भोपाल। राजगढ़ जिले में आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी स्वीकार कर महज 10 दिन में 80 हजार मॉस्क बनाकर जिले में मास्क की कमी को दूर कर दिया है. जिले के 50 गांव की 233 महिलाओं ने ये कार्य किया है. इनके बनाए 80 हजार मास्क में से अब तक 64 हजार का विक्रय किया जा चुका है.
स्व-सहायता समूह की इन महिलाओं ने 3 लाख के लाभ से ऊपर उठकर संकट के समय में मास्क की कमी को पूरा किया है. इन मॉस्क की सप्लाई जिला अस्पताल, नगरीय निकाय, आयुष विभाग, सामाजिक संगठनों, ग्राम पंचायतों, राजस्व विभाग के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी 10-10 रुपए मूल्य पर की गई है.
महिलाओं के इन प्रयासों से मॉस्क की कालाबाजारी पर भी लगाम लगी है. महिला समूहों ने ईको फ्रेंडली और रि-यूजेबल मॉस्क बनाए, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी उपयुक्त हैं. इन्हें 8 घंटे उपयोग करने के बाद एंटीसेप्टिक पानी से धोकर फिर से उपयोग किया जा सकता है.
बुरहानपुर जिले में चिंचाला ग्राम संगठन की महिलाएं कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए प्रतिदिन मॉस्क तैयार कर रही हैं. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला बुरहानपुर द्वारा समूह के माध्यम से ग्राम जयसिंहपुरा, सिरपुर, सिंघखेड़ाकलां, पांतोड़ा, हैदरपुर, लालबाग तथा बहादरपुर की महिलाओं द्वारा कॉटन के मॉस्क बनाने का कार्य किया जा रहा है. ये सभी मॉस्क ग्राम स्तर पर कर्मचारियों और ग्रामवासियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं. नेपानगर तहसील और जनपद पंचायत खकनार के 35 ग्रामों में मॉस्क का वितरण किया गया है. शासकीय कार्यालयों को भी 9 हजार मॉस्क उपलब्ध कराए गए हैं.