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बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, धार्मिक स्थल भी हुए जलमग्न

बारिश से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. कई लोगों के घरों में पानी भर जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. धार्मिक स्थल भी पानी की जद में आ गए हैं. मंदिर और मस्जिद भी जलमग्न हो गए हैं.

Water filled in religious places
धार्मिक स्थलों में भरा पानी
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Published : Aug 23, 2020, 3:53 PM IST

भोपाल । राजधानी में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश ने सड़कों से लेकर घरों को पानी में तब्दील कर दिया है. बारिश की जद में धार्मिक स्थल भी आ गए हैं. राजधानी में 14 साल बाद ऐसी मूसलाधार बारिश हुई कि बड़ा तालाब खतरे के निशान से ऊपर हो गया और भदभदा के गेट भी खोलने पढ़ रहे हैं.

धार्मिक स्थलों में भरा पानी

बड़े तालाब के किनारे बने मकानों में पानी भर गया, तालाब के किनारे धार्मिक स्थलों में भी पानी भर गया है. भोपाल वीआईपी रोड फतेहगढ़ स्थित मस्जिद में भी लगातार पानी भर रहा है. पुराने किले में स्थित मस्जिद तो आधी डूब गई है. प्राचीन शीतल दास की बगिया का घाट पूरी तरह डूब गया है. किनारे पर बना छोटा शिव मंदिर भी पानी की आगोश में है.

मोहर्रम का महीना चल रहा है, लेकिन कदीमी कर्बला जलमग्न हो गई है. मोहर्रम महीने में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता था. बड़ा तालाब ही नहीं बल्कि भोपाल के अन्य 10 तालाबों के हालात भी इसी तरह के हैं. प्रदेश की कई नदियां और नाले उफान पर हैं.

भोपाल । राजधानी में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश ने सड़कों से लेकर घरों को पानी में तब्दील कर दिया है. बारिश की जद में धार्मिक स्थल भी आ गए हैं. राजधानी में 14 साल बाद ऐसी मूसलाधार बारिश हुई कि बड़ा तालाब खतरे के निशान से ऊपर हो गया और भदभदा के गेट भी खोलने पढ़ रहे हैं.

धार्मिक स्थलों में भरा पानी

बड़े तालाब के किनारे बने मकानों में पानी भर गया, तालाब के किनारे धार्मिक स्थलों में भी पानी भर गया है. भोपाल वीआईपी रोड फतेहगढ़ स्थित मस्जिद में भी लगातार पानी भर रहा है. पुराने किले में स्थित मस्जिद तो आधी डूब गई है. प्राचीन शीतल दास की बगिया का घाट पूरी तरह डूब गया है. किनारे पर बना छोटा शिव मंदिर भी पानी की आगोश में है.

मोहर्रम का महीना चल रहा है, लेकिन कदीमी कर्बला जलमग्न हो गई है. मोहर्रम महीने में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता था. बड़ा तालाब ही नहीं बल्कि भोपाल के अन्य 10 तालाबों के हालात भी इसी तरह के हैं. प्रदेश की कई नदियां और नाले उफान पर हैं.

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