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ग्वालियर: रेलवे में चैलेंजिंग जॉब करके खुश है रेलवे का महिला स्टाफ

उत्तर-मध्य रेलवे ने झांसी-ग्वालियर रेल खंड के बीच नारी शक्ति को सम्मानित किया. सम्मान के रुप में उन्हे लोको पायलट, को-पायलट और गार्ड सभी की जिम्मेदारी सौंपी. रेलवे स्टेशन पहुंचने पर इन महिला कर्मचारियों का उनके सहयोगी कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया.

railway's female staff is happy to do a challenging job  railway
रेलवे में चैलेंजिंग जॉब कर रही महिलाएं
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Published : Mar 9, 2021, 5:46 PM IST

ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उत्तर-मध्य रेलवे ने झांसी-ग्वालियर रेल खंड के बीच नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए अनूठा आयोजन किया. इसमें सुबह झांसी से ग्वालियर आने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस को महिला स्टाफ लेकर आया. जिसमें महिला लोको पायलट, को-पायलट और गार्ड सभी महिलाएं थी. रेलवे स्टेशन पहुंचने पर इन महिला कर्मचारियों का उनके सहयोगी कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया.

रेलवे में चैलेंजिंग जॉब कर रही महिलाएं
नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए अनूठा प्रयोग


अमूमन रेलवे में लोको पायलट और गार्ड अक्सर पुरुष ही देखने को मिलते हैं. लेकिन उत्तर मध्य रेलवे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपनी अपनी महिला कर्मचारियों को सम्मान देने के लिए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. इसमें दो महिला लोको पायलट कौशल्या देवी और आकांक्षा गुप्ता बुंदेलखंड एक्सप्रेस को लेकर सुबह 8:30 बजे ग्वालियर पहुंची. प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंचने पर पहले से खड़े लॉबी के स्टाफ महिला स्टाफ ने अपने साथी कर्मचारियों को फूल हार और बुके देकर सम्मान किया.

लोको पायलट, को-पायलट और गार्ड सभी महिलाएं


रेलवे की महिला कर्मचारियों का कहना है कि यह जॉब उनके नेचर के विपरीत है. लेकिन इसे वो बखूबी निभा रही हैं. ऐसे में जॉब और घर की जिम्मेदारियों को निभाने में शुरू में कुछ परेशानी आई थी. लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया. परिवार के सहयोग से इस दोहरी जिम्मेदारी को सभी बखूबी निभा रही हैं. उनका यह भी कहना है कि कई बार जंगल में गाड़ी रुक जाती है. सिग्नल नहीं होने की वजह से, तो कभी चेन पुलिंग की वजह से. उस समय उन्हें हल्का डर महसूस होता है लेकिन अपने सहयोगियों की मदद से इस जॉब को बखूबी निभाकर बेहद खुश हैं.

ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उत्तर-मध्य रेलवे ने झांसी-ग्वालियर रेल खंड के बीच नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए अनूठा आयोजन किया. इसमें सुबह झांसी से ग्वालियर आने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस को महिला स्टाफ लेकर आया. जिसमें महिला लोको पायलट, को-पायलट और गार्ड सभी महिलाएं थी. रेलवे स्टेशन पहुंचने पर इन महिला कर्मचारियों का उनके सहयोगी कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया.

रेलवे में चैलेंजिंग जॉब कर रही महिलाएं
नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए अनूठा प्रयोग


अमूमन रेलवे में लोको पायलट और गार्ड अक्सर पुरुष ही देखने को मिलते हैं. लेकिन उत्तर मध्य रेलवे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपनी अपनी महिला कर्मचारियों को सम्मान देने के लिए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. इसमें दो महिला लोको पायलट कौशल्या देवी और आकांक्षा गुप्ता बुंदेलखंड एक्सप्रेस को लेकर सुबह 8:30 बजे ग्वालियर पहुंची. प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंचने पर पहले से खड़े लॉबी के स्टाफ महिला स्टाफ ने अपने साथी कर्मचारियों को फूल हार और बुके देकर सम्मान किया.

लोको पायलट, को-पायलट और गार्ड सभी महिलाएं


रेलवे की महिला कर्मचारियों का कहना है कि यह जॉब उनके नेचर के विपरीत है. लेकिन इसे वो बखूबी निभा रही हैं. ऐसे में जॉब और घर की जिम्मेदारियों को निभाने में शुरू में कुछ परेशानी आई थी. लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया. परिवार के सहयोग से इस दोहरी जिम्मेदारी को सभी बखूबी निभा रही हैं. उनका यह भी कहना है कि कई बार जंगल में गाड़ी रुक जाती है. सिग्नल नहीं होने की वजह से, तो कभी चेन पुलिंग की वजह से. उस समय उन्हें हल्का डर महसूस होता है लेकिन अपने सहयोगियों की मदद से इस जॉब को बखूबी निभाकर बेहद खुश हैं.

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