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दुनिया में घुली बुरहानपुर के केले की मिठास, देखें- इन इको फ्रेंडली वस्तुओं के लिए मिला पुरस्कार

केंद्र सरकार की योजना एक जिला, एक उत्पाद के तहत बुरहानपुर को केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कार मिला है. केले की फसल व इससे बने उत्पादों के लिए यह पुरस्कार मिला. Banana product Burhanpur

Banana crop in Burhanpur ecofriendly product
बुरहानपुर इको फ्रेंडली वस्तुओं पर दिल्ली में मिला पुरस्कार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 1:15 PM IST

बुरहानपुर इको फ्रेंडली वस्तुओं पर दिल्ली में मिला पुरस्कार

बुरहानपुर। नई दिल्ली में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया बुरहानपुर का केला विश्वभर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. इसकी मिठास तो लोगों की जुबां पर है ही. साथ ही अब इसके पौधे से बने ईको फ्रेंडली उत्पादन भी अलग पहचान बना रहे हैं. एक जिला एक उत्पाद के लिए योजना बनाकर काम किया गया. यहां की मुख्य फसल केला और इसके पौधे, तने, रेशे से बने उत्पादों को सराहा गया है. बुरहानपुर की झोली में प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्पेशल मेंशन अवार्ड आया.

महिलाओं को दी ट्रेनिंग : कलेक्टर ने बताया कि पहले महिलाओं को उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. महिलाओं ने रुचि दिखाई और अपने कौशल से अलग-अलग उत्पाद बनाना सीखा, महिलाओं की मेहनत रंग लाई. केले से बनने वाले चिप्स से लेकर भाइयों के हाथों बंधने वाली राखी तक के उत्पाद तैयार किए गए. इसके अलावा घरों में उपयोग होने वाली सामग्री भी तैयार की. इसमें चटाई, पर्स, टोकरियां, पायदान का निर्माण महिलाओं ने किया. इससे दो काम हुए, एक तो एक जिला एक उत्पादन की अवधारणा को मूर्त रूप मिला और जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर भी बनी है.

महिलाओं को मिला रोजगार : केला फसल से बनाए गए उत्पादन किसी फैक्ट्री, कारखाने की मशीनों से तैयार नहीं किए गए. इन उत्पादों को जिले की गृहणियों ने मिलकर तैयार किया है. गृहणियों ने अपना रोजगार खुद के दम पर तैयार किया. वह आज किसी पर निर्भर नहीं हैं. महिलाओं की मेहनत से ही बुरहानपुर जिला आत्मनिर्भर भारत की अवधारणों को मूर्त रूप दे पाया है. बता दें कि केले के विक्रय को बढ़ाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद के तहत रेल्वे स्टेशन बुरहानपुर पर स्टॉल लगाया गया है.

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कई देशों में जा रहे केले : बुरहानपुर जिले में केला पैकिंग और ग्रेडिंग की यूनिट्स स्थापित की गई हैं. जिसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 20 से 30 मीट्रिक टन केले दुबई, तुर्की, बहरीन और अन्य देशों में निर्यात किए जाते हैं. साथ ही दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों में केले की आपूर्ति होती है, केले के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 25 रायपेनिंग चेंबर्स और विभिन्न बनाना चिप्स यूनिट्स स्थापित की गई है.

बुरहानपुर इको फ्रेंडली वस्तुओं पर दिल्ली में मिला पुरस्कार

बुरहानपुर। नई दिल्ली में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया बुरहानपुर का केला विश्वभर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. इसकी मिठास तो लोगों की जुबां पर है ही. साथ ही अब इसके पौधे से बने ईको फ्रेंडली उत्पादन भी अलग पहचान बना रहे हैं. एक जिला एक उत्पाद के लिए योजना बनाकर काम किया गया. यहां की मुख्य फसल केला और इसके पौधे, तने, रेशे से बने उत्पादों को सराहा गया है. बुरहानपुर की झोली में प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कारों में स्पेशल मेंशन अवार्ड आया.

महिलाओं को दी ट्रेनिंग : कलेक्टर ने बताया कि पहले महिलाओं को उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. महिलाओं ने रुचि दिखाई और अपने कौशल से अलग-अलग उत्पाद बनाना सीखा, महिलाओं की मेहनत रंग लाई. केले से बनने वाले चिप्स से लेकर भाइयों के हाथों बंधने वाली राखी तक के उत्पाद तैयार किए गए. इसके अलावा घरों में उपयोग होने वाली सामग्री भी तैयार की. इसमें चटाई, पर्स, टोकरियां, पायदान का निर्माण महिलाओं ने किया. इससे दो काम हुए, एक तो एक जिला एक उत्पादन की अवधारणा को मूर्त रूप मिला और जिले की महिलाएं आत्मनिर्भर भी बनी है.

महिलाओं को मिला रोजगार : केला फसल से बनाए गए उत्पादन किसी फैक्ट्री, कारखाने की मशीनों से तैयार नहीं किए गए. इन उत्पादों को जिले की गृहणियों ने मिलकर तैयार किया है. गृहणियों ने अपना रोजगार खुद के दम पर तैयार किया. वह आज किसी पर निर्भर नहीं हैं. महिलाओं की मेहनत से ही बुरहानपुर जिला आत्मनिर्भर भारत की अवधारणों को मूर्त रूप दे पाया है. बता दें कि केले के विक्रय को बढ़ाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद के तहत रेल्वे स्टेशन बुरहानपुर पर स्टॉल लगाया गया है.

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