ETV Bharat / state

देवउठनी ग्यारस पर यहां महिलाएं श्मशान में करती है कीर्तन, हजारों लोग होते हैं शामिल

author img

By

Published : Nov 9, 2019, 10:53 AM IST

Updated : Nov 9, 2019, 11:27 AM IST

राजधानी भोपाल के संतनगर के श्मशान में देवउठनी ग्यारस के दिन महिलाओं द्वारा भजन-कीर्तन किया जाता है. संतनगर के श्मशान में पहुंचकर भजन करने का सिलसिला पिछले 37 सालों से चला आ रहा है.

श्मशान में महिलाएं करती है कीर्तन

भोपाल। वैसे तो श्मशान घाट का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है. लेकिन राजधानी भोपाल के संत हिरदाराम नगर के श्मशान में महिलाएं भजन-कीर्तन का आयोजन करती है. देवउठनी ग्यारस के दिन लगने वाले इस आयोजन में हजारों लोग आते हैं. यहां पूजा-अर्चना के साथ देर रात तक कीर्तन होता है.

महिलाएं श्मशान में करती है कीर्तन

संतनगर के श्मशान में पहुंचकर भजन करने का सिलसिला पिछले 37 सालों से चला आ रहा है. जहां सिंधी समाज की महिलाएं पहुंचकर सत्संग-कीर्तन करती हैं. संतनगर के बेहटा गांव स्थित स्वामी टेऊराम आश्रम की श्मशान को लेकर किसी तरह का वहम नहीं होना चाहिए. इसीलिए साल में एक दिन सिंधी समाज की महिलाएं श्मशान घाट में पहुंचती है और एकादशी की पूजा-अर्चना कर देर रात कर कीर्तन करती है.

विश्राम घाट पर सत्संग में मौजूद दयाल तोलानी ने बताया कि महिलाओं के मन का डर मिटाने और अंतकाल में क्या होना है. इसका ज्ञान कराने के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उनका कहना है कि स्वामी टेऊराम ने जो संदेश दिया है उस पर संतनगर के कई लोग सालों से आ रहे हैं.

भोपाल। वैसे तो श्मशान घाट का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है. लेकिन राजधानी भोपाल के संत हिरदाराम नगर के श्मशान में महिलाएं भजन-कीर्तन का आयोजन करती है. देवउठनी ग्यारस के दिन लगने वाले इस आयोजन में हजारों लोग आते हैं. यहां पूजा-अर्चना के साथ देर रात तक कीर्तन होता है.

महिलाएं श्मशान में करती है कीर्तन

संतनगर के श्मशान में पहुंचकर भजन करने का सिलसिला पिछले 37 सालों से चला आ रहा है. जहां सिंधी समाज की महिलाएं पहुंचकर सत्संग-कीर्तन करती हैं. संतनगर के बेहटा गांव स्थित स्वामी टेऊराम आश्रम की श्मशान को लेकर किसी तरह का वहम नहीं होना चाहिए. इसीलिए साल में एक दिन सिंधी समाज की महिलाएं श्मशान घाट में पहुंचती है और एकादशी की पूजा-अर्चना कर देर रात कर कीर्तन करती है.

विश्राम घाट पर सत्संग में मौजूद दयाल तोलानी ने बताया कि महिलाओं के मन का डर मिटाने और अंतकाल में क्या होना है. इसका ज्ञान कराने के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उनका कहना है कि स्वामी टेऊराम ने जो संदेश दिया है उस पर संतनगर के कई लोग सालों से आ रहे हैं.

Intro:यहां श्मशान में होती है पूजा और कीर्तन हर साल लगता है हजारों लोगों का मेला


भोपाल | वैसे तो श्मशान घाट का नाम सुनने के बाद ही लोगों के रूह कांप जाती है लोग यहां जाने से दिन में भी डरते हैं लेकिन देवउठनी ग्यारस के दिन राजधानी का एक श्मशान घाट ऐसा भी है जहां हजारों लोगों का मेला लगता है यहां बड़ी संख्या में महिलाएं भी एकत्रित होती है और पूजा अर्चना के साथ देर रात तक कीर्तन का दौर चलता है .


महिलाएं श्मशान घाट जाती हों, यह सुनकर जरा अटपटा सा लगता है, लेकिन सिंधी समाज में शायद यह वर्जित नहीं है . यही कारण है कि संत हिरदाराम नगर के श्मशान घाट पर साल में एक बार सिंधी समाज की महिलाएं जुलूस के रूप में पहुंचती हैं और भजन-कीर्तन करती हैं. देवउठनी ग्यारस के दिन सैकड़ों महिलाएं यहां सत्संग करके उस परमात्मा को याद करती हैं, जो संपूर्ण जीव जगत का विधाता है .
Body:संत हिरदाराम नगर में श्मशान पहुंचकर भजन करने का सिलसिला विगत 37 सालों पुराना है . यहां सिंधी समाज की महिलाएं जुलूस के रूप में पहुंचती हैं और सत्संग-कीर्तन करती हैं . श्मशान घाट में सत्संग कार्यक्रम का सिलसिला स्वामी टेऊराम के आदेश पर प्रारंभ किया गया था, जो सालों से जारी है .


Conclusion: संतनगर के बेहटा गांव स्थित स्वामी टेऊराम आश्रम की दादी विद्यादेवी ने बताया कि धरती पर हम सभी मुसाफिर हैं और सभी को एक ना एक दिन इस दुनिया से जाना ही है . ईश्वर के घर जाना है . श्मशान घाट ईश्वर के घर पहुंचने का एकमात्र द्वार है, जहां सभी महिला भजन-कीर्तन करने पहुंची हैं . इसलिए सब जान को लेकर किसी प्रकार का वह नहीं होना चाहिए यही वजह है कि वर्ष में 1 दिन सभी सिंधी समाज की महिलाएं इस श्मशान घाट में पहुंचती है और एकादशी की पूजा अर्चना करते के साथ ही यहां देर रात तक सत्संग किए जाते हैं .

विश्राम घाट पर सत्संग कार्यक्रम के दौरान मौजूद टेऊराम आश्रम के दयाल तोलानी ने बताया कि महिलाओं के मन का डर मिटाने और अंतकाल में क्या होना है, इसका ज्ञान कराने के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है . उनका कहना है कि स्वामी टेऊराम ने जो संदेश दिया है उस पर संतनगर के श्रद्धालु कई सालों से अमल करते रहे हैं .

सैकड़ों की संख्या में विश्राम घाट पहुंची महिलाओं के साथ कुछ पुरुषों सहित छोटे बच्चे भी थे . जीवन को सफल बनाने की कामना लेकर सत्संग में पहुंची महिलाओं ने श्मशान के हर उस कोने को देखा जहां वे आम दिनों में नहीं पहुंच पाती हैं . महिलाएं सत्संग के दौरान भगवान के भजन में रंगी दिखाई दीं . इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु श्मशान घाट में मौजूद थे .

श्मशान पहुंची कुछ महिलाओं ने बताया कि यहां आकर उन्हें बिल्कुल भी डर नहीं लगता. इसीलिए वे अपने बच्चों को भी श्मशान लाकर भजन-कीर्तन कार्यक्रम में हिस्सा लेती हैं. उनका कहना था कि कई सालों से यहां भजन-कीर्तन करने रहे हैं . श्मशान में पहुंचकर उन्हें काफी शांति मिलती है .

Last Updated : Nov 9, 2019, 11:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.