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भोपाल के भावी सांसद से युवाओं की अपेक्षा, 'शिक्षा और रोजगार पर होना चाहिए बेहतर काम'

भोपाल में 12 मई को होने वाले मतदान से पहले युवाओं ने ईटीवी भारत से बात कर अपने भावी सांसद में वे क्या खूबियां देखना चाहते हैं, इस पर बातचीत की.

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Published : May 10, 2019, 11:47 AM IST

Updated : May 10, 2019, 1:04 PM IST

भोपाल। 12 मई को भोपाल संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है. भोपाल के भावी सांसद को लेकर आज के युवाओं की क्या अपेक्षाएं हैं, इसे लेकर ETV BHARAT ने कुछ युवाओं से उनकी राय जानी. युवाओं ने भी ईटीवी भारत को बताया कि वे किन मुद्दों को दिमाग में रखकर अपने प्रत्याशी को वोट देंगे.

मतदान करने वालों में कई युवा ऐसे हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे. जब युवाओं से उनके मन की बात जानने की कोशिश की गई, तो ज्यादातर युवाओं ने शिक्षा और बेरोजगारी के समाधान पर ज्यादा जोर दिया. कई युवाओं का मानना है कि भोपाल में शिक्षा के लिए कोई खास काम नहीं किया गया है. साथ ही रोजगार के अवसर ना मिलने की वजह से बेरोजगारी का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है.

'सच्चे-अच्छे और ईमानदार नेता आने चाहिए'
युवाओं ने कहा कि हेल्थ सेक्टर को बाजार ना बनाया जाए. युवाओं के सामने ऐसा परिदृश्य ना पेश किया जाए, जो झूठ हो. उन्होंने कहा कि राजनीति में युवाओं के प्रवेश को बाधित ना किया जाए. अच्छे सच्चे और ईमानदार नेता सामने आने चाहिए.

'जो शिक्षा के क्षेत्र में सोंचे, उसे देंगे वोट'
भोपाल की रहने वाली मधुबाला पोरवाल का कहना है कि निश्चित रूप से इस बार का चुनाव काफी रोचक नजर आ रहा है, लेकिन हम केवल यही चाहते हैं कि यहां से वही सांसद बन कर सामने आए, जो शिक्षा के क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में कुछ काम करके दिखा सकता हो. वहीं एक अन्य युवा मधु प्रसाद का कहना है कि सांसद का चुनाव जाति आधार पर नहीं, बल्कि उसकी योग्यता पर होनी चाहिए.

युवआों ने रखी राय

'नेताओं पर नहीं होना चाहिए क्रिमिनल केस'
युवा अतीक खान का कहना है कि हमारा सांसद ऐसा हो, जिस पर किसी भी तरह का कोई क्रिमिनल केस ना हो. साथ ही वह खुद शिक्षित हो. वहीं आयुषी वर्मा नाम की छात्रा का कहना है कि मेरी अपेक्षा यही है कि जब मतदान करने के लिए जाऊं तो यह चीज मेरे दिमाग में होनी चाहिए कि मैं जिस व्यक्ति को चुन रही हूं, वह शिक्षित नहीं है. दूसरी अमृता त्रिपाठी का मानना है कि जो शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाए, उसे वोट देना चाहिए. कुछ यही राय दूसरे युवा मयंक की भी है.

भोपाल। 12 मई को भोपाल संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है. भोपाल के भावी सांसद को लेकर आज के युवाओं की क्या अपेक्षाएं हैं, इसे लेकर ETV BHARAT ने कुछ युवाओं से उनकी राय जानी. युवाओं ने भी ईटीवी भारत को बताया कि वे किन मुद्दों को दिमाग में रखकर अपने प्रत्याशी को वोट देंगे.

मतदान करने वालों में कई युवा ऐसे हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे. जब युवाओं से उनके मन की बात जानने की कोशिश की गई, तो ज्यादातर युवाओं ने शिक्षा और बेरोजगारी के समाधान पर ज्यादा जोर दिया. कई युवाओं का मानना है कि भोपाल में शिक्षा के लिए कोई खास काम नहीं किया गया है. साथ ही रोजगार के अवसर ना मिलने की वजह से बेरोजगारी का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है.

'सच्चे-अच्छे और ईमानदार नेता आने चाहिए'
युवाओं ने कहा कि हेल्थ सेक्टर को बाजार ना बनाया जाए. युवाओं के सामने ऐसा परिदृश्य ना पेश किया जाए, जो झूठ हो. उन्होंने कहा कि राजनीति में युवाओं के प्रवेश को बाधित ना किया जाए. अच्छे सच्चे और ईमानदार नेता सामने आने चाहिए.

'जो शिक्षा के क्षेत्र में सोंचे, उसे देंगे वोट'
भोपाल की रहने वाली मधुबाला पोरवाल का कहना है कि निश्चित रूप से इस बार का चुनाव काफी रोचक नजर आ रहा है, लेकिन हम केवल यही चाहते हैं कि यहां से वही सांसद बन कर सामने आए, जो शिक्षा के क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में कुछ काम करके दिखा सकता हो. वहीं एक अन्य युवा मधु प्रसाद का कहना है कि सांसद का चुनाव जाति आधार पर नहीं, बल्कि उसकी योग्यता पर होनी चाहिए.

युवआों ने रखी राय

'नेताओं पर नहीं होना चाहिए क्रिमिनल केस'
युवा अतीक खान का कहना है कि हमारा सांसद ऐसा हो, जिस पर किसी भी तरह का कोई क्रिमिनल केस ना हो. साथ ही वह खुद शिक्षित हो. वहीं आयुषी वर्मा नाम की छात्रा का कहना है कि मेरी अपेक्षा यही है कि जब मतदान करने के लिए जाऊं तो यह चीज मेरे दिमाग में होनी चाहिए कि मैं जिस व्यक्ति को चुन रही हूं, वह शिक्षित नहीं है. दूसरी अमृता त्रिपाठी का मानना है कि जो शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाए, उसे वोट देना चाहिए. कुछ यही राय दूसरे युवा मयंक की भी है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी इलेक्शन )

भोपाल सांसद से युवाओं की अपेक्षा , शिक्षा और रोजगार पर होना चाहिए ठोस निर्णय



भोपाल | लोक सभा निर्वाचन की प्रक्रिया का अब अंतिम दो चरण बाकी है और 12 मई को भोपाल संसदीय क्षेत्र में भी मतदान होना है लेकिन भोपाल के सांसद को लेकर आज के युवा अपने मन में किस तरह के विचार रखते हैं साथ ही वे अपने सांसद से किस तरह की अपेक्षाएं करते हैं क्योंकि कई युवा ऐसे हैं जो इस बार प्रथम बार मतदान करने जा रहे हैं जब युवाओं से उनके मन की बात जानने की कोशिश की तो ज्यादातर युवाओं ने शिक्षा और बेरोजगारी पर ज्यादा जोर दिया ज्यादातर युवाओं का मानना है कि भोपाल में शिक्षा के लिए कोई खास काम नहीं किया गया है साथ ही रोजगार के अवसर ना मिलने की वजह से बेरोजगारी का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है .



ज्यादातर युवा मानते हैं कि शिक्षा का बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाना चाहिए हेल्थ सेक्टर को बाजार ना बनाया जाए जमीनी हकीकतो को नेतागण कुछ समझना चाहिए युवाओं के सामने ऐसा परिदृश्य ना पेश किया जाए जो झूठ हो और युवा वर्ग उसी के आधार पर अपनी सोच को विकसित कर ले राजनीति में युवाओं के प्रवेश को बाधित ना किया जाए अच्छे सच्चे और ईमानदार नेता सामने आना चाहिए आज के युवाओं की राजनीतिक लोगों से यही आकांक्षाएं है कि वे अपने काम से समाज को बदलने का दम रखते हैं .


Body:चुनाव का मौसम है और इस समय हर तरफ लोकसभा चुनाव की ही चर्चा हो रही है लेकिन देश में इस समय भोपाल सीट पर सभी का ध्यान केंद्रित है भारत युवाओं का देश है और अब युवा भी राजनीति में दिलचस्पी दिखा रहे हैं ऐसे में यही प्रश्न उठता है कि राजनीति और नेताओं से हमारी आज की युवा पीढ़ी किस प्रकार की अपेक्षा करती है और उनसे किस तरह की उम्मीद है आज के युवाओं को है .



भोपाल की रहने वाली मधुबाला पोरवाल का कहना है कि निश्चित रूप से इस बार का चुनाव काफी रोचक नजर आ रहा है लेकिन हम केवल यही चाहते हैं कि भोपाल से वही सांसद बन कर सामने आए जो शिक्षा के क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में कुछ काम करके दिखा सकता हो . उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव की जरूरत है लेकिन आज शब्द परिवर्तित हो गए हैं उसके मायने बदल दिए गए हैं आज युवाओं को जो दिखाया जा रहा है वह जमीनी स्तर पर कहीं नजर नहीं आता है . कई ऐसे मुद्दे भी हैं जिस पर सांसद की नजर होनी चाहिए जैसे आपके शहर में स्वच्छता का स्तर कैसा है आपके शहर के स्कूल कॉलेज की क्या व्यवस्था है क्या आपके शहर में प्राइवेट कॉलेजों में मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को भी आसानी से एडमिशन मिल पा रहा है इन सभी चीजों पर सांसद का फोकस होना चाहिए . उन्होंने कहा कि आज नैतिक शिक्षा की जगह डिजिटल शिक्षा की ओर ज्यादा रुझान देखने को मिल रहा है लेकिन जरूरत है कि नैतिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाए .


Conclusion:वहीं एक अन्य युवा मधु प्रसाद का कहना है कि सांसद का चुनाव जाति आधार पर नहीं होना चाहिए सांसद ऐसा होना चाहिए जिस की कथनी और करनी में अंतर ना हो जो वादा वह जनता से करें उसे करके दिखाएं क्योंकि मैं पहली बार मतदान करने जा रही हूं और मेरा आधार यह है कि मैं जिसे भी अपना वोट दो वह व्यक्ति युवाओं के लिए कुछ कार्य कर सकता है या नहीं यह मुझे जरूर मालूम होना चाहिए क्या वह व्यक्ति जिसे मैं वोट करने जा रही हूं वह रोजगार को लेकर कोई ठोस सोच रखता है क्योंकि हम इस समय युवा है और कॉलेज हमारा समाप्त होने वाला है और हमारी अपेक्षा है कि कॉलेज समाप्त होने के बाद हमें कोई अच्छी जॉब मिल जाए मत का प्रयोग केवल इसी आधार पर होना चाहिए कि हम जिस भी व्यक्ति को चुने उसके माध्यम से एक अच्छी सरकार बन कर सामने आए जिसे हमारे देश का सशक्त विकास हो सके .


भोपाल की रहने वाली अतीक खान का कहना है कि हमारा सांसद ऐसा हो जिस पर किसी भी प्रकार का कोई क्रिमिनल केस ना हो साथ ही वह स्वयं शिक्षित होना जरूरी है ऐसे व्यक्ति को जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए आज हमारे पास मतदान का अधिकार है तो निश्चित रूप से हम एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना चाहते हैं जो युवाओं को लेकर ऐसी योजना बनाए जिसके माध्यम से युवाओं को फायदा पहुंचे .


भोपाल की आयुषी वर्मा भी पहली बार मतदान करने जा रही है वह अभी कुछ समय पहले ही 18 वर्ष की हुई है उनका कहना है कि मेरी अपेक्षा यही है कि मैं जब मतदान करने के लिए जाऊं तो यह चीज मेरे दिमाग में होनी चाहिए कि मैं जिस व्यक्ति को चुन रही हूं वह शिक्षित है या नहीं है साथ ही वह व्यक्ति अपने मेनिफेस्टो के माध्यम से युवाओं के लिए क्या खास कर सकता है जैसे शिक्षा के क्षेत्र में या फिर रोजगार के क्षेत्र में उसके बाद ही में उस व्यक्ति को अपना मत प्रदान करूंगी .


भोपाल की अमृता त्रिपाठी का कहना है कि हम चाहते हैं कि ऐसे सांसद का चुनाव करें जो युवाओं के लिए शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाएं साथी कॉलेज की संख्या में विस्तार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शिक्षा प्राप्त करने में आसानी हो सके .

कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं भोपाल के मयंक का कहना है कि भोपाल में एजुकेशन को लेकर एक बड़ी समस्या है और मेरा मानना है कि मैं ऐसे व्यक्ति को चुना चाहूंगा जो एजुकेशन के क्षेत्र में कुछ अच्छा कर सकता हूं क्योंकि प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे करते हैं लेकिन चुनाव संपन्न होने के बाद उन वादों को निभा नहीं पाते हैं मैं धर्म और जाति के आधार पर अपना वोट नहीं डालने वाला हूं मेरा सीधा सा मानना है कि जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं वे विकास के लिए क्या करने जा रहे हैं और उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में उसे कितनी जगह दी है जिस तरह से भोपाल में प्राइवेट कॉलेज लगातार खुल रहे हैं लेकिन शासकीय कॉलेज को सरकार के माध्यम से बढ़ावा नहीं दिया जाता है यही वजह है कि प्राइवेट कॉलेजों में फीस ज्यादा वसूली जाती है जो हर वर्ग के युवा के लिए मुमकिन नहीं होती है इसलिए जरूरत है कि शासकीय कॉलेजों की संख्या भोपाल में बढ़ाई जाए इससे युवाओं को बेहद फायदा मिलेगा .


Last Updated : May 10, 2019, 1:04 PM IST
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