भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती का मामला एक बार फिर विवादों में है. इस बार मध्यप्रदेश अजाक्स उपाध्यक्ष और उनके प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि उप रजिस्ट्रार, अस्पताल प्रबंधक, सहायक अस्पताल प्रबंधक और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के पद की सीधी भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया है.
गांधी मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाते हुए अजाक्स उपाध्यक्ष डॉ. जगदीश सूर्यवंशी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को संचालित करने के लिए जन 313 गैर चिकित्सकीय पदों पर भर्ती होनी थी, उन पदों का राज्य स्तरीय रोस्टर संधारण होना था. यदि ऐसा होता तो अनुसूचित जाति/ जनजाति, पिछड़े वर्ग और 10% गरीब सवर्णों को इसका लाभ मिलता, लेकिन मेडिकल कॉलेज लेवल पर इन्हें बांट लिया गया. साथ ही जीएडी के नियमों को भी दरकिनार किया गया है. जिसमें कहा गया है कि आवेदन ऑनलाइन मंगाए जाएंगे और व्यापम जैसी सक्षम एजेंसी की नियुक्ति करेंगे. हमारी मांग है कि अभी होने वाली भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर आवेदन ऑनलाइन मंगाया जाए और व्यापम के जरिए भर्ती की प्रक्रिया हो.
बता दें कि इससे पहले भी ये भर्ती प्रक्रिया दो बार निरस्त की गई है. पिछली बार नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों ने प्रशासन पर आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन इस भर्ती प्रक्रिया में सांठगांठ कर अपने ही लोगों की भर्ती कराना चाहता है, इसलिए हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है.