भोपाल। सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और विवादों का पुराना नाता रहा है शायद यही वजह है कि अब साध्वी ने मौन धारण कर लिया है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित संगठन चुनाव को लेकर एक बैठक में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शामिल हुईं और जब संबोधन के लिए उनका नाम पुकारा गया तो उसके पहले मीडिया को उस हाल से बाहर कर दिया गया, यानी संगठन समझने लगा है कि साध्वी जब भी बोलेंगी कुछ ना कुछ विवाद जरूर पैदा होगा. बैठक के बाद जब साध्वी से बातचीत करने की कोशिश की गई तो साध्वी के मुंह पर मानो ताला लग गया हो वे किसी भी बात का जवाब दिए बिना वहां से चली गईं.
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सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीजेपी में संगठन चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में शामिल होने पहुंची थी और जब संबोधन के लिए उनका नाम बुलाया गया उस समय आयोजकों ने मीडिया कर्मियों को हॉल से बाहर जाने का निवेदन किया क्योंकि इसके पहले जब दिवंगत नेता अरुण जेटली और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की श्रद्धांजलि सभा में साध्वी ने विवादित बयान दिया था, यही नहीं इसके पहले भी जब भी साध्वी ने सार्वजनिक मंच पर कुछ बोला है वह मीडिया की सुर्खियां बन गया और पार्टी के लिए गले की हड्डी. साध्वी के बयान से हमेशा बीजेपी बैकफुट पर नजर आई है, शायद यही वजह है कि प्रज्ञा की चुप्पी देखने को मिल रही उससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पार्टी ने साध्वी के मुंह पर ताला लगा दिया है.
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अब देखना ये है कि क्या हमेशा विवादों में रहने वाली भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपनी चुप्पी तोड़ती हैं या पार्टी के अनौपचारिक चुप रहने के आदेश को मानते हुए इसी प्रकार चुपचाप रहकर पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होंगी और काम करेंगी.