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उपचुनाव में हावी रहेगा बेरोजगारी का मुद्दा, नेताओं को करना पड़ सकता है जनता के गुस्से का सामना - Candidates for Nepanagar assembly election

लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी बेरोजगारी का सवाल कोरोना संकट में दब जाएगा या कांग्रेस इसे उपचुनाव में जीत की सीढ़ी बनाकर आगे बढ़ जाएगी, ये बड़ा सवाल है.

Employment issue will be important in Nepanagar assembly by-election
नेपानगर का चुनावी मुद्दा
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Published : Aug 13, 2020, 12:09 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 12:51 PM IST

बुरहानपुर। कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद खाली हुई जिले की नेपानगर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है. यहां अब चुनावी चौपाले लगने लगी है. बताया जा रहा है कि, इस बार उपचुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा हावी होने वाला है. वहीं लॉकडाउन के बाद बढ़ी बेरोजगारी उपचुनाव में नेताओं के पसीने छुड़ाने वाली है.

नेपानगर का चुनावी मुद्दा

युवाओं का सवाल
नेपानगर में शिक्षित बेरोजगारों के साथ-साथ सामान्य बेरोजगारों की भी बड़ी फौज है. ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों ने नेताओं से सवाल किया है कि, जब युवा महानगरों 5 हजार रुपये महीने में काम कर सकता है, तो नेपानगर में इस तरीके के रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए दोनों पार्टियां क्या कर रही हैं, जबकी बारी- बारी से दोनों ने शासन किया है.

बैकफुट पर बीजेपी
सूबे में 15 साल बीजेपी की सरकार और लंबे समय तक नेपानगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के विधायक काबिज रहे, यही वजह है कि बीजेपी बेरोजगारी के सवाल पर बैकफुट पर है, भाजपा नेताओं की माने तो बेरोजगारी की समस्या कम करने में केंद्र सरकार की कई योजनाएं और मप्र सरकार की विभिन्न स्वरोजगार योजनाएं कारगर रही हैं, साथ ही इनका दावा है कि, बेरोजगारी की समस्या पर काफी हद कर काबू पा लिया गया है.

कांग्रेस के काम
इधर कांग्रेस नेपानगर क्षेत्र में बेरोजगारी का ठीकरा बीजेपी पर ही फोड़ रही है, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि, सूबे में 15 साल बीजेपी की सरकार रही, लेकिन नेपानगर का ना तो कोई विकास किया और ना ही बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्या के समाधान को लेकर संजीदगी दिखाई, उन्होंने कहा कि, 15 महीने के कमलनाथ सरकार ने पॉलिसी बनाई, उद्योगों में 80 फीसदी भर्ती स्थानीय बेरोजगार युवाओं की होगी, इसके पहले 2009 में तत्कालीन सांसद अरुण यादव ने 12,00 करोड़ का पैकेज केंद्र सरकार से दिलवाया था.

सरकार पर आरोप
अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए नेपानगर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित किया, केला अनुसंधान केंद्र की प्लानिंग की, जिसमें बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार मिलता, लेकिन बीजेपी सरकार ने केवल इन रोजगार उन्मुखी निर्णयों को इसलिए ठंडे बस्ते में डाल दिया, क्योंकि ये निर्णय कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने लिया था'.

वैसे तो बेरोजगारी हर चुनाव में मुद्दा रहती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बने हालातों में हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं. नेपानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, ऐसे में इस चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आएगा, जिसका सामना चुनाव लड़ रहे नेताओं और पार्टियों को करना पड़ेगा.

बुरहानपुर। कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद खाली हुई जिले की नेपानगर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना है. यहां अब चुनावी चौपाले लगने लगी है. बताया जा रहा है कि, इस बार उपचुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा हावी होने वाला है. वहीं लॉकडाउन के बाद बढ़ी बेरोजगारी उपचुनाव में नेताओं के पसीने छुड़ाने वाली है.

नेपानगर का चुनावी मुद्दा

युवाओं का सवाल
नेपानगर में शिक्षित बेरोजगारों के साथ-साथ सामान्य बेरोजगारों की भी बड़ी फौज है. ऐसे में शिक्षित बेरोजगारों ने नेताओं से सवाल किया है कि, जब युवा महानगरों 5 हजार रुपये महीने में काम कर सकता है, तो नेपानगर में इस तरीके के रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए दोनों पार्टियां क्या कर रही हैं, जबकी बारी- बारी से दोनों ने शासन किया है.

बैकफुट पर बीजेपी
सूबे में 15 साल बीजेपी की सरकार और लंबे समय तक नेपानगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के विधायक काबिज रहे, यही वजह है कि बीजेपी बेरोजगारी के सवाल पर बैकफुट पर है, भाजपा नेताओं की माने तो बेरोजगारी की समस्या कम करने में केंद्र सरकार की कई योजनाएं और मप्र सरकार की विभिन्न स्वरोजगार योजनाएं कारगर रही हैं, साथ ही इनका दावा है कि, बेरोजगारी की समस्या पर काफी हद कर काबू पा लिया गया है.

कांग्रेस के काम
इधर कांग्रेस नेपानगर क्षेत्र में बेरोजगारी का ठीकरा बीजेपी पर ही फोड़ रही है, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि, सूबे में 15 साल बीजेपी की सरकार रही, लेकिन नेपानगर का ना तो कोई विकास किया और ना ही बेरोजगारी जैसी ज्वलंत समस्या के समाधान को लेकर संजीदगी दिखाई, उन्होंने कहा कि, 15 महीने के कमलनाथ सरकार ने पॉलिसी बनाई, उद्योगों में 80 फीसदी भर्ती स्थानीय बेरोजगार युवाओं की होगी, इसके पहले 2009 में तत्कालीन सांसद अरुण यादव ने 12,00 करोड़ का पैकेज केंद्र सरकार से दिलवाया था.

सरकार पर आरोप
अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए नेपानगर क्षेत्र में इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित किया, केला अनुसंधान केंद्र की प्लानिंग की, जिसमें बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार मिलता, लेकिन बीजेपी सरकार ने केवल इन रोजगार उन्मुखी निर्णयों को इसलिए ठंडे बस्ते में डाल दिया, क्योंकि ये निर्णय कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने लिया था'.

वैसे तो बेरोजगारी हर चुनाव में मुद्दा रहती है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के बने हालातों में हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं. नेपानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है, ऐसे में इस चुनाव में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आएगा, जिसका सामना चुनाव लड़ रहे नेताओं और पार्टियों को करना पड़ेगा.

Last Updated : Aug 13, 2020, 12:51 PM IST
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