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प्रसव के 6 घंटे बाद बस में खड़े होकर नवजात को घर ले गई महिला - स्वास्थ्य केंद्र

अस्पताल की इस लापरवाही पर स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. तालिफ अंसारी ने कहा कि महिला मना करने के बावजूद बिना बताए अस्पताल से चली गई थी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में महिलाएं अक्सर ऐसा करती हैं. उन्होंने कहा कि नियमानुसार प्रसव के बाद महिलाओं को 3 दिन तक अस्पताल में रुकना होता है.

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Published : Apr 8, 2021, 5:04 AM IST

बुरहानपुर। जिले के आदिवासी बहुल धूलकोट क्षेत्र में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने हुई है. यहां स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई एक महिला प्रसव के छह घंटे बाद नवजात को यात्री बस में खड़े होकर घर ले गई. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने महिला को न तो रोकने का प्रयास किया और न ही उसे जननी एक्सप्रेस वाहन उपलब्ध कराया.

महिला
  • अस्पताल का मत

अस्पताल की इस लापरवाही पर स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. तालिफ अंसारी ने कहा कि महिला मना करने के बावजूद बिना बताए अस्पताल से चली गई थी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में महिलाएं अक्सर ऐसा करती हैं. उन्होंने कहा कि नियमानुसार प्रसव के बाद महिलाओं को 3 दिन तक अस्पताल में रुकना होता है.

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  • बस में भी मिली महिला को सीट

अपने नवजात को घर ले जाने के बावजूद महिला को यात्री बस में भी सीट नहीं मिली. हालांकि महिलाओं के लिए बसों में सीटें आरक्षित की गई है, बावजूद इसके बस के परिचालक ने प्रसूता को बैठने तक के लिए सीट उपलब्ध नहीं कराई. वहीं, घटना की जानकारी लगने पर जिलाधिकारी प्रवीण सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है और इस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

बुरहानपुर। जिले के आदिवासी बहुल धूलकोट क्षेत्र में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने हुई है. यहां स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आई एक महिला प्रसव के छह घंटे बाद नवजात को यात्री बस में खड़े होकर घर ले गई. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने महिला को न तो रोकने का प्रयास किया और न ही उसे जननी एक्सप्रेस वाहन उपलब्ध कराया.

महिला
  • अस्पताल का मत

अस्पताल की इस लापरवाही पर स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. तालिफ अंसारी ने कहा कि महिला मना करने के बावजूद बिना बताए अस्पताल से चली गई थी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में महिलाएं अक्सर ऐसा करती हैं. उन्होंने कहा कि नियमानुसार प्रसव के बाद महिलाओं को 3 दिन तक अस्पताल में रुकना होता है.

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  • बस में भी मिली महिला को सीट

अपने नवजात को घर ले जाने के बावजूद महिला को यात्री बस में भी सीट नहीं मिली. हालांकि महिलाओं के लिए बसों में सीटें आरक्षित की गई है, बावजूद इसके बस के परिचालक ने प्रसूता को बैठने तक के लिए सीट उपलब्ध नहीं कराई. वहीं, घटना की जानकारी लगने पर जिलाधिकारी प्रवीण सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है और इस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

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