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केले की फसल कुकुम्बर मोजेक वायरस का कहर, फसल उखाड़कर फेंक रहे किसान - burhanpur news

बुरहानपुर में केले की फसल पर कुकुंबर मोजेक वायरस का कहर बरपा है, जिससे किसानों की फसल खराब हो रही है. ऐसा में किसान अपनी फसल को उखाड़कर को फेंकने को मजबूर हैं.

Crop waste
फसल बर्बाद
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Published : Sep 28, 2020, 12:15 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 1:43 PM IST

बुरहानपुर। जिले में हर साल करीब 20 हजार हेक्टेयर में केला की फसल लगाई जाती है, लेकिन इस साल केले की फसल कुकुंबर मोजेक वायरस का कहर बरपा है. जिससे किसानों की फसल खराब हो रही है. ऐसा ही मामला शाहपुर क्षेत्र से सामने आया. जहां किसान रविंद्र लांडे की 12 हजार केला की फसल कुकुंबर मोजेक वायरस की चपेट में आ गई, जिसके बाद उन्होंने पूरी फसल उखाड़कर फैंक दी. अब किसानों को सरकार से मदद की आस है.

किसान की फसल बर्बाद

बता दें कि बीते दिनों खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर किसानों के हित में निर्णय लेने और उचित मुआवजा दिलाने के साथ ही संबंधित कंपनियों के टिश्यू की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिसके चलते किसान फसल उखाड़कर फेंकने को मजबूर हैं.

किसानों का कहना है कि केला फसल की बच्चों की तरह देखभाल करते हैं और ऐसे में कुकुंबर मोजेक वायरस के कहर ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब किसानों के सामने परिवार का भरण पोषण का संकट मंडरा रहा है.

बुरहानपुर। जिले में हर साल करीब 20 हजार हेक्टेयर में केला की फसल लगाई जाती है, लेकिन इस साल केले की फसल कुकुंबर मोजेक वायरस का कहर बरपा है. जिससे किसानों की फसल खराब हो रही है. ऐसा ही मामला शाहपुर क्षेत्र से सामने आया. जहां किसान रविंद्र लांडे की 12 हजार केला की फसल कुकुंबर मोजेक वायरस की चपेट में आ गई, जिसके बाद उन्होंने पूरी फसल उखाड़कर फैंक दी. अब किसानों को सरकार से मदद की आस है.

किसान की फसल बर्बाद

बता दें कि बीते दिनों खंडवा-बुरहानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर किसानों के हित में निर्णय लेने और उचित मुआवजा दिलाने के साथ ही संबंधित कंपनियों के टिश्यू की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिसके चलते किसान फसल उखाड़कर फेंकने को मजबूर हैं.

किसानों का कहना है कि केला फसल की बच्चों की तरह देखभाल करते हैं और ऐसे में कुकुंबर मोजेक वायरस के कहर ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब किसानों के सामने परिवार का भरण पोषण का संकट मंडरा रहा है.

Last Updated : Sep 28, 2020, 1:43 PM IST
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