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प्रदेश के ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द, शिक्षा केंद्र ने रजिस्टर्ड किराएनामे का दिया हवाला

पिछले पांच सालों से संचालित करीब ढाई हजार स्कूलों की मान्यता नहीं दिए जाने से स्कूल संचालकों में खासा आक्रोश है.बिना किसी कारण के राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता रद्द कर दी और अब रजिस्टर्ड किराए नामे का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी है.

प्रदेश के ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द
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Published : May 19, 2019, 2:09 AM IST

भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र ने करीब ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जिसका विरोध शुरू हो गया है. प्रदेश के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र ने रजिस्टर्ड किरायानामा का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है जिससे स्कूल संचालकों में खासी नाराजगी है.

प्रदेश के ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द

पिछले पांच सालों से संचालित करीब ढाई हजार स्कूलों की मान्यता नहीं दिए जाने से स्कूल संचालकों में खासा आक्रोश है. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बिना किसी कारण के राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता रद्द कर दी और अब रजिस्टर्ड किराए नामे का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी है.
निजी स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया है कि पैसों के लेन-देन न होने के कारण राज्य शिक्षा केंद्र ने इस प्रकार की कार्रवाई की है जबकि ये स्कूल पिछले 5 सालों से संचालित किए जा रहे थे. स्कूल संचालको ने चेतावनी दी है कि अगर जुलाई माह से पहले इन स्कूलों को संचालित करने के लिए मान्यता नहीं दी गई तो वह उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी राज्य शिक्षा केंद्र और प्रदेश सरकार की होगी.

भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र ने करीब ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जिसका विरोध शुरू हो गया है. प्रदेश के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र ने रजिस्टर्ड किरायानामा का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है जिससे स्कूल संचालकों में खासी नाराजगी है.

प्रदेश के ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द

पिछले पांच सालों से संचालित करीब ढाई हजार स्कूलों की मान्यता नहीं दिए जाने से स्कूल संचालकों में खासा आक्रोश है. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बिना किसी कारण के राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता रद्द कर दी और अब रजिस्टर्ड किराए नामे का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी है.
निजी स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया है कि पैसों के लेन-देन न होने के कारण राज्य शिक्षा केंद्र ने इस प्रकार की कार्रवाई की है जबकि ये स्कूल पिछले 5 सालों से संचालित किए जा रहे थे. स्कूल संचालको ने चेतावनी दी है कि अगर जुलाई माह से पहले इन स्कूलों को संचालित करने के लिए मान्यता नहीं दी गई तो वह उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी राज्य शिक्षा केंद्र और प्रदेश सरकार की होगी.

Intro:राज्य शिक्षा केंद्र ने करीब ढाई हजार निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है जिसका विरोध शुरू हो गया है मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र ने रजिस्टर्ड किरायानामा का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है जिससे स्कूल संचालकों में खासी नाराजगी है


Body:पिछले 5 सालों से संचालित करीब ढाई हजार स्कूलों की मान्यता नहीं दिए जाने से स्कूल संचालकों में खासा आक्रोष है निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि बिना किसी रीजन के राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता रद्द कर दी और अब रजिस्टर्ड किराए नामे का हवाला देकर स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी निजी स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया है कि पैसों के लेन-देन ना होने के कारण राज्य शिक्षा केंद्र ने इस प्रकार की कार्यवाही की है जबकि ये स्कूल पिछले 5 सालों से संचालित किए जा रहे थे तब राज शिक्षा केंद्र ने रजिस्टर्ड किराएनामे का जिक्र नहीं किया लेकिन अब अचानक से स्कूलों की मान्यता पर रोक लगा दी ।


बाइट अजीत सिंह प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन


Conclusion:स्कूल संचालक कौन है चेतावनी दी है कि अगर जुलाई माह से पहले इन स्कूलों को स्कूल संचालित करने के लिए मान्यता नहीं दी गई तो वह उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे जिसकी जिम्मेदारी राज्य शिक्षा केंद्र और प्रदेश सरकार की होगी वर्तमान में ढाई हजार स्कूलों में करीब 20 हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं अगर इन स्कूलों को मान्यता नहीं दी जाती है तो बच्चों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
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