ETV Bharat / state

20 जुलाई से शुरू होगा मानसून सत्र, कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष ?

मध्यप्रदेश में 20 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. बीजेपी चाहती है कि, दोनों पदों पर उसका दबदबा बना रहे.

MP assembly
MP विधानसभा
author img

By

Published : Jun 27, 2020, 4:58 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 10:56 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. राज्यसभा चुनाव में वोटों की ताकत सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच फिर शक्ति परीक्षण हो सकता है. शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कौन बनेगा ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है.

कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष

दोनों पद पर बीजेपी की नजर

दरअसल बीजेपी चाहती है कि, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दोनों पद पर बीजेपी का दबदबा बना रहे, ताकि विधानसभा की कार्यवाही और बजट पास कराने में आसानी हो. विधानसभा स्पीकर को लेकर बीजेपी ने तैयारी भी शुरु कर दी है. विधानसभा में अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी का कहना है कि, 'कांग्रेस ने अपनी परंपराओं को तोड़ा है. तो उसका परिणाम भी उनके सामने आएगा. पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करेगी'.

कमलनाथ के प्लान पर बीजेपी का प्लान 2

2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो कमलनाथ सरकार ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद अपनी पार्टी के विधायकों को दिए थे. अब बीजेपी भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाएगी, हालांकि इसके पहले परंपरा के अनुसार सत्ताधारी पार्टी का विधानसभा अध्यक्ष होता था और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता था, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपनी ही पार्टी के विधायकों को दोनों पद पर बैठाया था. तो अब भारतीय जनता पार्टी पीछे कैसे रह सकती है.

ये है मौजूदा हालात

मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में फिलहाल 206 विधायक हैं, जिसमें बीजेपी के पास 113 विधायक हैं, तो वहीं कांग्रेस के पास 93 विधायक हैं. इन आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी के पास अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन के लिए संख्या काफी है. हालांकि इसके पहले शिवराज सरकार में विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा और उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के राजेंद्र सिंह के पास था, लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद कांग्रेस विधायकों को मिले थे. ऐसे में इस बार अब बीजेपी भी इन दोनों पदों पर अपने नेताओं को बैठाना चाहती है.

वीडी शर्मा ने कहा- सब कुछ हमारा होगा

विधनसभा अध्यक्ष को लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमाई हुई है. एक ओर बीजेपी का कहना है कि, कांग्रेस ने अपनी परंपराओं को तोड़ा है. बीजेपी के इस बयान से ये साफ है कि, बीजेपी, कांग्रेस की परंपरा को आगे बढ़ाएगी. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है, 'सब कुछ हमारा होगा', तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि 'बीजेपी ने संसदीय परम्पराओं को तोड़ा है. बीजेपी ने ही ये परम्पराएं लोकसभा से शुरु की है'.

मानसून सत्र में पेश होगा बजट

मौजूदा सरकार का पहला बजट विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होगा. इसमें सरकार वर्ष 2019-20 के बजट पुनरीक्षण के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेगी. दरअसल सत्ता परिवर्तन के कारण प्राथमिकताएं बदल गई हैं. इसके मद्देनजर वित्त विभाग सभी विभागों के साथ बैठक कर नए सिरे से बजट तैयार करेगा. इसमें वेतन-भत्तों के अलावा उन योजनाओं में अधिक बजट दिया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज हों.

भोपाल। मध्य प्रदेश में 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है. राज्यसभा चुनाव में वोटों की ताकत सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच फिर शक्ति परीक्षण हो सकता है. शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कौन बनेगा ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है.

कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष

दोनों पद पर बीजेपी की नजर

दरअसल बीजेपी चाहती है कि, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दोनों पद पर बीजेपी का दबदबा बना रहे, ताकि विधानसभा की कार्यवाही और बजट पास कराने में आसानी हो. विधानसभा स्पीकर को लेकर बीजेपी ने तैयारी भी शुरु कर दी है. विधानसभा में अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी का कहना है कि, 'कांग्रेस ने अपनी परंपराओं को तोड़ा है. तो उसका परिणाम भी उनके सामने आएगा. पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करेगी'.

कमलनाथ के प्लान पर बीजेपी का प्लान 2

2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो कमलनाथ सरकार ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद अपनी पार्टी के विधायकों को दिए थे. अब बीजेपी भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाएगी, हालांकि इसके पहले परंपरा के अनुसार सत्ताधारी पार्टी का विधानसभा अध्यक्ष होता था और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता था, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपनी ही पार्टी के विधायकों को दोनों पद पर बैठाया था. तो अब भारतीय जनता पार्टी पीछे कैसे रह सकती है.

ये है मौजूदा हालात

मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में फिलहाल 206 विधायक हैं, जिसमें बीजेपी के पास 113 विधायक हैं, तो वहीं कांग्रेस के पास 93 विधायक हैं. इन आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी के पास अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन के लिए संख्या काफी है. हालांकि इसके पहले शिवराज सरकार में विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा और उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के राजेंद्र सिंह के पास था, लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद कांग्रेस विधायकों को मिले थे. ऐसे में इस बार अब बीजेपी भी इन दोनों पदों पर अपने नेताओं को बैठाना चाहती है.

वीडी शर्मा ने कहा- सब कुछ हमारा होगा

विधनसभा अध्यक्ष को लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमाई हुई है. एक ओर बीजेपी का कहना है कि, कांग्रेस ने अपनी परंपराओं को तोड़ा है. बीजेपी के इस बयान से ये साफ है कि, बीजेपी, कांग्रेस की परंपरा को आगे बढ़ाएगी. प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है, 'सब कुछ हमारा होगा', तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि 'बीजेपी ने संसदीय परम्पराओं को तोड़ा है. बीजेपी ने ही ये परम्पराएं लोकसभा से शुरु की है'.

मानसून सत्र में पेश होगा बजट

मौजूदा सरकार का पहला बजट विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होगा. इसमें सरकार वर्ष 2019-20 के बजट पुनरीक्षण के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेगी. दरअसल सत्ता परिवर्तन के कारण प्राथमिकताएं बदल गई हैं. इसके मद्देनजर वित्त विभाग सभी विभागों के साथ बैठक कर नए सिरे से बजट तैयार करेगा. इसमें वेतन-भत्तों के अलावा उन योजनाओं में अधिक बजट दिया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज हों.

Last Updated : Jun 28, 2020, 10:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.