भोपाल। मध्यप्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो गई है. शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. मतदान केंद्र पर भारी संख्या में वोटर पहुंच रहे हैं. वोटिंग के दौरान मतदाताओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा हैं. मतदाता केंद्र पर कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. मतदान केंद्र पर हर मतदाता का पहले टेम्परेचर चेक करने के बाद ही वोट डालवाया जा रहा हैं. उपचुनाव के नतीजों से ही मध्य प्रदेश की मौजूदा शिवराज सिंह चौहान सरकार की किस्मत का फैसला होगा. 28 सीटों के उपचुनाव में 12 मंत्रियों समेत 355 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है.
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Madhya Pradesh: Voting underway at polling booth no. 258 in Gwalior for the by-election to the state assembly constituency.
— ANI (@ANI) November 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Voting to be held on 28 assembly seats of the state today. pic.twitter.com/vOkUgvdfaC
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— ANI (@ANI) November 3, 2020
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— ANI (@ANI) November 3, 2020
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वहीं मुरैना में वोटिंग से पहले बीएसपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया. जहां बीएसपी के दो कार्यकर्ता घायल हो गए. बसपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पर मारपीट का आरोप लगाया है.
मतदाताओं में कोविड-19 का भ्रम दूर करने के लिए मतदान केंद्रों पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है. मतदान केंद्र का आवश्यक सेनेटाइजेशन कराया गया है. मतदान कर्मियों को पीपीई किट प्रदान की गई है. यदि टेम्परेचर दो बार मापने पर भी ज्यादा होता है, तो निर्वाचक को कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत उस वोटर को आखिरी घंटे में वोट डालने दिया जाएगा.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रदेश के 19 जिलों में उपचुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और निष्पक्ष मतदान के लिए करीब 33 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये 250 उड़न दस्ते, 173 निगरानी दल और 293 पुलिस चौकियों को सेवा में लगाया गया है.
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Madhya Pradesh: Voters arrive at a polling booth in Gwalior to cast their vote for the by-election to the state assembly constituency.
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संवेदनशील मतदान केंद्र
चुनाव आयोग की तरफ से 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए 9,361 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. इनमें से 3,038 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.
मौजूदा सियासी समीकरण
राहुल लोधी के इस्तीफे के बाद कुल 230 सीटों में काग्रेस के 87 विधायक रह गए हैं, तो वहीं बीजेपी के कुल 107 विधायक हैं. 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा का विधायक है. बाकी की 29 सीटें फिलहाल खाली हैं, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहे हैं. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसमें से कुल 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा की वजह से खाली हुई हैं, जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, तो वहीं दो सीटें कांग्रेस विधायकों और एक सीट बीजेपी विधायक के निधन से रिक्त हुई है. बीजेपी को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए मात्र नौ सीट जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को 28 सीटों की जरूरत पड़ेगी.
6 सीटों पर बीजेपी की स्थिति कमजोर
उपचुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों ने 'करो या मरो' वाली स्थिति में पूरा दमखम लगाया है. ऐसा माना जा रहा है कि, 28 में से 22 पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. जबकि 6 सीटों पर बीजेपी कमजोर दिखाई दे रही है. अगर सभी 28 सीटों पर कांग्रेस को जीत नहीं मिलती है, तो शिवराज सरकार को खतरा न के बराबर है. हालांकि कांग्रेस के लिए तब बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के दम पर सत्ता को चुनौती दिए जाने की संभावना बनी रहेगी.
12 मंत्रियों की साख दांव पर
प्रदेश की इन 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कुल 12 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है. हालांकि इन सीटों पर कई दिग्गजों के साथ कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. जिनके भाग्य का फैसला 63.67 लाख मतदाता करेंगे.
10 नवंबर को फैसला
मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद 10 नवंबर को मतों की गणना होगी. 28 सीटों पर हो रहे इस उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस वापसी करेगी या फिर बीजेपी सत्ता में बनी रहेगी.