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खरगोन से जंगल के रास्ते नेपानगर जा रहे थे 7 मजदूर, सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

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Published : Apr 9, 2020, 10:19 PM IST

मध्यप्रदेश में लॉकडाउन होने के चलते कई मजदूर घर से दूर किसी दूसरी जगह फंस गए हैं. कुछ दिन रहने के बाद अब वे वापस अपने गांव लौट रहे हैं. गुरूवार को 7 ऐसे ही मजदूर खरगोन में पाए गए, जो खरगोन बायपास से सटे जंगल के रास्ते नेपानगर जा रहे थे.

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सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

बुरहानपुर। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए फिलहाल मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में गांव छोड़कर मजदूरी के लिए बाहर गए कई मजदूर फंस गए हैं. पैसे खत्म होने के बाद घर से बाहर फंसे मजदूर घर वापस लौट रहे हैं. गुरूवार को खरगोन हाइवे से सटे जंगल के रास्ते 7 मजदूर नेपानगर पहुंचे.

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सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

मजूदरों की सूचना लगते ही वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां सभी की प्रारंभिक जांच की गई. जांच के बाद डॉक्टर ने सातों मजदूरों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन जोन में रहने की सलाह दी और गांव के सरपंच को सूचना देकर उन्हें सिंधखेड़ा गांव पहुंचाया गया.

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सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

मजदूरों ने बताया कि 17 मार्च को वे गेंहू कटाई के लिये खरगोन जिले के कमदवाड़ा गए हुए थे. इसके बाद लॉकडाउन लगा और वे वहां फंस गए.

23 मार्च को पीएम मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इस दौरान कई लोग अपने घर से दूर कहीं बाहर फंस गए. इसी बीच मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा होने लगा तो वे मजदूर अब वापस लौट रहे हैं.

बुरहानपुर। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए फिलहाल मध्यप्रदेश में लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में गांव छोड़कर मजदूरी के लिए बाहर गए कई मजदूर फंस गए हैं. पैसे खत्म होने के बाद घर से बाहर फंसे मजदूर घर वापस लौट रहे हैं. गुरूवार को खरगोन हाइवे से सटे जंगल के रास्ते 7 मजदूर नेपानगर पहुंचे.

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सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

मजूदरों की सूचना लगते ही वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए. जहां सभी की प्रारंभिक जांच की गई. जांच के बाद डॉक्टर ने सातों मजदूरों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन जोन में रहने की सलाह दी और गांव के सरपंच को सूचना देकर उन्हें सिंधखेड़ा गांव पहुंचाया गया.

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सूचना मिलने पर लाए गए अस्पताल

मजदूरों ने बताया कि 17 मार्च को वे गेंहू कटाई के लिये खरगोन जिले के कमदवाड़ा गए हुए थे. इसके बाद लॉकडाउन लगा और वे वहां फंस गए.

23 मार्च को पीएम मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इस दौरान कई लोग अपने घर से दूर कहीं बाहर फंस गए. इसी बीच मजदूरों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा होने लगा तो वे मजदूर अब वापस लौट रहे हैं.

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