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मध्यप्रदेश में 104 लाख मेट्रिक टन गेहूं उपार्जन से गदगद सीएम, कहा- पूरा खरीदा जाएगा गेहूं - एमपी में बारदाने की कमी

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा गेहूं उपार्जन हो चुका है इसकी जानकारी गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दी है. उन्होंने बताया कि किसानों का पूरा गेहूं खरीदा जाएगा.

wheat procurement
लक्ष्य से ज्यादा हुआ गेहूं उपार्जन
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Published : May 21, 2020, 9:26 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा गेहूं उपार्जन हो चुका है. इस साल 100 लाख मैट्रिक टन गेहूं उपार्जन का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक 104 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लक्ष्य भले ही पूरा हो गया हो लेकिन किसानों का पूरा गेहूं खरीदा जाएगा. किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

लक्ष्य से ज्यादा हुआ गेहूं उपार्जन

इस बारे में जानकारी देते हुए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अभी तक समर्थन मूल्य पर करीब 13 लाख किसानों से यह गेहूं खरीदा गया है. समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के मामले में मध्यप्रदेश देश के प्रमुख राज्य के रूप में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

गेहूं उपार्जन के साथ इसके भंडारण पर भी ध्यान दिया जा रहा है. जिससे बरसात के पहले पूरे गेहूं का सुरक्षित भंडारण किया जा सके. गेहूं का उपार्जन जब कोरोना के कारण देर से शुरू हुआ था तब आशंका जताई जा रही थी कि उपार्जन का लक्ष्य शायद पूरा न किया जा सके. हालांकि कई उपार्जन केंद्रों पर बारदाने की कमी की वजह से खरीदी में परेशानियां आ रही हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा गेहूं उपार्जन हो चुका है. इस साल 100 लाख मैट्रिक टन गेहूं उपार्जन का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक 104 लाख मेट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है. इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लक्ष्य भले ही पूरा हो गया हो लेकिन किसानों का पूरा गेहूं खरीदा जाएगा. किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

लक्ष्य से ज्यादा हुआ गेहूं उपार्जन

इस बारे में जानकारी देते हुए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अभी तक समर्थन मूल्य पर करीब 13 लाख किसानों से यह गेहूं खरीदा गया है. समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के मामले में मध्यप्रदेश देश के प्रमुख राज्य के रूप में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.

गेहूं उपार्जन के साथ इसके भंडारण पर भी ध्यान दिया जा रहा है. जिससे बरसात के पहले पूरे गेहूं का सुरक्षित भंडारण किया जा सके. गेहूं का उपार्जन जब कोरोना के कारण देर से शुरू हुआ था तब आशंका जताई जा रही थी कि उपार्जन का लक्ष्य शायद पूरा न किया जा सके. हालांकि कई उपार्जन केंद्रों पर बारदाने की कमी की वजह से खरीदी में परेशानियां आ रही हैं.

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