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ताप्ती नदी की तराई में भी रसातल पहुंचा पानी, प्यास से मची चीख-पुकार - मध्यप्रदेश

ताप्ती नदी की तराई में पानी रसातल में पहुंचने लगा है, 900 फीट नीचे वाटर लेवल पहुंच जाने के चलते इंसान की पहुंच से पानी दूर होने लगा है. अब आवाम की प्यास बुझाने के लिए सरकार भी चिंतित है. बड़े-बूढ़े, महिला, बच्चे अगड़ा-पिछड़ा, हिन्दू-मुसलमान कोई भी इस संकट से बचा नहीं है, सब के सब प्यास से व्याकुल हैं.

जल के लिए जंग
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Published : Jun 21, 2019, 8:51 PM IST

बुरहानपुर। जल मिलेगा तभी जीवन बचेगा, जल नहीं होगा तो कल भी नहीं होगा. मध्यप्रदेश में गहराता जल संकट आवाम के साथ-साथ सरकार को भी परेशान कर रहा है. बुरहानपुर में भीषण गर्मी के चलते भूजल स्तर 800 से 900 फीट नीचे पहुंच गया है. प्रति व्यक्ति को औसत 135 लीटर पानी चाहिए, लेकिन प्रति व्यक्ति बमुश्किल ही 45 लीटर पानी मिल पा रहा है. जिसके चलते आवाम परेशान है. कई वार्डों में लोग पानी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र भी इस संकट से अछूता नहीं है.

पानी की किल्लत

बुरहानपुर की जीवनदायिनी मानी जाने वाली सूर्यपुत्री मां ताप्ती नदी इन दिनों खुद प्यास से व्याकुल हैं, ताप्ती के जल से ही सिंचाई के अलावा ट्यूबवेल को भी पानी मिलता था, ताप्ती के सूखते ही सभी जल स्रोत एक एक कर दम तोड़ने लगे हैं. आलम ये है कि नगर पालिका के वार्डों में 2 से 3 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है. कलेक्टर राजेश कुमार कौल ने भी माना कि बुरहानपुर भीषण जल संकट की चपेट में है. जिससे निपटने के लिए नए ट्यूबवेल लगाने के आदेश भी दिए हैं.

तो सुना आपने, पानी के लिए धरती का सीना चीरा जायेगा, लेकिन धरती का सीना चीरकर भी आपको क्या मिलेगा, जब धरती के गर्भ में पानी होगा, तब तो पानी निकलेगा. पानी चाहिए तो पानी का संरक्षण भी करना होगा, वरना आज नहीं तो कल आने वाली पीढ़ियां आपकी ही नजरों के सामने प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ेंगी और आप खुद को बेबस, बेसहारा और लाचार पायेंगे क्योंकि तब आपके पास करने के लिए भी कुछ नहीं बचेगा.

बुरहानपुर। जल मिलेगा तभी जीवन बचेगा, जल नहीं होगा तो कल भी नहीं होगा. मध्यप्रदेश में गहराता जल संकट आवाम के साथ-साथ सरकार को भी परेशान कर रहा है. बुरहानपुर में भीषण गर्मी के चलते भूजल स्तर 800 से 900 फीट नीचे पहुंच गया है. प्रति व्यक्ति को औसत 135 लीटर पानी चाहिए, लेकिन प्रति व्यक्ति बमुश्किल ही 45 लीटर पानी मिल पा रहा है. जिसके चलते आवाम परेशान है. कई वार्डों में लोग पानी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र भी इस संकट से अछूता नहीं है.

पानी की किल्लत

बुरहानपुर की जीवनदायिनी मानी जाने वाली सूर्यपुत्री मां ताप्ती नदी इन दिनों खुद प्यास से व्याकुल हैं, ताप्ती के जल से ही सिंचाई के अलावा ट्यूबवेल को भी पानी मिलता था, ताप्ती के सूखते ही सभी जल स्रोत एक एक कर दम तोड़ने लगे हैं. आलम ये है कि नगर पालिका के वार्डों में 2 से 3 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है. कलेक्टर राजेश कुमार कौल ने भी माना कि बुरहानपुर भीषण जल संकट की चपेट में है. जिससे निपटने के लिए नए ट्यूबवेल लगाने के आदेश भी दिए हैं.

तो सुना आपने, पानी के लिए धरती का सीना चीरा जायेगा, लेकिन धरती का सीना चीरकर भी आपको क्या मिलेगा, जब धरती के गर्भ में पानी होगा, तब तो पानी निकलेगा. पानी चाहिए तो पानी का संरक्षण भी करना होगा, वरना आज नहीं तो कल आने वाली पीढ़ियां आपकी ही नजरों के सामने प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ेंगी और आप खुद को बेबस, बेसहारा और लाचार पायेंगे क्योंकि तब आपके पास करने के लिए भी कुछ नहीं बचेगा.

Intro:बुरहानपुर जिले में भीषण गर्मी के चलते जल संकट गहराया है, भूजल स्तर 800 से 900 फीट पर पहुंच चुका है, जहां 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिलना चाहिए वह केवल 45 लीटर ही पानी मिल पा रहा है, जिसके चलते लगातार पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, कई वार्डों में लोग सड़कों पर उतरकर पानी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, यही नहीं वार्ड पार्षदों से लेकर महापौर तक के घेराव भी कर रहे, तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी जलसंकट की समस्या बनी हुई हैं, शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक कई ट्यूबवेल दम तोड़ चुके हैं।


Body:बुरहानपुर की जीवनदायिनी कहे जाने वाली सूर्यपुत्री मां ताप्ती नदी में इन दिनों पूरी तरह सूख चुकी है, जिससे शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक पानी के लिए हा-हाकार मचा हुआ है, बता दें कि ताप्ती नदी के जल से सिंचाई होने के साथ-साथ ट्यूबवेलो में पानी भी मिलता रहता था, लेकिन अब ताप्ती की सूखते ही सारे जल स्रोतों ने भी दम तोड़ दिया है, वही शहर के दर्जनभर से अधिक वार्डों में जलसंकट अपने पैर पसार चुका है, आलम यह है की इन वार्डों में 2 से 3 दिन के अंतराल में जलप्रदाय किया जाता है, जिसके चलते क्षेत्रवासी दूर-दूर से पानी लाने के लिए मजबूर है, तो वही नवागत कलेक्टर राजेश कुमार कौल ने कहा कि बुरहानपुर की जल व्यवस्था ट्यूबवेल पर आधारित हैं, भीषण जलसंकट से निपटने के लिए नए ट्यूबवेल खनन के आदेश दिए हैं।


Conclusion:बाईट 01:- मुस्ताक अंसारी, क्षेत्रवासी। फ़ाइल।
बाईट 02:- अमर यादव, उपनेता प्रतिपक्ष-कांग्रेस।
बाईट 03:- राजेश कुमार कौल, कलेक्टर।
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