भोपाल।Wedding Season: देश में शादियों का सीजन है. देवउठनी ग्यारस के शुभ मुहूर्त के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत हो गई. बीते दो सालों में कोरोना महामारी के कारण कई शादियां पेंडिंग थी, माना जा रहा है कि इस साल नवंबर-दिसंबर महीने में बंपर शादियां होंगी. एक ओर जहां शादी के कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे पर रौनक है, वहीं कार्ड प्रिंटिंग कारोबार से जुड़े लोग अब भी निराश हैं. उनकी मानें तो लोगों में ई-कार्ड का चलन बढ़ रहा है, जिससे इनका व्यापार काफी प्रभावित हुआ है.
ई-कार्ड ने ठप किया कार्ड प्रिंटिंग का कारोबार!
भोपाल में शादी के कार्ड प्रिंटिंग के कारोबार से जुड़े सुरेंद्र विश्वकर्मा बताते हैं कि साल 2019 तक भोपाल में कार्ड प्रिंटिंग का कारोबार सीजन के दौरान करीब 10 करोड़ रुपए का रहता था, जो अब यह घटकर केवल 5% रह गया है. कोरोना काल में शादियों में लगे प्रतिबंध के चलते लोगों ने शादियों के कार्ड छपवाने ही लगभग बंद कर दिए हैं. हालत यह हो गई है कि कार्ड प्रिंटिंग इंडस्ट्री लगभग खत्म होने की कगार पर आ गई है. कारोबारी विश्वकर्मा का मानना है कि ई-कार्ड के बढ़ते चलन ने भी शादी के कार्ड छपवाने के काम को काफी प्रभावित किया है, ऊपर से लोगों में अभी भी कोरोना की तीसरी लहर और शासन की कोरोना गाइडलाइन का डर सता रहा है, इसलिए लोग कम-से-कम लोगों को शादियों में बुला रहे हैं. जिसके चलते शादी कार्ड छपवाने वालों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. केवल खास लोगों को देने के लिए ही लोग 20- 25 कार्ड की छपाई करा रहे हैं.
मेहमानों की लिमिट खत्म होने से बढ़ेगा शादी का कारोबार
जानकारों का कहना है कि दिवाली सीजन के बाद वेडिंग सीजन (Wedding Season) कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाएगा. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) भोपाल इकाई के जिलाध्यक्ष रामबाबू शर्मा बताते हैं कि कोरोना गाइडलाइन के चलते अब तक मेहमानों की संख्या नियत की गई थी, लेकिन फिलहाल शादियों में मेहमानों के शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में शादियों की बुकिंग मिलने की उम्मीद है. शर्मा ने कहा कि शादियों के चलते अनेक लोगों को रोजगार मिलता है. देवउठनी ग्यारस है लेकर दिसंबर तक यानी एक माह के सीजन में अकेले भोपाल में हजारों करोड़ रुपए का कारोबार होता है. इससे बाजार में मनी का फ्लो तो बढ़ेगा, साथ ही आर्थिक विकास होने की भी संभावना है.
1000 करोड़ के कारोबार की उम्मीद
कोरोना काल में लॉकडाउन से पहले राजधानी भोपाल में शादियों का कारोबार 2 से ढाई हजार करोड़ रुपए सालाना का होता था. अब इस शादी सीजन में मेहमानों की संख्या बढ़ने और अन्य राहत मिलने से एक हजार करोड़ से ऊपर कारोबार जाने की उम्मीद है.
मैरिज गार्डन की एडवांस बुकिंग
राजधानी भोपाल में करीब 40 गार्डन संचालित हैं. दो साल से यह गार्डन संचालक कोरोना की मार झेल रहे थे. कोरोना की दूसरी लहर के चलते कई परिवारों में शादियों की तारीखों को आगे बढ़ा दिया था. इस बार हालात ठीक होने से मैरिज गार्डन की एडवांस बुकिंग होने लगी है. इसके साथ ही कैटरिंग और डेकोरेशन के लिए भी एडवांस बुकिंग बड़ी संख्या में हो रही है.