बुरहानपुर। विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशियों को ज्यादा समय नहीं मिला है. कम समय में अधिक से अधिक लोगों में खुद को पहुंचाने के लिए राजनीतिक दल के नेता नए-नए तरीके अपना रहे हैं. माता के पंडालों में होने वाले भंडारों के दौरान एक ओर जहां बीजेपी प्रत्याशी अर्चना चिटनीस पुड़ियां तलती नजर आ रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्र सिंह मांडा बाजार में मंदा की दुकान में बैठकर मांडा (बड़े आकार की रोटी) लपेट रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बुरहानपुर में ही कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह शेरा का विरोध भी देखने मिल रहा है.
मतदाताओं के रिझाने में जुटे नेता: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा. कांग्रेस ने ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा और बीजेपी ने कद्दावर नेत्री व पूर्व केबिनेट मंत्री अर्चना चिटनीस को प्रत्याशी घोषित किया है. घोषणा के बाद बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं. जनसंपर्क के दौरान मतदाताओं को साधने के लिए नेताओं को जद्दोजहद करना पड़ रही है. दरअसल अपने पक्ष में वोटिंग कराने के लिए नेता नए-नए तरीके अपनाने में लगे हैं.
बुरहानपुर में पूडी-मांडा पॉलिटिक्स: मतदाताओं के बीच पहुंचकर उनके कामकाज में हाथ बंटाने के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. पहले वीडियो में कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्र सिंह मांडा लपेटते दिखाई दे रहे हैं. वही दूसरे वीडियो में बीजेपी प्रत्याशी अर्चना चिटनीस माता रानी के भंडारे के दौरान पंडाल में पूड़िया तल रही हैं. वीडियो वायरल होने के बाद मतदाता इसे इसे पूड़ी-मांडा पॉलिटिक्स का नाम दिया है.
बगावत को रोकने पहुंचे पड़ोसी राज्य के नेता: बता दें कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा पर दांव लगाया है. टिकट फाइनल होने के बाद से ही अल्पसंख्यक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. ऐसे में लगातार जारी विरोध से घबराई कांग्रेस ने बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में डैमेज कंट्रोल व अल्पसंख्यक समुदाय को मनाने के लिए पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से प्रतिनिधि मंडल भेजा है. यह प्रतिनिधि मंडल मतदान होने तक हरेक गतिविधियों पर नजर रखेगा और इसका फीडबैक कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला व कांग्रेस वरिष्ठ नेता को देंगे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान का बैठकों का दौर शुरू है. सूत्रों के मुताबिक कुछ विधानसभा सीट से प्रत्याशी बदले जा सकते हैं.