भोपाल। वैसे तो श्मशान घाट का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है. लेकिन राजधानी भोपाल के संत हिरदाराम नगर के श्मशान में महिलाएं भजन-कीर्तन का आयोजन करती है. देवउठनी ग्यारस के दिन लगने वाले इस आयोजन में हजारों लोग आते हैं. यहां पूजा-अर्चना के साथ देर रात तक कीर्तन होता है.
संतनगर के श्मशान में पहुंचकर भजन करने का सिलसिला पिछले 37 सालों से चला आ रहा है. जहां सिंधी समाज की महिलाएं पहुंचकर सत्संग-कीर्तन करती हैं. संतनगर के बेहटा गांव स्थित स्वामी टेऊराम आश्रम की श्मशान को लेकर किसी तरह का वहम नहीं होना चाहिए. इसीलिए साल में एक दिन सिंधी समाज की महिलाएं श्मशान घाट में पहुंचती है और एकादशी की पूजा-अर्चना कर देर रात कर कीर्तन करती है.
विश्राम घाट पर सत्संग में मौजूद दयाल तोलानी ने बताया कि महिलाओं के मन का डर मिटाने और अंतकाल में क्या होना है. इसका ज्ञान कराने के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उनका कहना है कि स्वामी टेऊराम ने जो संदेश दिया है उस पर संतनगर के कई लोग सालों से आ रहे हैं.