भोपाल। एक समय था जब 50 साल की आयु के बाद लोगों को हृदय रोग की समस्या आती थी. लेकिन बदलती लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान व दिनचर्या के कारण इसमें बदलाव आया है. अब चौंकाने वाले मामले सामने आने लगे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अब 25 से 30 वर्ष की उम्र में ही हृदय रोग से संबंधित रिस्क फैक्टर सामने आने लगे हैं.
तनाव व आधुनिक जीवनशैली मुख्य कारण : मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट सुब्रतो मंडल के अनुसार अमूमन यह देखने में आ रहा है कि ग्रामीण युवाओं की अपेक्षा शहरी युवाओं में हृदय रोग से की समस्याएं ज्यादा सामने आ रही हैं. शहरी युवाओं का बॉडी मास इंडेक्स 24 है तो वहीं ग्रामीण युवाओं का यह 20 है. दरअसल, ग्रामीण युवा नौकरी की चाह में तेजी से शहरों की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में उन्हें भी हृदय रोग से संबंधित बीमारियां पाई जा रही हैं. जबकि शहरों में रहने वाले युवा काम के बोझ और तनाव के चलते जल्दी हृदय रोग की गिरफ्त में आते हैं. डॉ. मंडल के अनुसार आधुनिक जीवन शैली और छोटी उम्र में काम के तनाव के कारण युवाओं में हृदय रोग की समस्या तेजी से फैल रही है. एक ओर फास्ट फूड और पैक्ड फूड के कारण युवा डायबिटीज की चपेट में आ रहे हैं तो वहीं उच्च रक्तचाप से रक्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल, मोटापा आदि की समस्याएं भी बढ़ गई हैं. इसी कारण दिल के रोगों की बीमारी होती है और रिस्क फैक्टर तेजी से बढ़ता है.
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इन सेलिब्रिटी की मौत ने झकझोरा : डॉ. सुब्रोत मंडल बताते हैं कि अध्ययनों में यह साफतौर पर जाहिर हो गया है कि पहले जहां 50 वर्ष की उम्र के बाद लोगों को हृदय रोग की समस्या या अटैक की प्रॉब्लम आती थी, लेकिन अब 25 से 30 वर्ष के युवाओं में भी यह समस्या देखी जा रही है. अगर दुनियाभर में देखा जाए तो अमेरिका के मुकाबले भारतीयों को दिल का रोग होने का जोखिम 3 से 4 गुना अधिक होता है. आपको बता दें कि कई ऐसे उदाहरण हैं जिसमें मशहूर कलाकार कम उम्र में ही हार्ट अटैक का शिकार हो गए. ताजा मामला भाभी जी घर पर हैं सीरियल के आर्टिस्ट दीपेन भान की मौत का है. सीरियल में मलखान का किरदार निभाने वाले दीपेन की कम उम्र में ही हार्ट अटैक से मौत हुई. मशहूर सिंगर केके भी दिल का दौरा पड़ने से काल के गाल में समा गए थे. वहीं बिग बॉस फेम सिद्धार्थ शुक्ला की मौत भी चौंकाने वाली थी.
भोपाल के ये मामले चौंकाने वाले : भोपाल के पास गोहरगंज में रहने वाले राकेश श्रीवास्तव अभी 29 साल के हैं और भोपाल में प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. उन्हें पिछले 6 महीने से लगातार काम के दौरान थकान महसूस होती थी. ऐसे में उन्होंने डॉ. सुब्रतो मंडल को दिखाया. डॉक्टर ने उनकी ईसीजी करवाई तो पता चला कि उनके हार्ट में प्रॉब्लम है. जबकि राकेश जब गांव में थे तो स्वस्थ थे. दूसरी ओर हिमांशु श्रीवास्तव अभी 30 साल के हैं और दिल्ली में रहकर जॉब करते हैं, लेकिन कोविड में पिछले 2 साल से वह भोपाल में ही रहकर घर से कर रहे थे. ऐसे में अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण उन्हें भी हृदय रोग की बीमारी ने घेर लिया. इस साल जब बड़ी संख्या में लोग घर से बाहर निकले और जॉब पर जाने लगे तो हिमांशु भी जब दिल्ली पहुंचे तो उन्हें भी कई बार, बात-बात पर चिड़चिड़ापन और हाइपरटेंशन होने लगा. उन्होंने जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि उन्हें हृदय रोग संबंधित बीमारी है.
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जबर्दस्त फिटनेस के बावजूद युवा हो रहे हार्ट अटैक का शिकार, मानिए कार्डियोलॉजिस्ट की राय
हार्ट की बीमारी से बचने के लिए ये करें : डॉक्टरों के अनुसार हृदय रोग की बीमारी से बचने के लिए नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है. साथ ही खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी है. फास्ट फूड और तली हुई चीजों को अवॉइड करना चाहिए. साथ ही फलों को हमेशा अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए, जिससे कि विटामिन शरीर को मिलते रहें. इसके साथ ही कुछ समय सूर्य की रोशनी में भी बिताना चाहिए, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी ना हो और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कभी भी काम का तनाव ना लें. तनाव अगर हो तो कुछ देर के लिए मेडिटेशन या योग भी कर सकते हैं.