भोपाल। शादी के बाद संतान सुख सबसे महत्वपूर्ण होता है, लेकिन बदलती जीवनशैली और खान-पान के कारण आज के समय में लोग कई बीमारियों से घिर गए हैं. महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में प्रजनन क्षमता की कमी भी देखी जा रही है, ऐसे में इसका कारण क्या है? इसके रिसर्च के लिए अब भोपाल एम्स में पुरुषों के स्पर्म की काउंटिंग की जाएगी. इसके लिए 100 से अधिक पुरुषों का क्लीनिकल ट्रायल होने की बात कही जा रही है. अगर ऐसा संभव है तो यह पता लगाने में आसानी होगी कि यह पुरुष किन कारणों के चलते पिता नहीं बन पा रहे.
स्पर्म काउंट बताएंगे नपुंसकता का कारण: भोपाल एम्स के एंडोक्राइनोलॉजी के डॉक्टर्स बताते हैं कि "एम्स में इस तरह का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है, जिसमें पुरुषों के स्पर्म अकाउंट की क्वालिटी का पता लगाया जाएगा. इसके लिए 100 पुरुषों को इस ट्रायल में शामिल किया जाना है, जबकि अभी तक 6 लोगों पर ट्राइल किया जा चुका है. इन पुरुषों को 3 महीने तक दवा दी जाएगी. यह दवा 3 महीने की होती है और इस दवा को रोज खाने से पुरुषों के स्पर्म काउंट बढ़ते हैं या नही इसका पता लगेगा. साथ ही इसका क्या इफेक्ट पड़ता है यह देखा जाएगा. इस ट्रायल में 25 से 45 साल की पुरुषों को रखा गया है, जिनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. स्क्रीनिंग के बाद उन पुरुषों को शामिल किया जाएगा, जिनके स्पर्म काउंट 20 मिलियन से कम हो और उसकी क्वालिटी खराब हो, तभी इन्हें ट्रायल में शामिल किया जाएगा."
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क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने वाले को क्या मिलेगा: एम्स के डॉक्टरों के अनुसार "फिलहाल इस क्लिनिकल ट्रायल की रिपोर्ट को आईसीएमआर को भेजा जाएगा, उसके बाद ही कोई निष्कर्ष निकाले जाएंगे. यह टेस्ट निशुल्क हैं और ट्रायल में जो दवा दी जा रही है, वह भी निशुल्क दी जाएगी. ट्रायल में शामिल पुरुषों को अगर कुछ होता है तो उनका 10 लाख का बीमा भी व्यक्तिगत रूप से कराया जा रहा है."