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युवाओं पर तेजी से चढ़ रहा नशे का बुखार, जानिए क्या कहती है NCB की रिपोर्ट

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बाद देश में नशीले पद्धार्थों के सेवन का मामला तेजी से जोर पकड़ रहा है. महाराष्ट्र में एनसीबी लगातार जगह-जगह छापामार कार्रवाई कर रहे हैं. वहीं कई फिल्म इंडस्ट्री में भी गांजा और ड्रग्स की पार्टियों पर एनसीबी धरपकड़ कर रही है. इसी तरह मध्यप्रदेश में भी नशा तेजी से फल फूल रहा है.

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Published : Sep 29, 2020, 8:09 PM IST

Updated : Sep 30, 2020, 6:08 AM IST

भोपाल। मुंबई में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एनसीबी की कार्रवाई में ड्रग के कारोबार का लगातार खुलासा हो रहा है. ड्रग का कारोबार महाराष्ट्र नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में भी नशे की इस मायानगरी से दूर नहीं है. मध्यप्रदेश में भी नशा जमकर फल फूल रहा है. इसका खुलासा भोपाल पुलिस और नारकोटिक्स विंग द्वारा की गई कार्रवाईयों से सामने आया है. कार्रवाई से पता चला है कि ड्रग माफिया अपने नया अड्डा जमाने कॉलेज कैंपस तक पहुंच गए हैं. युवाओं में नशे के रूप में जहर को पहुंचाया जा रहा है.

नशे की जद में युवा

कॉलेजों में तेजी से पहुंच रहा नशा

मध्यप्रदेश में युवाओं के बीच गांजा, ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों के अलावा एमडीएमए जैसे नशीले पदार्थों को भी पहुंचाया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो कई मामलों में सामने आया है कि कई कॉलेज स्टूडेंट अपनी गर्लफ्रेंड को भी इसकी लत डाल देते हैं. भोपाल क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के मुताबिक पिछले दिनों ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ा जो स्कूलों कॉलेज की लड़कियों को फंसाकर उन्हें पहले ड्रग का आदि बनाते हैं, फिर उन्हीं से दूसरी लड़कियों को शिकार बनाते हैं.

पार्टियों में दी जा रही ड्रग्स

कई बार पार्टियों में भी ड्रग दी जाती है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एमडीएमए ड्रग मुंबई और गुजरात से भोपाल आ रही है. पिछले 4 सालों के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो -

  • 2019 में नशे के अवैध कारोबार के मामले में 3474 मामले दर्ज किए गए. वहीं 4318 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
  • 2018 में सिर्फ 1922 मामले पंजीबद्ध कर 2558 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
  • 2017 में 1323 मामले दर्ज किए गए और 1800 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
  • 2016 में 790 मामले दर्ज किए गए और 1117 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

नारकोटिक्स विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में एमडीएमए ड्रग भी भी आ रहे हैं. पिछले कुछ समय पहले एक कार्रवाई में इसे जब्त भी किया गया है. इस तरह देखा जाए तो साल दर साल नशे का कारोबार बढ़ रहा है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी बढ़ी है. नारकोटिक्स विभाग द्वारा कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ जप्त कर उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई की गई.

कितने मादक पद्धार्थों को किया गया नष्ट ?

  • 2019 में 47 हज़ार 984 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया है.
  • जबकि 2018 में 358 प्रकरणों में 92 हज़ार 120 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया गया.
  • 2017 में 19 हजार 750 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया है.
  • 2016 में 837 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया गया है.

युवाओं को जागरूक करने चलाए जा रहे अभियान

नशे से बचाने चलाया जा रहा अभियान युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए जहां पुलिस और नारकोटिक्स द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं युवाओं को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है. पूरे मध्यप्रदेश में छात्र-छात्राओं को ड्रग्स के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं. 2019 में मध्यप्रदेश में 5576 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 5 लाख 17 हजार 272 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया.

भोपाल। मुंबई में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एनसीबी की कार्रवाई में ड्रग के कारोबार का लगातार खुलासा हो रहा है. ड्रग का कारोबार महाराष्ट्र नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में भी नशे की इस मायानगरी से दूर नहीं है. मध्यप्रदेश में भी नशा जमकर फल फूल रहा है. इसका खुलासा भोपाल पुलिस और नारकोटिक्स विंग द्वारा की गई कार्रवाईयों से सामने आया है. कार्रवाई से पता चला है कि ड्रग माफिया अपने नया अड्डा जमाने कॉलेज कैंपस तक पहुंच गए हैं. युवाओं में नशे के रूप में जहर को पहुंचाया जा रहा है.

नशे की जद में युवा

कॉलेजों में तेजी से पहुंच रहा नशा

मध्यप्रदेश में युवाओं के बीच गांजा, ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थों के अलावा एमडीएमए जैसे नशीले पदार्थों को भी पहुंचाया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो कई मामलों में सामने आया है कि कई कॉलेज स्टूडेंट अपनी गर्लफ्रेंड को भी इसकी लत डाल देते हैं. भोपाल क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के मुताबिक पिछले दिनों ऐसे ही एक गिरोह को पकड़ा जो स्कूलों कॉलेज की लड़कियों को फंसाकर उन्हें पहले ड्रग का आदि बनाते हैं, फिर उन्हीं से दूसरी लड़कियों को शिकार बनाते हैं.

पार्टियों में दी जा रही ड्रग्स

कई बार पार्टियों में भी ड्रग दी जाती है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एमडीएमए ड्रग मुंबई और गुजरात से भोपाल आ रही है. पिछले 4 सालों के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो -

  • 2019 में नशे के अवैध कारोबार के मामले में 3474 मामले दर्ज किए गए. वहीं 4318 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
  • 2018 में सिर्फ 1922 मामले पंजीबद्ध कर 2558 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
  • 2017 में 1323 मामले दर्ज किए गए और 1800 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
  • 2016 में 790 मामले दर्ज किए गए और 1117 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

नारकोटिक्स विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में एमडीएमए ड्रग भी भी आ रहे हैं. पिछले कुछ समय पहले एक कार्रवाई में इसे जब्त भी किया गया है. इस तरह देखा जाए तो साल दर साल नशे का कारोबार बढ़ रहा है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी बढ़ी है. नारकोटिक्स विभाग द्वारा कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ जप्त कर उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई की गई.

कितने मादक पद्धार्थों को किया गया नष्ट ?

  • 2019 में 47 हज़ार 984 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया है.
  • जबकि 2018 में 358 प्रकरणों में 92 हज़ार 120 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया गया.
  • 2017 में 19 हजार 750 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया है.
  • 2016 में 837 किलोग्राम मादक पदार्थ को नष्ट किया गया है.

युवाओं को जागरूक करने चलाए जा रहे अभियान

नशे से बचाने चलाया जा रहा अभियान युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए जहां पुलिस और नारकोटिक्स द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं युवाओं को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है. पूरे मध्यप्रदेश में छात्र-छात्राओं को ड्रग्स के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं. 2019 में मध्यप्रदेश में 5576 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 5 लाख 17 हजार 272 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया.

Last Updated : Sep 30, 2020, 6:08 AM IST
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