ETV Bharat / state

MP में बहनें किसे देंगी सत्ता का वचन, भाजपा-कांग्रेस ने लगाई वादों की झड़ी, आधी आबादी ने जिसको चाहा, सत्ता उसी की

Women Votebank in MP: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान हो रहा है. प्रदेश के चुनाव में एक ऐसा वोटबैंक भी है जो काफी निर्णायक रहता है, वह वोटबैंक महिलाओं का है. भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने महिलाओं को रिझाने का भरपूस प्रयास किया है. लेकिन महिलाओं का वोट किस तरफ जाएगा, यह तो 3 दिसंबर को चुनावी परिणाम के बाद पता चलेगा.

madhya pradesh election 2023
महिलाओं के बीच सीएम शिवराज
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 7:42 AM IST

महिलाओं के बीच सीएम शिवराज

भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं की बढ़ती संख्या के बीच सियासत भी महिलाओं पर फोकस है. बीजेपी सरकार में पिछले 20 सालों से सीएम रहे शिवराज सिंह को उनकी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए जाना जाता है. मामा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला आधारित योजनाओं को बढ़ावा दिया, जिसका नतीजा ये रहा कि महिलाओं के बीच शिवराज का जमकर क्रेज है. महिलाओं के लिए शिवराज इस बार लाडली बहना स्कीम लेकर आए जो गेंम चेंजर बताई जा रही है. लाड़ली बहना योजना भाजपा का मास्टर स्ट्रोक कही जा रही है.

48 प्रतिशत है महिला मतदाताओं की संख्या: मध्‍य प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 है. इसमें पुरुष मतदाता 2 करोड़ 88 लाख 25 हजार 607 हैं तो महिला मतदाता 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 हैं, वहीं थर्ड जेंडर 1373 हैं. महिलाओं के दबदबे वाली शीर्ष पांच सीटें बालाघाट की बैहर, मंडला की निवास विधानसभा, मंडला की बिछिया, बालाघाट की परसवाड़ा और धार की कुक्षी हैं. यहां पर खास बात ये है कि ये सीटें आदिवासी बाहुल्य हैं और इनमें महिला वोटर्स की संख्या प्रत्याशी चयन में बड़ी भूमिका निभाती है. रतलाम, सैलाना, बड़वानी, पानसेमल, आलीराजपुर, जावरा, उज्जैन, इंदौर-4 जैसी विधानसभा की 29 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है.

महिलाओं को साधने में शिवराज आगे, कमलनाथ भी कम नहीं: कमलनाथ सरकार भी महिलाओ को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए महिला मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. सरकार बनने पर 1500 रुपये और रसोई गैस सिलेंडर पांच सौ रुपये में देने का वादा कर रही है. वहीं शिवराज सरकार ने एक कदम आगे निकालते हुए मास्टर स्ट्रोक मार दिया. शिवराज कहते हैं कि ''सरकार आने पर मैं बहनों को हर महीने 3 हजार रुपये दूंगा और आने वाले समय में लाडली बहनों को लखपति बनाऊंगा.''

सबको मिलेगा नारी सम्मान योजना का लाभ: कमलनाथ कहते हैं ''झूठ बोलने के लिए बहुत कलेजा चाहिए होता है. शिवराज जी, आपने मध्य प्रदेश का कोई शहर-कस्बा नहीं छोड़ा, जहां पर आपने बहनों को ₹3000 देने का वादा करने वाले होर्डिंग बैनर न लगाए हों. लेकिन जब आपने संकल्प पत्र जारी किया तो इस घोषणा का अपने हाथों से गला घोंट दिया. शिवराज आपने खुद अपने हाथों से झूठ की बुनियाद पर खड़ी लाडली बहना योजना बंद कर दी. क्योंकि अब तो बहनों को नारी सम्मान योजना में 1500 रुपए प्रतिमाह और ₹500 में गैस सिलेंडर 1 जनवरी 2024 से कांग्रेस की सरकार देगी. बहनों चिंता मत करना, आपने नारी सम्मान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया हो या ना कराया हो प्रदेश की सब बहनों को नारी सम्मान योजना का लाभ मिलेगा. अब 1250 रुपए की चिंता छोड़िए खाते में सीधे 1500 रुपए पाइये.'' उनके बेटे नकुलनाथ का आरोप है कि ''बीजेपी ने कांग्रेस की घोषणाओं की कॉपी की है.''

Also Read:

महिलाओं को कांग्रेस ने 13 और बीजेपी ने 12 फीसदी टिकट दिए: कांग्रेस ने महिलाओं को 30 टिकट दिए हैं, जो कुल टिकट के 13 फीसदी हैं. वहीं भाजपा ने अब तक 28 महिलाओं को टिकट दिए हैं, जो करीब 12 फीसदी होते हैं. कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराने की गारंटी दी है, ताकि आबादी के अनुपात में वह ओबीसी व अन्य वर्गों को सुविधाएं दे सकें.

एमपी में 2023 में 252 महिला उम्मीदवार: 17 नवंबर को हो रहे मतदान के पहले चुनाव प्रचार में आधी आबादी का मुद्दा और उनसे जुड़ी योजनाओं का हल्ला बोल था. माना जा रहा था कि संसद से महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल पारित होने के बाद एमपी में विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएंगे. बीजेपी 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' और कांग्रेस की 'नारी सम्मान योजना' की ब्रांडिंग करती रही. लेकिन दोनों ही दलों के लिए महिलाएं सिर्फ वोट जुटाने तक ही सीमित रहीं. लेकिन पांच सालों में महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में सिर्फ 1 फीसदी इजाफा ही हुआ है.

उमा भारती ने की 33 फीसदी आरक्षण देने की बात: बीजेपी में केंद्रीय मंत्री के पास इसका कोई जवाब नहीं था. वो सिर्फ कहती रही कि हमे पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल रहा है. हालांकि उमा भारती ने महिलाओं को और पिछड़ी जाति के लोगों को 33 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी. लेकिन पार्टी ने उनकी बात को अनसुनी करते हुए उन्हें हाशिए पर ला दिया.

महिलाओं के बीच सीएम शिवराज

भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं की बढ़ती संख्या के बीच सियासत भी महिलाओं पर फोकस है. बीजेपी सरकार में पिछले 20 सालों से सीएम रहे शिवराज सिंह को उनकी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए जाना जाता है. मामा के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला आधारित योजनाओं को बढ़ावा दिया, जिसका नतीजा ये रहा कि महिलाओं के बीच शिवराज का जमकर क्रेज है. महिलाओं के लिए शिवराज इस बार लाडली बहना स्कीम लेकर आए जो गेंम चेंजर बताई जा रही है. लाड़ली बहना योजना भाजपा का मास्टर स्ट्रोक कही जा रही है.

48 प्रतिशत है महिला मतदाताओं की संख्या: मध्‍य प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 है. इसमें पुरुष मतदाता 2 करोड़ 88 लाख 25 हजार 607 हैं तो महिला मतदाता 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 हैं, वहीं थर्ड जेंडर 1373 हैं. महिलाओं के दबदबे वाली शीर्ष पांच सीटें बालाघाट की बैहर, मंडला की निवास विधानसभा, मंडला की बिछिया, बालाघाट की परसवाड़ा और धार की कुक्षी हैं. यहां पर खास बात ये है कि ये सीटें आदिवासी बाहुल्य हैं और इनमें महिला वोटर्स की संख्या प्रत्याशी चयन में बड़ी भूमिका निभाती है. रतलाम, सैलाना, बड़वानी, पानसेमल, आलीराजपुर, जावरा, उज्जैन, इंदौर-4 जैसी विधानसभा की 29 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है.

महिलाओं को साधने में शिवराज आगे, कमलनाथ भी कम नहीं: कमलनाथ सरकार भी महिलाओ को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए महिला मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. सरकार बनने पर 1500 रुपये और रसोई गैस सिलेंडर पांच सौ रुपये में देने का वादा कर रही है. वहीं शिवराज सरकार ने एक कदम आगे निकालते हुए मास्टर स्ट्रोक मार दिया. शिवराज कहते हैं कि ''सरकार आने पर मैं बहनों को हर महीने 3 हजार रुपये दूंगा और आने वाले समय में लाडली बहनों को लखपति बनाऊंगा.''

सबको मिलेगा नारी सम्मान योजना का लाभ: कमलनाथ कहते हैं ''झूठ बोलने के लिए बहुत कलेजा चाहिए होता है. शिवराज जी, आपने मध्य प्रदेश का कोई शहर-कस्बा नहीं छोड़ा, जहां पर आपने बहनों को ₹3000 देने का वादा करने वाले होर्डिंग बैनर न लगाए हों. लेकिन जब आपने संकल्प पत्र जारी किया तो इस घोषणा का अपने हाथों से गला घोंट दिया. शिवराज आपने खुद अपने हाथों से झूठ की बुनियाद पर खड़ी लाडली बहना योजना बंद कर दी. क्योंकि अब तो बहनों को नारी सम्मान योजना में 1500 रुपए प्रतिमाह और ₹500 में गैस सिलेंडर 1 जनवरी 2024 से कांग्रेस की सरकार देगी. बहनों चिंता मत करना, आपने नारी सम्मान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया हो या ना कराया हो प्रदेश की सब बहनों को नारी सम्मान योजना का लाभ मिलेगा. अब 1250 रुपए की चिंता छोड़िए खाते में सीधे 1500 रुपए पाइये.'' उनके बेटे नकुलनाथ का आरोप है कि ''बीजेपी ने कांग्रेस की घोषणाओं की कॉपी की है.''

Also Read:

महिलाओं को कांग्रेस ने 13 और बीजेपी ने 12 फीसदी टिकट दिए: कांग्रेस ने महिलाओं को 30 टिकट दिए हैं, जो कुल टिकट के 13 फीसदी हैं. वहीं भाजपा ने अब तक 28 महिलाओं को टिकट दिए हैं, जो करीब 12 फीसदी होते हैं. कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराने की गारंटी दी है, ताकि आबादी के अनुपात में वह ओबीसी व अन्य वर्गों को सुविधाएं दे सकें.

एमपी में 2023 में 252 महिला उम्मीदवार: 17 नवंबर को हो रहे मतदान के पहले चुनाव प्रचार में आधी आबादी का मुद्दा और उनसे जुड़ी योजनाओं का हल्ला बोल था. माना जा रहा था कि संसद से महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का बिल पारित होने के बाद एमपी में विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएंगे. बीजेपी 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' और कांग्रेस की 'नारी सम्मान योजना' की ब्रांडिंग करती रही. लेकिन दोनों ही दलों के लिए महिलाएं सिर्फ वोट जुटाने तक ही सीमित रहीं. लेकिन पांच सालों में महिलाओं को प्रत्याशी बनाने में सिर्फ 1 फीसदी इजाफा ही हुआ है.

उमा भारती ने की 33 फीसदी आरक्षण देने की बात: बीजेपी में केंद्रीय मंत्री के पास इसका कोई जवाब नहीं था. वो सिर्फ कहती रही कि हमे पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल रहा है. हालांकि उमा भारती ने महिलाओं को और पिछड़ी जाति के लोगों को 33 फीसदी आरक्षण देने की बात कही थी. लेकिन पार्टी ने उनकी बात को अनसुनी करते हुए उन्हें हाशिए पर ला दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.