भोपाल. पॉप सिंगर उषा उत्थुप ने अपनी भारी आवाज, फिल्म इंडस्ट्री और प्लेबैक सिंगिंग से जुड़े कुछ अनसुने किस्से ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में सुनाए. भोपाल पहुंचीं उषा उत्थुप ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में कभी भी उनकी आवाज अच्छे रोल करने वाली हीरोईंस को नहीं दी गई. अच्छी हीरोईंस के गानों को हमेशा लता मंगेशकर और आशा भौंसले की आवाज दी जाती थी पर उन्हें कभी इस बात से दुख नहीं हुआ.
अपनी लिमिटेशन्स को बनाया ताकत
उषा उत्थुप ने आगे कहा, 'मेरी आवाज भारी थी और गाने नहीं मिलने का मुझे रत्ती भर भी अफसोस नहीं है. मैं ये मानती हूं कि अच्छे बुरे से ज्यादा ये ओरिजनल की बात है और मैं सौ पर्सेंट ऑरिजिनल हूं. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी लिमिटेशन्स को ही अपनी सबसे बड़ी ताकत बना लिया. मैं सभी से यही कहती हूं कि अपनी लिमिटेशन को अपनी स्ट्रेंथ बना लो. उन्होंने कहा कि मैं अपने ही गाए गानों को री इन्वेंट करती हूं.
मैं नाइट क्लब सिंगर थी : उषा
उषा उत्थुप कहती हैं मैं प्लेबेक सिंगिंग की रेस में नहीं थी, मैं नाइट क्लब सिंगर थी. मैं हमेशा कहती हूं कि मेरी जो लिमिटेशन है मैंने उसे स्ट्रेंथ में बदल दिया. सबसे यही कहती हूं मेक योर लिमिटेशन योर स्ट्रेंथ. ये जो अलग बात कह रहे हैं कि भारी आवाज वगैरह. इट्स ओके. मैं जरुर कहूंगी आपके चैनल में कि 'ए सॉन्ग इस ऑलवेज़ बिगर देन ए सिंगर.'
पुराने और नए गीतों को लेकर कही ये बात
पुराने गीतों को लेकर उषा उत्थुप ने कहा, 'पुराने गाने हमेशा रहेंगे, रेट्रो इज ऑलवेज गुड. जैसे- 'अजीब दास्तान', किसने सोचा था कि ये इतना शानदार होगा. लेकिन उन दिनों में तो एवरी सॉन्ग कैरिड बाय द फिल्म ना. आज के गानों की बात करें तो ऐसा मत सोचिए कि आज के गाने में दम नहीं है. गिव इट सम टाइम. जो कहते हैं ना कि छलनी लगी है, जो अच्छा है वो रह जाएगा और जो खराब है वो फिल्टर में निकल जाएगा अपने आप.
मेरे तो हर गीत में राम हैं
उषा उत्थुप आगे कहती हैं, 'मेरे तो हर गाने में राम हैं. 50 साल पहले हरे रामा हरे कृष्णा, हरि ओम हरि, प्यार से लेना है उसका नाम राधे श्याम सबमें यही है. हमारे लिए हर गाना भजन होता है और मैं हर गाना ऊपरवाले के लिए ही गाती हूं. वीडियो में देखें पूरा इंटरव्यू.