हैदराबाद। दुनियाभर में एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. एचआईवी एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ बच्चों और युवाओं में ही नहीं बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. एचआईवी एड्स एक ऐसा संक्रमण है जिसे दुनिया के सबसे जटिल रोगों की श्रेणी में रखा जा सकता है. हालांकि, समय से इस रोग के बारें में पता चलने पर इलाज तथा सावधानियों को अपनाकर काफी मामलों में इसे नियंत्रित रखा जा सकता है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है इस रोग के कारण मृत्युदर के आंकड़े काफी ज्यादा हैं.
सिर्फ वर्ष 2021 में ही करीब 1.5 करोड़ लोगों की एचआईवी एड्स संक्रमण से मौत: इस रोग की गंभीरता का अंदाजा इसके पीड़ितों की संख्या तथा इस रोग तथा उससे संबंधित रोगों से मरने वालों के आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है. यूएन एड्स (यूनिसेफ की शाखा) के आंकड़ों की माने तो सिर्फ वर्ष 2021 में ही तकरीबन 1.5 करोड़ लोगों में एचआईवी एड्स संक्रमण के होने की पुष्टि हुई थी, जिनमें से 6.50 लाख लोगों की मौत इस संक्रमण तथा उससे संबंधित बीमारियों के चलते हो गई थी. इस रिपोर्ट की मानें तो दुनिया भर में एड्स से अब तक लगभग 8 करोड़ 42 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से लगभग 4 करोड 1 लाख लोग मृत्यु का शिकार हो चुके हैं. इन आंकड़ों के आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि एचआईवी एड्स वर्तमान समय में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है.
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थीम तथा उद्देश्य (World AIDS Day 2022 Theme)
विश्व एड्स दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य सिर्फ दुनिया भर में लोगों में इस संक्रमण को लेकर तथा इसके इलाज को लेकर जागरूकता फैलाना ही नहीं है बल्कि उन लोगों के साथ एकजुटता या समर्थन दिखाना तथा उनकी मदद के लिए प्रयास करना भी है जो एड्स से पीड़ित हैं. साथ ही यह अवसर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एड्स तथा उससे संबंधित बीमारियों कारण मरने वाले लोगों के प्रति शोक जताने का मौका भी देता है. गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर शुरू किए गए विश्व एड्स दिवस को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल समाज में फैली असमानता को दूर कर एड्स को जड़ से खत्म करने की दिशा में जरूरी कदम बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर 'ईक्वलाइज' यानी 'बराबर' थीम पर विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है.
इतिहास (World AIDS Day History)
दरअसल, एड्स को लेकर इस तरह के आयोजन का विचार सर्वप्रथम वर्ष 1987 में प्रस्तावित किया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'ग्लोबल ऑन एड्स' कार्यक्रम के दो सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने सर्वप्रथम इस आयोजन को मनाए जाने का विचार सबके सामने रखा था. जिसके बाद से 'ग्लोबल ऑन एड्स' के डायरेक्टर जॉनाथन मान ने 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था. जिसके लिए 'कम्युनिकेशन' थीम निर्धारित की गई थी. इसके उपरांत वर्ष 1996 से संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यक्रम 'यूएन एड्स' द्वारा विश्व एड्स दिवस को मनाए जाने तथा इसके तहत विभिन्न जागरूकता आयोजनों व अभियानों को आयोजित करने के प्रयास शुरू किए गए थे. शुरुआत में इस अभियान के लिए बच्चों और युवाओं को केंद्र में रखा गया था. लेकिन बाद में हर उम्र वर्ग और लिंग के लोगों को इस रोग से बचाने तथा उन्हे जागरूक करने के लिए प्रयास शुरू किए गए.
HIV के लक्षण: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, एचआईवी वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद दो से चार सप्ताह के तक फ्लू जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को एचआईवी तथा एड्स हो जाता है तो उसमें निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं. [World Aids Day 2022]
- बुखार, ठंड लगना, पसीना आना
- भूख कम लगना व थकान होना
- उल्टी व चक्कर आना तथा गले में खराश होना
- खांसी होना और सांस लेने में पेरशानी होना
- लसीकाओ में सूजन आना आदि
एचआईवी संक्रमण से बचाव: एचआईवी संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन या उपचार उपलब्ध नहीं है, इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है. जिसके लिए शारीरिक संबंध बनाते समय हर बार कंडोम का इस्तेमाल, असुरक्षित या एक से ज्यादा लोगों से शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करने, किसी भी टीके या दवाई के लिए इंजेक्शन में साफ और नई सुई का प्रयोग करने, संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध न बनाने तथा अन्य बचाव के तरीकों को प्रयोग में लाकर एचआईवी संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है. लेकिन यहां यह भी जानना जरूरी है कि एचआईवी चुंबन या पारस्परिक हस्तमैथुन से नहीं फैलता है.
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एड्स को लेकर भ्रांतियां: एड्स को लेकर ना सिर्फ हमारे देश में बल्कि दुनिया भर में कई तरह की भ्रांतियां या भ्रम व्याप्त है. जिनमें से अधिकांश गलत है. इसी के कारण इसे दुनिया के कई हिस्सों में इसे अभिशाप के रूप में भी देखा जाता है तथा लोग एड्स पीड़ित लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं, उनका बहिष्कार करते हैं तथा उन्हे लेकर मन में बुरे भाव रखते हैं. आमतौर पर लोगों को लगता है कि एचआईवी एड्स संक्रमित व्यक्ति के चुंबन से, उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए पानी से, उनके साथ रहने से या उनके साथ एक वातावरण में रहने से, मच्छर के काटने से, इनके कपड़े इस्तेमाल करने से यहां तक की उनके छूने से भी फैल सकता है. जो सही नहीं है.एचआईवी वायरस हवा से नहीं फैलता है, और ना ही यह किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या थूकने से फैलता है. इसके अलावा एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ एक स्विमिंग पूल में नहाने, उसके कपड़े धोने और यहां तक कि उसका जूठा पानी पीने से भी यह संक्रमण नहीं फैलता है. वहीं किसी संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी दूसरे व्यक्ति को काटने से भी यह संक्रमण नहीं फैलता है.