर रहे है. लेकिन मंडी में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों कोरोना गाइड लाइन का पालन करने और मास्क पहनने की हिदायत देना भी मुनासिब नहीं समझ रहे है.

बुरहानपुर। जिले की रेणुका कृषि उपज मंडी में मंडी बोर्ड की लापरवाही का नतीजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. यहां नीलामी में हरी सब्जियां लेकर आए किसानों से मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से ओने-पौने दामों में सब्जियां खरीदी जा रही हैं. जिससे किसानों के सामने उपज की लागत निकाल पाना मुश्किल हो चुका है.

  • उपज की आवक पर तय होता है सब्जी का भाव

यहां आया किसान अब अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों से निलामी में सब्जियों के वाजिब दाम दिलाने की गुहार लगाई है. वहीं इस मामले में व्यापारी दिनेश आडवाणी का कहना है कि सब्जी का भाव उपज की आवक पर तय होता है. यदि उपज कम आती है तो भाव ज्यादा होता है. वहीं उपज ज्यादा आती है तो भाव कम मिलता है.

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  • किसान ज्यादा भाव मिलने पर ही बेचता है

मंडी समिति के सब्जी प्रभारी संतोष दीक्षित का कहना है कि किसान जो उपज लाता है पहले उसकी निलामी होती है. उसके बाद जो ज्यादा भाव देता है किसान उसको अपना माल बेच देता है. इसमें भी किसान की इच्छा होती है तभी वह माल बेचता है. सरकार ने फल सब्जी पर MSP लागू नहीं की है क्योंकि यह जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं है. हम मंडी में निरीक्षण करते रहते है कि किसान को कम भाव नहीं मिले.

  • मंडी में उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

रेणुका कृषि उपज मंडी परिसर में व्यापारी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे है. व्यापारी बिना मास्क पहने व्यापार कर रहे है. लेकिन मंडी में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों कोरोना गाइड लाइन का पालन करने और मास्क पहनने की हिदायत देना भी मुनासिब नहीं समझ रहे है.

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