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ड्रिंक एंड ड्राइव में जब्त गाड़ियां थाने में खा रही हैं धूल, जुर्माना भरने को तैयार नहीं वाहन मालिक

भोपाल पुलिस नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन ये कार्रवाई अब उनके लिए ही मुसीबत साबित हो रही है, ड्रिंक एंड ड्राइव केस में जब्त किए वाहनों के मालिक अब जुर्माना भरने के लिए तैयार नहीं हैं.

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Published : Jun 18, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 5:49 PM IST

Vehicles seized in drink and drive case
ड्रिंक एंड ड्राइव में जब्त गाड़ियां थाने में खा रहीं धूल

भोपाल। राजधानी पुलिस नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. चालानी कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस वाहन जब्त करने की भी कार्रवाई करती है, लेकिन विडंबना ये है कि, ऐसे करीब 100 से भी ज्यादा वाहन यातायात थाने में धूल खा रहे हैं. जिन्हें पुलिस ने ड्रिंक एंड ड्राइव केस में जब्त किया था. इन वाहनों के मालिक इन्हें वापस लेने ही नहीं पहुंचे हैं. जिसके चलते यातायात पुलिस की मुसीबतें बढ़ गई हैं.

ड्रिंक एंड ड्राइव में जब्त गाड़ियां थाने में खा रहीं धूल

यातायात थाने में सड़ रहे वाहन-

राजधानी भोपाल के यातायात थाने में करीब 100 से भी ज्यादा दो पहिया वाहन पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. लेकिन पिछले 6 महीने से इन वाहनों को वापस लेने के लिए वाहन मालिक थाने में नहीं पहुंचे हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण ये है कि, ड्रिंक एंड ड्राइव केस में पुलिस वाहन तो जब्त कर लेती है. इसके बाद जिला कोर्ट में 5 हजार से लेकर 15-20 हजार रुपए तक का जुर्माना भरने के बाद ही इन वाहनों को छोड़ा जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में वाहन चालक के पास लाइसेंस भी नहीं होता है, जिससे ड्रिंक एंड ड्राइव के साथ-साथ और भी धाराएं बढ़ जाती हैं और जुर्माने की रकम भी दोगुनी हो जाती है.

चालान भरने को नहीं तैयार वाहन मालिक-

ऐसे में इतना भारी भरकम चालान भरने के बजाय वाहन मालिक इन वाहनों को वापस लेने ही नहीं आते हैं. दूसरी बड़ी वजह ये है कि, कार्रवाई में जब्त किए गए ज्यादातर वाहनों की स्थिति खराब होती है और थाने में खड़े-खड़े वाहन और भी ज्यादा कंडम हो जाते हैं. लिहाजा वाहन मालिक इन वाहनों को जुर्माना भरकर वापस ले जाने की जहमत नहीं उठाते हैं या फिर इतने ही रुपयों में कोई सेकंड हैंड वाहन खरीद लेते हैं.

पुलिस के सामने वाहनों को रखने की समस्या-

एक तरफ जहां वाहन मालिक जुर्माना भरने के डर से वाहनों को वापस लेने नहीं आते हैं, तो वहीं इन वाहनों को लेकर पुलिस की मुसीबतें भी बढ़ रही हैं. पुलिस के सामने वाहनों को पार्क करने की सबसे बड़ी समस्या रहती है. लंबे समय तक खड़े वाहनों के पार्ट्स भी खराब हो जाते हैं और आखिर तक इन वाहनों को लेने अगर मालिक नहीं पहुंचते हैं तो, इन वाहनों को नीलाम कर दिया जाता है. लेकिन नीलामी तक ये वाहन पुलिस के लिए सिरदर्द ही बने रहते हैं.

भोपाल। राजधानी पुलिस नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. चालानी कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस वाहन जब्त करने की भी कार्रवाई करती है, लेकिन विडंबना ये है कि, ऐसे करीब 100 से भी ज्यादा वाहन यातायात थाने में धूल खा रहे हैं. जिन्हें पुलिस ने ड्रिंक एंड ड्राइव केस में जब्त किया था. इन वाहनों के मालिक इन्हें वापस लेने ही नहीं पहुंचे हैं. जिसके चलते यातायात पुलिस की मुसीबतें बढ़ गई हैं.

ड्रिंक एंड ड्राइव में जब्त गाड़ियां थाने में खा रहीं धूल

यातायात थाने में सड़ रहे वाहन-

राजधानी भोपाल के यातायात थाने में करीब 100 से भी ज्यादा दो पहिया वाहन पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. लेकिन पिछले 6 महीने से इन वाहनों को वापस लेने के लिए वाहन मालिक थाने में नहीं पहुंचे हैं. इसके पीछे का मुख्य कारण ये है कि, ड्रिंक एंड ड्राइव केस में पुलिस वाहन तो जब्त कर लेती है. इसके बाद जिला कोर्ट में 5 हजार से लेकर 15-20 हजार रुपए तक का जुर्माना भरने के बाद ही इन वाहनों को छोड़ा जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में वाहन चालक के पास लाइसेंस भी नहीं होता है, जिससे ड्रिंक एंड ड्राइव के साथ-साथ और भी धाराएं बढ़ जाती हैं और जुर्माने की रकम भी दोगुनी हो जाती है.

चालान भरने को नहीं तैयार वाहन मालिक-

ऐसे में इतना भारी भरकम चालान भरने के बजाय वाहन मालिक इन वाहनों को वापस लेने ही नहीं आते हैं. दूसरी बड़ी वजह ये है कि, कार्रवाई में जब्त किए गए ज्यादातर वाहनों की स्थिति खराब होती है और थाने में खड़े-खड़े वाहन और भी ज्यादा कंडम हो जाते हैं. लिहाजा वाहन मालिक इन वाहनों को जुर्माना भरकर वापस ले जाने की जहमत नहीं उठाते हैं या फिर इतने ही रुपयों में कोई सेकंड हैंड वाहन खरीद लेते हैं.

पुलिस के सामने वाहनों को रखने की समस्या-

एक तरफ जहां वाहन मालिक जुर्माना भरने के डर से वाहनों को वापस लेने नहीं आते हैं, तो वहीं इन वाहनों को लेकर पुलिस की मुसीबतें भी बढ़ रही हैं. पुलिस के सामने वाहनों को पार्क करने की सबसे बड़ी समस्या रहती है. लंबे समय तक खड़े वाहनों के पार्ट्स भी खराब हो जाते हैं और आखिर तक इन वाहनों को लेने अगर मालिक नहीं पहुंचते हैं तो, इन वाहनों को नीलाम कर दिया जाता है. लेकिन नीलामी तक ये वाहन पुलिस के लिए सिरदर्द ही बने रहते हैं.

Last Updated : Jun 18, 2020, 5:49 PM IST
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