भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार बंपर सब्जियों की पैदावार हुई, जिससे किसानों के चेहरे तो खिल उठे थे, लेकिन कोरोना महामारी से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं. अब यही पैदावार किसानों के लिए मुसीबत बन गया है क्योंकि कोरोना के खौफ में बाजारों से खरीददार ही गायब हैं. हालत ये है कि भोपाल प्रशासन ने जो रेट लिस्ट सब्जियों की तय की थी, उससे भी कम दाम में सब्जियां नहीं बिक रही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सब्जियों के दाम में कितनी गिरावट आई है.
सब्जियों के दाम कम होने के ऐसे तो कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण है लोगों का बाहर कम निकलना. जिसके चलते दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले साल और इस वक्त कोरोना काल की तुलना की जाए तो इस बार सब्जियों के दाम काफी कम हैं. शहर के विट्ठल मार्केट सब्जी मंडी के अध्यक्ष हरिओम खटीक का कहना है कि विट्ठल मार्केट में 750 वेंडर हैं, लेकिन सिर्फ 400 को ही अनुमति दी गई है, जिसके चलते किसान कम कीमत में भी सब्जियां बेचकर जा रहे हैं.
वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि लॉकडाउन के चलते पहले सब्जियां खेतों में सड़ गईं और बाजार तक नहीं पहुंच पाईं. इस बार पैदावार बंपर हुई है, लेकिन लॉकडाउन के चलते जो सब्जियां आ रही हैं, उसे किसान कम दाम में बेचकर जा रहे हैं. फिर सब्जी विक्रेता दोगुने दाम में उसी सब्जी को बाजार में बेच रहे हैं. जिससे किसानों को घाटा हो रहा है, प्रदेश सरकार ने इस तरफ अब तक ध्यान नहीं दिया है.
भोपाल में इस दाम में बिक रही सब्जियां
- गिलकी- 20 से 25 रूपये किलो
- भिंडी- 15 से 20 रूपये किलो
- करेला- 20 से 25 रूपये किलो
- लौकी- 10 से 15 रूपये किलो
- बैगन- 10 से 15 रूपये किलो
- पत्ता गोभी- 10 से 20 रूपये किलो
- टमाटर- 20 रूपये किलो
- मिर्ची- 30 से 40 रूपये किलो
- आलू- 25 रूपये किलो
- प्याज- 10 रूपये किलो
- लहसुन- 100 रूपये किलो