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मुआवजा नहीं मिलने पर फसलें जलाने को मजबूर अन्नदाता

मुआवजे के लिए किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई हैं. जिससे नुकसान किसानों का हो रहा है.

फसलें जलाने को किसान मजबूर
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Published : Nov 17, 2019, 8:58 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 9:51 PM IST

बुरहानपुर। पहले अधिक बारिश फिर फसलों में कीड़े और फिर प्रशासन की लापरवाही किसान को तबाह करने में लगी है. नेपानगर में तो किसानों का हाल बेहाल है, किसान अपनी फसलों को जलाने और फेंकने को मजबूर हैं, न तो उनके फसलों पर लगी लागत वापस आई न ही अभी तक कोई मुआवजा मिला, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान तक नहीं है.

फसलें जलाने को मजबूर अन्नदाता

नेपानगर तहसील के 85 गांवों में करीब 696 किसानों की 500 हैक्टेयर में लगी ज्वार, सोयाबीन और मक्का की फसल खराब हो चुकी है. वहीं कपास को भी भारी नुकसान हुआ है. जिसे किसान फेंकने और जलाने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें इस फसल का सही भाव नहीं मिल पाएगा, जितने पैसे मजदूरों को देने पड़ेंगे, उससे कम में फसल बिकेगी और इन्हें आगे की फसलों की तैयारी भी करना है.

नेपानगर के साथ पूरे प्रदेश का किसान परेशान है. मुआवजे के लिए लगातार किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई हैं. जिससे लगातार नुकसान किसानों का हो रहा है.

बुरहानपुर। पहले अधिक बारिश फिर फसलों में कीड़े और फिर प्रशासन की लापरवाही किसान को तबाह करने में लगी है. नेपानगर में तो किसानों का हाल बेहाल है, किसान अपनी फसलों को जलाने और फेंकने को मजबूर हैं, न तो उनके फसलों पर लगी लागत वापस आई न ही अभी तक कोई मुआवजा मिला, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान तक नहीं है.

फसलें जलाने को मजबूर अन्नदाता

नेपानगर तहसील के 85 गांवों में करीब 696 किसानों की 500 हैक्टेयर में लगी ज्वार, सोयाबीन और मक्का की फसल खराब हो चुकी है. वहीं कपास को भी भारी नुकसान हुआ है. जिसे किसान फेंकने और जलाने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें इस फसल का सही भाव नहीं मिल पाएगा, जितने पैसे मजदूरों को देने पड़ेंगे, उससे कम में फसल बिकेगी और इन्हें आगे की फसलों की तैयारी भी करना है.

नेपानगर के साथ पूरे प्रदेश का किसान परेशान है. मुआवजे के लिए लगातार किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई हैं. जिससे लगातार नुकसान किसानों का हो रहा है.

Intro:
बुरहानपुर जिले के नेपानगर में किसानों का हाल खराब है, जहां अन्नदाता परेशान नजर आ रहा है, वजह केवल किसान अपनी फसलों को जलाने और फेकने को मजबूर है, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान तक नही है, हम बात कर रहे है नेपानगर के किसानों की जो अतिवृष्टि बर्बाद फ़सल के मुआवजे को लेकर सरकार से गुहार लगाने को मजबूर है पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में किसानों को भूलकर आपस मे उलझी हुई है, जिससे नुकसान किसानों का हो रहा है।Body:नेपानगर के साथ आज हम देख सकते है पूरा मध्यप्रदेश अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल को लेकर कितना परेशान है लेकिन सबसे ज्यादा परेशान किसान नजर आ रहा है, नेपानगर तहसील के 85 गांवों में करीब 696 किसानों की 500 हैक्टेयर में लगी ज्वार, सोयाबीन और मक्का की फसल खराब हुई है, परंतु कुछ खेत मे मौसम के हिसाब अन्य फसल भी लगाई जाती है वही कपास को भी नुकसान हुआ है, इस वर्ष अधिक वर्षा होने के कारण किसानों की फसलें खराब हो गई है, जिससे किसान फसल फेकने और जलाने को मजबूर है, क्योंकि उन्हें इस फसल का सही भाव भी नही मिल पायेगा, साथ ही उसकी कटाई के लिए जितने पैसे मजदूरों को देने पड़ेंगे उससे कम में फसल बिकेगी, वही दूसरी फसल लगाने के लिए किसान को पहले वाली फसल कटवाना भी मजबूरी बन गई है, जिन्होंने फसल कटवा ली है उनको भी सही दाम नही मिल पाया है क्योंकि फसल पूरी काली पड़ चुकी है और नमी आने के कारण व्यपारी भी किसान को सही दाम नही दे सकता, यहाँ हालात इतने खराब है कि फसले देखकर भी किसान ये उमीद लगा रहा है कोई सहारा मिल जाये।Conclusion:बाइट 01 किसान
बाइट 02 किसान
बाइट 03 किसान
बाइट 04 सुंदरलाल ठाकुर, तहसीलदार नेपानगर
Last Updated : Nov 17, 2019, 9:51 PM IST
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