बुरहानपुर। जनजातीय विभाग सहायक आयुक्त कार्यालय बुरहानपुर में करोड़ों के गबन मामले सामने आये है. बुरहानपुर पुलिस ने दूसरे आरोपी प्यून मनोज पाटिल को गिरफ्तार किया है. इससे पहले लेखा शाखा प्रभारी नारायण पाटिल को गिरफ्तार किया चुका है. पूछताछ में पाटिल ने कईं राज खोले हैं. करीब 10 लोगों के नाम भी बताए गए है, जिनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई थी. मामले की परतें खुलते ही आरोपियों के नाम सामने आ रहे हैं, पुलिस लगातार छानबीन में जुटी है.
विभागीय खाता राशि में की गड़बड़ी: एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देशन व एएसपी अंतर सिंह कनेश, सीएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में लालबाग पुलिस ने की है. सहायक आयुक्त कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग के धोखाधड़ी प्रकरण में प्यून मनोज पाटिल को गिरफ्तार किया. आरोपी पर वर्ष 2010 से 2017 के बीच सहायक आयुक्त कार्यालय, जनजातीय कार्यालय बुरहानपुर में भृत्य रहते हुए लेखा शाखा प्रभारी नारायण पाटिल के साथ मिलकर चेक के माध्यम से शासकीय राशि का आहरण कर राशि गबन करने के आरोप है. मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर लालबाग थाना में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था. भृत्य आरोपी मनोज पिता ईश्वरलाल पाटिल शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बड़झिरी का निवासी है. मामले में अब तक की जांच में आरोपियों द्वारा लगभग 3 करोड़ रुपए की राशि की धोखाधड़ी की गई है. मामले की जांच जारी है.
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और कई राज खुल सकते है: आदिमजाति कल्याण विभाग में हुए इस घोटाले के बाद वर्ष 2010 से 2017 तक विभाग के प्रमुख पदों पर रहे अधिकारियों व कर्मचारीयों में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है. पुलिस के द्वारा पहले ही बता दिया गया है कि उनके द्वारा 15 लोगों को चिह्नित किया है, जिनके खातों से रुपयों का लेनदेन हुआ है, पुलिस के अनुसार, यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस की जांच में वे सभी लोग आएंगे जो कहीं न कहीं इस घोटाले से जुड़े हुए है, अभी तक पुलिस द्वारा दो लोगों को आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस इस मामले में गंभीरता और सुक्ष्मता से जांच कर रही है. संभवत: आगामी दो से तीन दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते है.