डिंडोरी। एमपी के डिंडोरी में कन्या विवाह योजना की हितग्राही महिलाओं का प्रग्नेंसी टेस्ट कराए जाने से सूबे में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर लापरवाही करने और महिलाओं की निजता भंग करने के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने प्रेग्नेंसी टेस्ट करने वाले और कराने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण बताया है. पीसीसी चीफ ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है. शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है.
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डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है।
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मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 23, 2023
मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है।
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मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…
कमलनाथ का हमला: पीसीसी चीफ कमलनाथ ने Tweet कर बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा कि डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है. मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है? शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें. यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है.
BJP ने टेस्ट से नकारा: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रेग्नेंसी टेस्ट के आरोपों से इंकार किया है. वीडी शर्मा ने कलेक्टर द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बताया कि महिलाओं का शादी के पहले सिकल सेल ऐनिमिया का टेस्ट कराया गया था. वीडी शर्मा ने पूरे मामले की जांच की बात की है.
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कुप्रथा की शुरुआत: मध्य प्रदेश मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने इस मामले में भाजपा सरकार पर उटपटांग नियम कायदे बनाने का आरोप लगाया है. संगीता का कहना है कि इसको तो सुनकर ऐसा लगता है कि शर्म को भी शर्मिंदा होना पड़ता है. एक तरफ मध्यप्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं है वहीं दूसरी ओर सरकार कन्या विवाह के नाम पर बेटियों का वर्जिनिटी और प्रेगनेंसी टेस्ट करा रही है यह एक नई कुप्रथा को जन्म देने की शुरुआत है.
दरअसल मध्यप्रदेश में अक्षय तृतीया के मौके पर डिंडोरी जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलन के आयोजन किए गए थे. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा वहां मौजूद दुल्हनों को विवाह से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कराने का नियम सामने ला दिया था. जिसके चलते कई महिलाओं ने इस विवाह समारोह का बहिष्कार किया तो कई परिजनों ने वहां पर हंगामा भी कर दिया.