भोपाल। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सोमवार को एक दिवसीय प्रवास पर भोपाल में थे. इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. इन दिनों पुरानी पेंशन का मामला खासा तूल पकड़ रहा है. कई राज्यों में कर्मचारी सड़कों पर उतरे हुए हैं लेकिन इस मामले में केंद्रीय पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह खुलकर कुछ नहीं बोले. भोपाल में भारत सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सिंह इस मामले में चुप्पी साधे रहे. उन्होंने पेंशन से जुड़े सवाल पर पहले तो जवाब देने में कोताही बरती. फिर साफ तौर पर कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम पर विचार वित्त मंत्रालय ही करेगा.
सुविधा के लिए बनाया जा रहा पेंशन पोर्टल: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "पेंशन की सुविधा के लिए पेंशन पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें सभी बैंकों को भी जोड़ा जाएगा और इसी की जानकारी देने के लिए मैं यहां आया हूंं." केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेंशन के लिए देश में इंटीग्रेटेड सिस्टम बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से पेंशनर सुविधाओं के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग कर सकेंगे. पेंशन को और अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास भी लगातार जारी हैं''
सरकार रिटायर्ड लोगों की जिंदगी बेहतर बनाएगी: जितेंद्र सिंह ने कहा, ''रिटायर्ड लोगों के लिए केंद्र सरकार जो पॉलिसी बना रही है, उसमें बुजुर्गों की ऊर्जा और स्किल का उपयोग करने पर केंद्र सरकार वर्कआउट कर रही है. रिटायरमेंट से पहले अब प्री काउंसलिंग होगी. रिटायरमेंट जीवन का अंतिम पड़ाव नहीं है. सरकार रिटायर्ड लोगों की जिंदगी बेहतर बनाएगी. बुजुर्गों की स्किल्स का बेहतर उपयोग होगा, बैंकर्स अवेयरनेस प्रोग्राम जरूरी है. देश में पेंशनर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है''. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गुड गवर्नेंस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मिंटो हॉल पहुंचे. यहां पर अपने भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कई योजनाओं का जिक्र किया.
मोदी सरकार ने नियमों में कमी की: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ''सरकारें गुड गवर्नेंस के लिए कई नए-नए नियम बनाती हैं और उन नियमों को लागू भी करती हैं. लेकिन देश में मोदी सरकार जब से आई है, तब से उन्होंने कई नियमों को खत्म किया है. हमारी सरकार का उद्देश्य नए नियम बनाना नहीं बल्कि नियमों को कम करते हुए बेहतर ढंग से काम, आसानी से हो जाए इस पर फोकस करना है''.
बचपन की घटना का जिक्र किया: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कई घटनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया, ''पहले फॉर्म पास कराने के लिए गजेटेड ऑफिसर के साइन कराने होते थे, इसके लिए बड़ी मेहनत लगती थी. मोदी सरकार ने इस कठोर नियम को भी बदला''. केंद्रीय मंत्री जतिन ने अपने बचपन की एक घटना सुनाते हुए कहा कि जब वे युवा थे तब उन्होंने भी ₹5 देकर एक बार अपने फॉर्म पर गजेटेड ऑफिसर के साइन करवाए थे.
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मोदी सरकार में शिकायतें बढ़ीं: जितेंद्र सिंह ने मजाकिया लहजे में बताया, ''जब से मोदी सरकार आई है तब से शिकायतों का भी अंबार बढ़ा है. एक आंकड़े के अनुसार 2014 के पहले देशभर में मात्र 2 लाख शिकायतें ही आया करती थीं. मोदी सरकार के आने के बाद यह आंकड़ा 20 लाख के पार पहुंचा. यह इसलिए मुमकिन हो पाया है क्योंकि लोगों का जुड़ाव मोदी सरकार से हुआ है और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा शिकायतों का निराकरण हो और उन्हें संतुष्टि हो. इसके लिए हमने लगभग 95 से 98% शिकायतों का निराकरण कर दिया है.'' उन्होंने कहा, ''मान लीजिए कि मैं किसी विभाग का अधिकारी हूं, जैसे इकबाल सिंह बैंस हैं और उन्हें कुछ जिम्मेदारी दे दी जाती है लेकिन दूसरा व्यक्ति चाहता है कि वह जिम्मेदारी उन्हें मिले तो इसको लेकर वह इकबाल की शिकायत कर देता है. इसलिए कई बार यह स्थिति निर्मित हो जाती है कि किसी शिकायत के पीछे का मोटिव क्या है, यह जानना जरूरी होता है. इसके फीडबैक के लिए भी हम लोग काम कर रहे हैं''.