16 अप्रैल 2021: इस समय कोरोना कहर बरपा रहा था. कांग्रेस और बीजेपी बयानबाजी में व्यस्त थी. इस दौरान विरोध जताते हुए कांग्रेसियों ने भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए थे. बीजेपी के प्रदेश कार्यालय के सामने भी इस तरह के पोस्टर लगे हुए थे. जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ा और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी. लापता प्रज्ञा सिंह ठाकुर! ढूंढकर लाने वाले को मिलेगा उचित 'इनाम'
12 मई 2021: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के कारण मध्य प्रदेश महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. इस बयान पर मोहर लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा था कि कांग्रेस शासित राज्य टीकाकरण अभियान पर भ्रम फैला रहे हैं. जिसके बाद इन बयानों पर देशभर में विवाद हुआ था. कांग्रेस शासित राज्यों से फैला कोरोना, महाराष्ट्र से एमपी में आई लहर
17 मई 2021: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि गोमूत्र से कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है. प्रज्ञा ठाकुर ने यह भी दावा किया था कि इन्हीं उपायों को अपनाने की वजह से उन्हें अभी तक कोरोना नहीं हुआ है. प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कांग्रेस नेता ने चुटकी लेते हुए ट्वीटर पर लिखा था कि बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर और उषा ठाकुर को सरकार को कोरोना नियंत्रण की जिम्मेदारी तुरंत सौंप देनी चाहिए. बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का दावा, गोमूत्र पीने से नहीं होता कोरोना
19 मई 2021: भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दावा किया था कि गोमूत्र के सेवन से कोविड संक्रमण से बचा जा सकता है. इसके दो दिन बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को दो बोतल गोमूत्र भेजा था. बोतलें कुरियर के जरिए केंद्रीय मंत्री को पत्र के साथ भेजी गईं थी. कांग्रेस नेता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कोरियर किया गोमूत्र, मांगा ये जवाब
22 मई 2021: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ कोरोना के दहशत फैलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की गई थी. इस मामले में भोपाल के क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में कमलनाथ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. शिकायत में यह भी कहा गया था कि कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ "झूठे आरोप" लगाए, जिसमें राज्य में कोविड की मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने का आरोप लगाया. यह मुद्दा भी प्रदेश की राजनीति में विवादित रहा था. कमलनाथ का दावा- कोरोना से प्रदेश में डेढ़ लाख मौत, गृहमंत्री बोले- सबूत हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा
30 मई 2021: कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मई में देश में फैले कोरोना को 'इंडियन वेरिएंट' कहा था. जिसके बाद प्रदेश सहित देश की राजनीति में घमासान मच गया था. विवाद होने के बाद कमलनाथ ने एक और बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि इंडियन वेरिएंट के कारण विश्व भर में देश का नाम बदनाम हो रहा है. नाथ ने कहा था कि 'मैं सिर्फ इतना कह रहा था कि भारत महान नहीं, बल्कि यह बदनाम हो गया है.' इसके बाद कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी. कमलनाथ ने कोरोना के 'इंडियन वेरिएंट' पर दिया था बयान, BJP ने की थी शिकायत
13 जून 2021: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक पाकिस्तानी पत्रकार के साथ बातचीत में कहा था कि कांग्रेस यदि सत्ता में लौटती है, तो अनुच्छेद 370 के फैसले को पलटने पर विचार कर सकती है. दिग्विजय के इस विवादित बयान ने देश में खुब सुर्खियां बटोरी थी. दिग्विजय ने पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, सत्ता में आए तो आर्टिकल 370 करेंगे बहाल
23 जून 2021: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पहले एक मीडिया रिपोर्ट साझा की थी जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय अधिकारियों ने चुपचाप दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. 'भारत सरकार को इस विषय पर तत्काल बयान देना चाहिए. क्या बीजेपी आईटी सेल देशद्रोह की श्रेणी में इसका संज्ञान लेगी?' पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्वीट किया था. दिग्विजय सिंह के ट्वीट को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि दिग्विजय सिंह मानसिक रूप से तालिबानी हो गए हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय पर निशाना साधते हुए कहा था कि दिग्विजय सिंह किस-किस के संपर्क में है, इसकी जांच हो रही है. दिग्विजय ने कहा भोपाल भाजपा के IT Cell प्रमुख पर देशद्रोह का case क्यों नहीं, तालिबान से गुपचुप वार्ता करने वालों पर action कब ?
2 जुलाई 2021: मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने दोनों वैक्सीन लेने वालों से पीएम केयर्स फंड में 500 रुपए दान करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि प्रत्येक खुराक के लिए 250 रुपए देना चाहिए, जो लोग इसे वहन कर सकते हैं उन्हें दान करना चाहिए.
20 सितंबर 2021: वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने निजी क्षेत्र में आरक्षण का आह्वान किया था. जब उन्हें बताया गया कि अधिकारी राजनेताओं को गुमराह करते हैं, तो उन्होंने कहा था कि नौकरशाही के पास 'औकात' नहीं है और यह 'राजनेताओं के जूते उठाते है.' हालांकि उमा भारती ने सफाई देते हुए ट्वीट किया था कि मेरा आशय निकम्मे नेताओं से था जो कहते हैं कि 'हम तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती'. उमा भारती के इस बयान के बाद देश की राजनीति में हलचल हुई थी. ब्यूरोक्रेसी पर दिए बयान पर उमा की सफाई, कहा- 'असंयत भाषा पर खेद, मेरा आशय निकम्मे नेताओं से था'
8 नवंबर 2021: भाजपा के मध्य प्रदेश प्रभारी नेता पी मुरलीधर राव के उस बयान से विवाद खड़ा हुआ था, जब उन्होंने कहा था कि ब्राह्मण उनकी एक जेब में थे और बनिया (व्यापारी वर्ग) दूसरे जेब में है. राव एक पत्रकार द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि भाजपा को मूल रूप से 'ब्राह्मणों और बनियों' की पार्टी के रूप में जाना जाता है, जो अब एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के मतदाताओं को लुभा रही है. भाजपा नेता राव ने कहा, ब्राह्मण और बनिया उनकी जेब में, कांग्रेस ने की माफी की मांग
25 दिसंबर 2021: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सासंद दिग्विजय सिंह ने महिलाओं को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा था कि जींस पहनने वाली और मोबाइल इस्तेमाल करने वाली लड़कियां नहीं, बल्कि 40-50 साल की महिलाएं ही पीएम मोदी से प्रभावित हैं. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने महिला कांग्रेस से आह्वान किया था कि वें 40 साल से कम उम्र की लड़कियों को कांग्रेस के साथ जोड़ें. 'जींस पहनने वाली नहीं, 40-50 साल की महिलाएं मोदी से प्रभावित'- दिग्विजय सिंह