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हमीदिया अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट को लेकर आयोजित की गई कार्यशाला, जानें कैसे बचाएं मरीज की जान

कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौत को लेकर नासिक के दो डॉक्टर ने अभियान चलाया है. जिसके जरिए वे विपरीत परिस्थितियों में लोगों की जान कैसे बचाई जाए बता रहे हैं. उनका कहना है कि ये सफर साइकल से शुरू किया था जो माउंट एवरेस्टर पर खत्म होगा.

कार्डियक अरेस्ट के बारे में बताते डॉक्टर
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Published : Apr 2, 2019, 8:13 PM IST

भोपाल। पिछले कुछ सालों में देश में कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है. जिसका सबसे पहला कारण समय पर मरीज को इलाज ना मिल पाना है. विपरीत परिस्थितियों में इस बीमारी से कैसे निपटा जाए इसके लिए राजधानी के हमीदिया अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया.


कार्यशाला में नासिक से आए दो डॉक्टर भाई हितेंद्र महाजन और महेंद्र महाजन ने जानकारी दी. डॉक्टर हितेंद्र महाजन ने बताया कि वह और उनकी पूरी टीम एक मिशन जिसका नाम 'सी टू स्काई' रखा गया है, इस मिशन की शुरुआत उन्होंने अपनी टीम के साथ साइकिलिंग से की थी. जिसका अंत वे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के साथ होगा.

कार्डियक अरेस्ट


उन्होंने कहा कि इस मिशन का मकसद लोगों को कंप्रेशन के बारे में जागरूक करना है. कभी इमरजेंसी के वक्त वह किसी मरीज की किस तरीके से मदद कर सकते हैं, इस बारे में उन्हें बताना है. डॉक्टर ने कहा कि हम लोगों को जीवन संजीवनी के जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कैसे एक कार्डियक अरेस्ट के मरीज को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं.


ऐसे बचा सकते हैं कार्डिक अरेस्ट के मरीज की जान
डॉक्टर हितेंद्र ने डेमो देते हुए बताया कि हाथ की मदद से मरीज के हृदय पर 30 बार पुश करना चाहिए और एंबुलेंस का इंतज़ार न करते हुए जीवन संजीवनी एक्सरसाइज को मरीज को देना चाहिए. यदि सही समय पर एक मरीज को यह उपचार दिया जाता है तो उसकी जान बचने के चांस बढ़ जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज के वक्त में यह बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति को उसके बारे में जानकारी हो क्योंकि आए दिन लोगों को कार्डियक अरेस्ट होता है. यदि ऐसे में लोगों को प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी हो तो वह एक व्यक्ति की जान बचा सकते हैं.

भोपाल। पिछले कुछ सालों में देश में कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है. जिसका सबसे पहला कारण समय पर मरीज को इलाज ना मिल पाना है. विपरीत परिस्थितियों में इस बीमारी से कैसे निपटा जाए इसके लिए राजधानी के हमीदिया अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया.


कार्यशाला में नासिक से आए दो डॉक्टर भाई हितेंद्र महाजन और महेंद्र महाजन ने जानकारी दी. डॉक्टर हितेंद्र महाजन ने बताया कि वह और उनकी पूरी टीम एक मिशन जिसका नाम 'सी टू स्काई' रखा गया है, इस मिशन की शुरुआत उन्होंने अपनी टीम के साथ साइकिलिंग से की थी. जिसका अंत वे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के साथ होगा.

कार्डियक अरेस्ट


उन्होंने कहा कि इस मिशन का मकसद लोगों को कंप्रेशन के बारे में जागरूक करना है. कभी इमरजेंसी के वक्त वह किसी मरीज की किस तरीके से मदद कर सकते हैं, इस बारे में उन्हें बताना है. डॉक्टर ने कहा कि हम लोगों को जीवन संजीवनी के जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कैसे एक कार्डियक अरेस्ट के मरीज को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं.


ऐसे बचा सकते हैं कार्डिक अरेस्ट के मरीज की जान
डॉक्टर हितेंद्र ने डेमो देते हुए बताया कि हाथ की मदद से मरीज के हृदय पर 30 बार पुश करना चाहिए और एंबुलेंस का इंतज़ार न करते हुए जीवन संजीवनी एक्सरसाइज को मरीज को देना चाहिए. यदि सही समय पर एक मरीज को यह उपचार दिया जाता है तो उसकी जान बचने के चांस बढ़ जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज के वक्त में यह बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति को उसके बारे में जानकारी हो क्योंकि आए दिन लोगों को कार्डियक अरेस्ट होता है. यदि ऐसे में लोगों को प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी हो तो वह एक व्यक्ति की जान बचा सकते हैं.

Intro:भोपाल- पिछले कुछ सालों में देश में कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है जिसका सबसे पहला कारण समय पर मरीज को इलाज ना मिल पाना है। कई बार लोग जान ही नहीं पाते हैं कि सामने वाले व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट हुआ है और इलाज मिलते मिलते बहुत देर हो जाती हैं।
ऐसी स्थिति में मरीज को प्राथमिक उपचार कैसे दे इसकी जानकारी देने के लिए आज राजधानी के हमीदिया अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें नासिक से आए डॉक्टर हितेंद्र महाजन और महेंद्र महाजन ने इस बारे में जानकारी दी।


Body:डॉक्टर हितेंद्र महाजन ने बताया कि वह और उनकी पूरी टीम एक मिशन जिसका नाम सी टू स्काई रखा गया है, इस मिशन की शुरुआत डॉक्टर हितेंद्र ने अपनी टीम के साथ साइकिलिंग से की थी और इसका अंत माउंट एवरेस्ट चढ़ाई के साथ होगा।
इस मिशन का मकसद लोगों को कंप्रेशन के बारे में जागरूक करना है और इमरजेंसी के वक्त वह किसी मरीज की किस तरीके से मदद कर सकते हैं इस बारे में उन्हें बताना है।
इसमें हम लोगों को जीवन संजीवनी के जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह कैसे एक कार्डियक अरेस्ट के मरीज को प्राथमिक उपचार दे सकते हैं।


Conclusion:डॉक्टर हितेंद्र ने डेमो देते हुए बताया कि हाथ की मदद से मरीज के हृदय पर 30 बार पुश करना चाहिए और एंबुलेंस का इंतज़ार न करते हुए जीवन संजीवनी एक्सरसाइज को मरीज को देना चाहिए। यदि सही समय पर एक मरीज को यह उपचार दिया जाता है तो उसकी जान बचने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
आज के समय में यह बहुत जरूरी है कि हर व्यक्ति को उसके बारे में जानकारी हो क्योंकि आए दिन लोगों को कार्डियक अरेस्ट होता है। यदि ऐसे में लोगों को प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी हो तो वह एक व्यक्ति की जान बचा सकते हैं।
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