बुरहानपुर। शहर के राजपुरा में रहने वाला एक परिवार ऐसा है, जो छह सालों से घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर पर्यावरण बचाने के लिए मिट्टी एवं प्राकृतिक रंगों से भगवान गणेश की मूर्तियों का निर्माण कर रहा है.
जहां कम लागत में ज्यादा कमाने के चक्कर में मूर्तिकार पीओपी की मूर्तियां बनाते हैं, जो पर्यावरण को दूषित करता है. वहीं ये परिवार मिट्टी के गणेश बनाकर समाज को पर्यावरण बचाने का संदेश दे रहा है. खास बात ये है कि उनके इस कार्य में एक मुस्लिम युवक शेख अशरफ मदद करता है, अशरफ मूर्तियां बनाने के लिए नदी और खेतों की मिट्टी और कपास की व्यवस्था करता है.
मूर्तिकार स्वाति वाणे ने बताया कि मिट्टी के गणेश बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों सहित अशरफ उनका सहयोग करते हैं और इस काम की प्रेरणा उन्हें ब्राह्मण समाज से मिली है, जिसके चलते विगत छह वर्षों से मिट्टी की मूर्तियां बना रहे हैं. इस बार भी लगभग 400 मूर्तियां बनाई हैं.
इन मूर्तियों को आकर्षक और सुंदर बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. इसकी वजह से विसर्जन के बाद नदियों और तालाबों का जल दूषित नहीं होता और कुछ समय बाद ही मूर्तियां पानी में घुल जाती हैं, जिससे प्रकृति को भी नुकसान नहीं पहुंचता है.