बुरहानपुर। जिले के किसान आधुनिक खेती को लेकर सचेत हैं. किसानों ने फसलों पर कीटनाशक के छिड़काव के लिए पारंपरिक संसाधनों का उपयोग करना लगभग बंद कर दिया है. नई तकनीक भी ऐसी अपनाई है कि जिसे कोई पहली बार देखे तो दांतों तले अंगुलियां दबा लें. दरअसल, किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि अब तक वीडियो, फोटो के लिए उपयोग होने वाला ड्रोन खेती, किसानी के भी काम आ सकता है. इस बात को कृषि विभाग ने सच कर दिखाया हैं, फसलों पर छिड़काव के लिए किसानों को कृषि विभाग ने ड्रोन उपलब्ध कराया है.
एक एकड़ में 10 मिनट लगते हैं : ड्रोन की मदद से किसानों के समय की बचत हो रही है. साथ ही सुविधा भी मिली है. ड्रोन के माध्यम से किसान एक एकड़ फसल में मात्र 10 मिनट में कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. इसके लिए किसी मजदूर की जरूरत भी नहीं है. बाकायदा कृषि विभाग के कर्मचारी ड्रोन ऑपरेट करते हैं. किसान के कहे अनुसार कीटनाशक का छिड़काव करते हैं. किसानों ने बताया हमें एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए 400 से 500 रुपए खर्च आता है ये तो सिर्फ मजदूर का खर्च है. कीटनाशक का खर्च अलग है.
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किसानों को मिलेगी ड्रोन की ट्रेनिंग : किसानों का कहना है कि हमें सिर्फ कीटनाशक पर खर्च करना पड़ रहा है, जिससे मजदूरों के मुंहमांगी मजदूरी से बच रहे हैं, खरीफ सीजन में अब तक सौ से ज्यादा किसान इस तकनीक से छिड़काव करवा चुके है. किसानों की बढ़ती रुचि को देखते हुए कृषि विभाग ने इच्छुक किसानों को अनुदान के साथ ड्रोन खरीदने की सुविधा दी है. साथ ही इन्हें उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिलाने की तैयारी में है. उपसंचालक कृषि विभाग मनोहर देवके का कहना है कि ड्रोन के आ जाने के कारण अब कीटनाशक का छिड़काव आसान हो गया है.