भोपाल। "देश के विकास को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए, विकास की चर्चा का ये मतलब नहीं है कि किसी राजनीतिक दल की तारीफ करना है. विकास तो देश का हो रहा है और उसका लाभ सभी को मिलेगा और प्रेस का काम है इस सकारात्मकता को दिखाना. प्रेस की स्वतंत्रता तभी हो सकती है जब वो सकारात्कमक हो, पत्रकारों को ये देखने जाना चाहिए. पत्रकार का काम किसी राजनीतिक दल का हितकारी होना नहीं होता, उसका काम कोई एजेंडा सेट करना नहीं होता." यह बात शुक्रवार को आयोजित (माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि) एमसीयू के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कही.
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जितनी अभिव्यक्ति की आज़ादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है।
— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
पर… pic.twitter.com/kzYyHSnR3P
">जितनी अभिव्यक्ति की आज़ादी भारत के संसद में है, दुनिया के किसी कोने में नहीं है।
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मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
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मैंने यहां तक कहा हुआ है आप किसी भी मुद्दे पर डिस्कशन कीजिए, नियमित सीमा है ढाई घंटे की, मैंने कहा उस मुद्दे पर आधी रात तक करूंगा, चर्चा तो कीजिए और चर्चा से निश्चित रूप से अच्छा परिणाम निकलेगा।
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मध्यप्रदेश कर रहा तरक्की: उपराष्ट्रपति ने कहा कि "आपके एमपी ने कई तमगे हासिल किए और कृषि क्षेत्र में कमाल का काम किया है, आपके प्रदेश में बहुत बदलावा आया है लेकिन पत्रकारों ने वो क्यों नहीं दिखाया? आपके यहां सिंचाई में छह गुना वृद्धि हुई, इस विकास और बदलाव के कारण प्रदेश में सामाजिक, आर्थिक और बच्चों पर बड़ा असर हुआ है. बिजली में छह गुना बढ़ोतरी हुई है और मैं इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं करता, अगर पत्रकार थोड़ा सा प्रयास करें तो निश्चित ही आम आदमी को समझ आएगा कि उसका प्रदेश कितनी तरक्की कर रहा है." कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति के अलावा जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल और भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हुई.
पांच साल की डिग्री एक साथ बांटी: एमसीयू में जून 2018 से 2022 तक दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं किया जा सका, पहले सरकार बदलने के कारण और फिर कोविड के चलते यह समारोह स्थगित हुआ. फिर तय हुआ कि नए परिसर में इसे आयोजित किया जाएगा, यह जानकारी कुलपति डॉ .केजी सुरेश ने दी। उन्होंने बताया कि इसीलिए "विवि का चतुर्थ दीक्षांत समारोह में जून 2018 से दिसंबर 2022 के पास आउट स्टूडेंट को डिग्रियां प्रदान की जा रही हैं. जब से विवि प्रारंभ हुआ, तब से पहली बार अपने स्वयं के परिसर में आयोजित हुआ है. बिशनखेड़ी स्थित माखनपुरम परिसर के जिस सभागार में कार्यक्रम हुआ, उसका नाम आजादी में पत्रकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गणेश शंकर विद्यार्थी नाम दिया गया है.
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पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है... हालात विस्फोटक हैं, अविलंब निदान होना चाहिए।
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प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
But this watchdog is watching the interest on a commercial pattern. यह ठीक नहीं है। pic.twitter.com/j0YafkVIeR
">पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है... हालात विस्फोटक हैं, अविलंब निदान होना चाहिए।
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प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
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प्रजातांत्रिक व्यवस्था के आप चौथा स्तंभ है। सबको आप अपनी ताकत से सजग कर सकते हैं।
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2 कमरों से हुई थी एमसीयू शुरुआत: विवि की शुरूआत दो कमरों से हुई थी, कुल पांच कैंपस संचालित हैं, जबकि सोलह सौ अध्ययन केंद्र हैं. इनमें करीब दो लाख स्टूडेंट स्टडी कर रहे हैं, लेकिन अब नया परिसर पास पचास एकड़ में बनकर तैयार है, जिसमें दो एकेडमिन बिल्डिंग तक्षशिला एवं विक्रम शिला हैं. इसके अलावा चार-चार मंजिला दो ब्लॉक हैं, जिनमें कुल 10 डिपार्टमेंट संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा एमपी फिल्म फ्रैंडली स्टेट के रूप में अपनी पहचान बना चुका है, इसीलिए विवि द्वारा एक नया विभाग सिनेमा अध्ययन विभाग शुरू किया गया है."