भोपाल। भारतीय कुश्ती फेडरेशन के नए अध्यक्ष की दौड़ हरियाणा, यूपी से होते हुए एमपी तक कैसे पहुंची. क्या वजह रही कि एमपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष और मंत्री मोहन यादव का नाम आगे बढ़ाया गया. मंत्री मोहन यादव से जब ईटीवी भारत ने इस बारे में बातचीत की और उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद के लिए आपने नामिनेशन दाखिल किया है. तो उनका "कहना था कि वे इस दौड़ में शामिल नहीं हैं. हालांकि मोहन यादव इस समय दिल्ली में मौजूद हैं. अटकलें हैं कि मोहन यादव ही भारतीय कुश्ती संघ की कमान संभालेंगे.
भारतीय कुश्ती फेडरेशन में कैसे पहुंचा मोहन यादव का नाम: असल में ये बेहतर विकल्प का मामला बताया जा रहा है. विकल्प की तलाश एमपी के मंत्री मोहन यादव तक पहुंची. कुश्ती फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह हरियाणा से किसी भी उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं थे. इसमें दो दिशाएं थी, एक तरफ बृजभूषण सिंह की च्वाइस उत्तराखंड कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष सतपाल सिंह थे, लेकिन बृजभूषण सिंह का ठप्पा लग जाने की वजह से रेसलिंग फेडरेशन और इंडिया के अधिकारी नहीं चाहते थे कि बृजभूषण के किसी करीबी को ये कमान मिले और इसीलिए मोहन यादव का नाम आगे बढ़ाया गया. अटकलें ये भी है कि मोहन यादव के नाम पर मुहर लगने जा रही थी, सहमति भी बन रही थी. लेकिन मोहन को वोटर्स का सपोर्ट नहीं मिल पाया है. हालांकि अभी नाम का ऐलान होना बाकी है.
एमपी कुश्ती संघ को मोहन यादव से उम्मीद: इधर मध्यप्रदेश कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव शाकिर नूर ने संभावना जताई है कि मोहन यादव ही भारतीय कुश्ती संघ में अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे. उन्होंने "कहा कि अगर ये मौका मध्यप्रदेश को मिलता है तो प्रदेश की कुश्ती की प्रतिभाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना पाना कुछ आसान हो जाएगा. मध्यप्रदेश का उज्जैन, रतलाम, इंदौर, मंदसौर यानि मालवा निमाड़ का बड़ा हिस्सा कुश्ती के लिए जाना जाता है. राजधानी भोपाल में कुश्ती अकादमी भी है."
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कांग्रेस का तंज दाग मिटेंगे नहीं: उधर कांग्रेस की मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा है कि "असल में ये पूरी कवायद पाप धोने की है, लेकिन भारतीय कुश्ती फेडरेशन में नया अध्यक्ष बैठा देने से भी बृजभूषण सिंह पर लगे आरोप और बीजेपी पर आए छींटे धुल नहीं जाएंगे."
मोदी सरकार में सबका साथ सबका विकास: बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केशरवानी का कहना है कि "मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास करने वाली है. अगर मोहन यादव बनते हैं तो जाहिर बात है कि एमपी में कुश्ती से जुड़ी खेल प्रतिभाओं को मौका मिलेगा. अगर किसी और को भी मौका मिले तो मोदी सरकार में ये खेल प्रतिभाएं आगे बढ़ेंगी."